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हथियारों के बाद अब US की टेक्नोलॉजी से दो-दो हाथ करेगा जिनपिंग का मिशन 'Delete A', पढ़ें INSIDE STORY

China- America  : द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार और तकनीकी युद्ध के बीच, चीन तकनीकी में आत्मनिर्भर बनने के लिए अपने "डिलीट अमेरिका" मिशन को आगे बढ़ा रहा है. 

Xi Jinping
Xi Jinping
KIRTIKA TYAGI|Updated: Mar 08, 2024, 07:58 PM IST
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Delete A​ : आत्मनिर्भर बनने के लिए चीन आईबीएम, एचपी, सिस्को सिस्टम्स, माइक्रोसॉफ्ट और ओरेकल जैसी अमेरिकी तकनीकी कंपनियों को निशाना बना रहा है. चीनी नेता शी जिनपिंग का लक्ष्य है, कि डोमेस्टिक सप्लाई चेन पर ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जाए. द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट का कहना है, कि संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार और तकनीकी युद्ध के बीच, चीन तकनीकी में आत्मनिर्भर बनने के लिए अपने "डिलीट अमेरिका" मिशन को आगे बढ़ा रहा है. चीन ने सितंबर 2022 में डिलीट अमेरिका की स्थापना की थी.

 

 

डिलीट अमेरिका, जिसे डोक्यूमेंट 79 के नाम से भी जाना जाता है, इसे चीनी सरकार ने जारी किया है. यह एक निर्देश है. डोक्यूमेंट में वित्त, ऊर्जा और अन्य कई क्षेत्रों में राज्य के ओनरशिप वाली कंपनियों को 2027 तक अपने आईटी सिस्टम में बदलना है.

 

इन सालों में अमेरिकी तकनीकी लंबे समय तक चीन में फलते-फूलते रहे क्योंकि, उन्होंने "कंप्यूटर, ऑपरेटिंग सिस्टम और सॉफ्टवेयर के साथ देश के मैन्यफैक्चरिंग विकास को बढ़ावा दिया है. चीनी नेता अब आत्मनिर्भरता पर जोर देने और देश की सुरक्षा के लिए इसे बदलना चाहते हैं. 

 

कहा जा रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट और ओरेकल जैसी कंपनियां भी इस क्षेत्र में पिछड़ रही हैं. सेमीकंडक्टर और फाइटर जेट जैसी तकनीक से लेकर अनाज और तिलहन के उत्पादन तक हर चीज में आत्मनिर्भरता के लिए चीनी नेता शी जिनपिंग के वर्षों के प्रयास में यह प्रयास सिर्फ एक बचाव है.

 

पहला लक्ष्य अमेरिकी हार्डवेयर निर्माता रहे हैं, डेल, आईबीएम, एचपी और सिस्को सिस्टम्स, इन सभी कंपनियों ने धीरे-धीरे अपने डिवाइस को चीनी कॉम्पेटिटर के उत्पादों से बदला है, और जैसे-जैसे चीन ने अपने हार्डवेयर को बदलने पर ध्यान दिया, तो इन कंपनियों के रेवेन्यू में गिरावट देखी गई.

 

क्या है,  जिनपिंग की रणनीति

 

शी जिनपिंग की रणनीति यह है, कि चीन को भोजन, कच्चे माल और ऊर्जा के लिए पश्चिम पर कम निर्भर बनाया जाए और इसके बजाय डोमेस्टिक सप्लाई चेन पर ध्यान केंद्रित किया जाए.

 

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग छह साल पहले, अधिकांश सरकारी निविदाओं में पश्चिमी ब्रांडों से हार्डवेयर, चिप्स और सॉफ्टवेयर मांगे गए थे. "2023 तक, कई लोग इसके बजाय चीनी तकनीकी उत्पादों की मांग कर रहे थे.

 

एक रिपोर्ट में कहा गया है, कि चीन के राज्य क्षेत्र से तरजीही मांग का मतलब यह हो सकता है कि पश्चिमी लोग चीनी बाजार में और पीछे खिसकते रहेंगे. हालांकि, सब कुछ खत्म नहीं हुआ है, जैसा कि रिपोर्ट में कहा गया है, "पश्चिमी कंपनियों के लिए चीन में अवसर मौजूद हैं. 

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