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हिल जाएगी फ्यूचर वॉरफेयर की दुनिया, चीन ने बनाया 3 टांग वाला खतरनाक 'मच्छर', देखती रह गई दुनिया

Mosquito Drone: चीन लगातार डिफेंस के क्षेत्र में बड़ी कामयाबियां हासिल रहा है. हाल ही में वैज्ञानिकों ने एक ऐसा माइक्रो ड्रोन बनाया है जो फ्यूचर की जंगें बदल सकता है. हालांकि इसको लेकर कुछ चुनौतियां भी हैं.

हिल जाएगी फ्यूचर वॉरफेयर की दुनिया, चीन ने बनाया 3 टांग वाला खतरनाक 'मच्छर', देखती रह गई दुनिया
Tahir Kamran|Updated: Jun 22, 2025, 08:28 PM IST
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चीनी वैज्ञानिकों ने एक ऐसा हथियार बनाया है, जिसको लेकर कहा जा रहा है कि वो जंग लड़ने के तरीकों को बदल देगा. बताया जा रहा है कि चीनी वैज्ञानिकों ने एक बहुत छोटा और मच्छर का आकार वाला ड्रोन तैयार है. इसका इस्तेमाल ना सिर्फ सैन्य ऑपरेशंस में बल्कि कई अन्य कामों में किया जा सकता है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट (SCMP) की रिपोर्ट में बताया गया कि यह माइक्रो ड्रोन चीन के हुनान राज्य में मौजूद 'नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ डिफेंस टेक्नोलॉजी (NUDT)' की एक रोबोटिक्स लैब ने तैयार किया है.

रिपोर्ट के मुताबिक इस ड्रोन को हाल ही में चीन के सैन्य टीवी चैनल CCTV7 पर दिखाया गया था. चैनल पर प्रदर्शित करते समय एक छात्र ने इसे अपने हाथ में पकड़ा हुआ था और उस छात्र ने बताया कि यह मच्छर के जैसे दिखने वाला माइक्रो रोबोट खास तौर पर जासूसी करने और सैन्य मिशनों को अंजाम देने के लिए बनाया गया. इस ड्रोन की लंबाई लगभग 1.3 सेंटीमीटर है और इसके दो छोटे-छोटे पंख भी हैं. इसके अलावा तीन बेहद पतले-पतले पैर भी हैं. इसका पूरा कंट्रोल स्मार्टफोन पर होगा.

क्या-क्या काम कर सकेगा यह ड्रोन?

चीन के जरिए बनाया गया यह बेहद छोटा और अनोखा ड्रोन कई काम करने में सक्षम है. इसकी मदद से दुश्मन को बिना पता चले जासूसी और निगरानी की जा सकती है. आपातका में मलबे में फंसे लोगों को तलाश करने में मददगार साबित हो सकता है. इसके अलावा पर्यावरणीय काम के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, जैसे हवा की क्वॉलिटी या फिर पानी की जांच करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकाता है.

कुछ चुनौतियां भी हैं

हालांकि इसको लेकर अभी कई तरह की चुनौतियां भी हैं. क्योंकि आकार में बेहद छोटा है. इसलिए इसमें बहुत कम सामान, सेंसर या अन्य उपकरण लगाए जा सकते हैं. इसके अलावा यह ज्यादा देर तक उड़ नहीं पाएगा, क्योंकि आकार छोटा होने की वजह से इसकी बैटरी भी बहुत छोटी है. लेकिन जैसे-जैसे बैटरी, सेंसर और AI की तकनीक आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे यह इस तरह के माइक्रो ड्रोंस पर निर्भरता बढ़ना लगभग तय माना जा रहा है.

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