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चलते-चलते अचानक ठप हो जाएंगे सिग्नल, छाएगा अंधेरा, चीन ने बनाया ब्रह्मास्त्र, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में मच जाएगी तबाही

China News: चीन दुनिया से आगे निकलने की तैयारी में लगा है. यहां के वैज्ञानिकों ने एक ऐसी तकनीक विकसित की है जिसके जरिए चीनी सैन्य बल आसानी के साथ दुश्मन के संचार और नेविगेशन सिस्टम को पूरी तरह से निष्क्रिय कर सकता है. 

चलते-चलते अचानक ठप हो जाएंगे सिग्नल, छाएगा अंधेरा, चीन ने बनाया ब्रह्मास्त्र, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में मच जाएगी तबाही
Abhinaw Tripathi |Updated: Aug 03, 2025, 05:48 PM IST
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China News: चीन खुद को नई ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है. रक्षा के क्षेत्र में भी चीन तेजी से आगे बढ़ रहा है. ऐसे में अब चीनी वैज्ञानिकों ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि उन्होंने एक ऐसी इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक विकसित की है तूफान की शांत आंख की तरह काम करती है. इस तकनीक के जरिए चीनी सैन्य बल आसानी के साथ दुश्मन के संचार और नेविगेशन सिस्टम को पूरी तरह से निष्क्रिय कर सकता है. अगर इलेक्ट्रॉनिक युद्ध हुआ तो पीएलए बलों के लिए ये तकनीक ब्रह्मास्त्र साबित हो सकती है. जानते हैं इसके बारे में विस्तार के साथ. 

MY News की रिपोर्ट के मुताबिक ये तकनीक ड्रोन पर आधारित है और यह सटीक रेडियो फ्रीक्वेंसी सिग्नल भेजने में माहिर है. ये ड्रोन अपने सिग्नल को बचाकर रखते हैं और जहां पर जामिंग सिग्नल रद्द हो जाते हैं वहां पर ये संचार बिना किसी रुकावट के आसानी के साथ काम करता है. इसे लेकर बीजिंग इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रोफेसर यांग जियान ने बताया कि यह तकनीक फ्रेंडली जोन में किसी तरह के हस्तक्षेप को पूरी तरह से खत्म कर सकती है. यह पारंपरिक जामिंग तकनीक से पूरी तरह से अलग है जो दुश्मन और दोस्त दोनों को नुकसान पहुंचा सकती है. उनकी टीम ने कंप्यूटर सिमुलेशन में इसे दिखाया भी है. 

बता दें कि इस तकनीक में दो ड्रोन मिलकर एक साथ काम करते हैं. इसमें एक दुश्मन के सिग्नल को जाम कर देता है जबकि दूसरा फ्रेंड जोन में सिग्नल को रद्द करके सुरक्षित जोन बनाता है. हालांकि दोनों ड्रोन की बारीकियों पर विशेष ध्यान देना होता है छोटी सी गलती इसका काम पूरी तरह से बिगाड़ सकती है. इस समस्या से निजात पाने के लिए वैज्ञानिकों ने अपने हिसाब से एक अनुकूल एल्गोरिदम बनाए हैं जो टाइम के हिसाब से सिग्नल को समायोजित करते हैं.

बीते साल चीन ने एक एयर शो में ड्रोनों के लिए इलेक्ट्रॉनिक युद्ध के उपकरण को दिखाए थे ये ताइवान जैसे क्षेत्रों में काफी ज्यादा प्रभावी हो सकते हैं और लंबे समय तक काम कर सकते हैं. ये उपकरण 15 किलोवाट तक की शक्ति के साथ  दुश्मन के रडार, संचार और मिसाइलों को निशाना बना सकते हैं और भविष्य में इलेक्ट्रॅानिक युद्धों में क्वांटम संचार के लिए काफी ज्यादा महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं.

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