China US Spacefight: अमेरिका और चीन के बीच इन दिनों स्पेसफाइट देखने को मिल रही है. हाल ही में अमेरिका ने आरोप लगाया था कि चीन अंतरिक्ष में अपने सैटेलाइट के जरिए डॉगफाइटिंग की ट्रेनिंग ले रहा है. इसका इस्तेमाल सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है. बता दें कि डॉगफाइटिंग शब्द का इस्तेमाल हवाई मुठभेड़ के लिए किया जाता है. अमेरिका चीन की तरफ से इसे बड़ा खतरा देख रहा है.
ये भी पढ़ें- बेंगलुरु की सड़कों को ये अचानक क्या हुआ? बारिश के बाद बिछ गई सफेद परत, वीडियो वायरल
अमेरिका ने लगाया डॉगफाइटिंग का आरोप
अमेरिकी स्पेस फोर्स के उप प्रमुख जनरल माइकल ए गेटलाइन ने दावा किया कि चीन के 5 सेटेलाइट्स को एक-दूसरे के आसपास तेज स्पीड में घूमते हुए देखा गया है. इसे डॉगफाइटिंग बोला जा रहा है. इनमें से 2 सेटेलाइट्स Shijian-6 05A/B और 1 सेटेलाइट Shiyan-24C है. चीन की इस हरकत को अमेरिका के लिए नई चुनौती बताया जा रहा है.
चीन का पलटवार
अमेरिका के इस आरोप का अब चीन ने भी जवाब दिया है. चीनी न्यूज वेबसाइट 'ग्लोबल टाइम्स' ने अमेरिका के इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि चीन का स्पोस प्रोग्राम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है. यह ह्यूमन स्पेस टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है. चीन ने कहा कि माइकल ए गेटलाइन का आरोप स्पेस में रूस-चीन के खतरे की थ्योरी को बढ़ाचढ़ाकर पेश करना है.
अमेरिका के लिए खतरा बन रहा चीन?
बता दें कि चीन और रूस ने अंतरिक्ष में एंटी-सैटेलाइट लेजर, जैमर और ग्रैपलिंग टेक्नोलॉजी जैसे सिस्टम तैनात किए हैं. जो स्पेस में संतुलन को बिगाड़ सकते हैं. गेटलाइन ने कहा कि स्पेस में चीन और रूस की बढ़ती क्षमता से अमेरिका प्रभावित हो सकता है. ऐसे में अमेरिका को स्पेस में अपनी रक्षा क्षमताओं को अधिक मजबूत करना होगा. बता दें कि साल 2022 में जब Shiyan सेटेलाइट लॉन्च हुआ था तब कई सैन्य अधिकारियों और विशेषज्ञों ने दावा किया था कि यह दूसरे प्रतिद्वद्वी देशों के सेटेलाइट जैसी सैन्य क्षमताओं का टेस्ट करने के लिए तैनात किए जा रहे हैं.