trendingNow12806837
Hindi News >>पाकिस्तान-चीन
Advertisement

फिरका परस्ती ने खामेनेई को 'फंसवाया'? प्लान पाकिस्तान के जहरीले जनरल आसिम मुनीर ने बनाया

Ali Hosseini Khamenei: बीते 7 दिनों से मिडिल ईस्ट में भीषण युद्ध चल रहा है. इजरायल-ईरान के बीच बारूदी घमासान फिरके की जंग में तब्दील हो चुका है. जिसके दो किरदार शिया और सुन्नी हैं.

फिरका परस्ती ने खामेनेई को 'फंसवाया'? प्लान पाकिस्तान के जहरीले जनरल आसिम मुनीर ने बनाया
Shwetank Ratnamber|Updated: Jun 19, 2025, 04:12 PM IST
Share

Israel Iran War Day 7: इजरायल ईरान की जंग का आज सातवां दिन है. मिडिल ईस्ट (middle east war) में भीषण युद्ध चलने की वजह से तनाव बरकरार है. इस जंग में दो किरदार है, इजरायल और दूसरा ईरान, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इजरायल-ईरान के बीच बारूदी घमासान फिरके की जंग में तब्दील हो चुका है. जिसके दो किरदार शिया और सुन्नी हैं. भले ही आपको यकीन ना हो, मगर कुछ पाकिस्तानी एक्सपर्ट दावा कर रहे हैं कि शिया बहुल मुल्क ईरान की हस्ती मिटाने के लिए अरब के सुन्नी मुस्लिम देशों ने षड्यंत्र रचा है. तभी तो इजरायल-ईरान की जंग में अब तक एक भी मुस्लिम मुल्क खुलकर खामेनेई के साथ खड़ा नहीं हुआ है. पाकिस्तान जैसे कट्टर देश ने भी मुस्लिम ब्रदरहुड की राह पर साथ निभाने के बजाए ईरान से कन्नी काट ली.

किन मुल्कों का 'षड्यंत्र'... 'शिया सुप्रीम' को मिटा ही देगा?
सऊदी अरब में 'फिरके' की जंग? तय हुआ खामेनेई का 'अंत'

पाकिस्तान के टीवी चैनलों पर कई एक्सपर्ट कह रहे हैं- 'ट्रंप ने ईरान को छोड़िये डायरेक्ट सुप्रीम लीडर यानी खामेनेई (Ali Hosseini Khamenei) को ये कह दिया है कि बिना शर्त सरेंडर करो वरना मार देंगे. क्या ईरान अकेला इजरायल या फिर उसके सहयोगियों का मुकाबला कर सकता है? या मुस्लिम उम्माह को एक साथ मिलकर उसको सपोर्ट देना चाहिए. आज मुसलमान इकट्ठे ना हुए तो एक-एक करके सबकी बारी आ जाएगी. ये बड़ी अफसोसनाक सूरत-ए-हाल है कि मुस्लिम वर्ल्ड जिस तरीके से होठों को सील के बैठी हुई है कोई बात नहीं कर रहे'.

ये भी पढ़ें- अहमदाबाद प्लेन क्रैश का मलबा छान रहे इंस्पेक्टर पिता को याद आया, बेटा भी हॉस्टल आया होगा; जानें आगे क्या हुआ

अरे जनाब, सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं बल्कि दुनिया के जितने भी बड़े मुस्लिम देश है. जिनकी गिनती शक्तिशाली मुल्कों में होती है. जो खुद को मुस्लिम वर्ल्ड का खलीफा मानते हैं. वहीं इस्लामिक देश आज, ईरान के साथ खड़ा होना तो दूर की बात उसकी हिमाकत करने की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे हैं, ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि

क्या 'मुस्लिम वर्ल्ड' इजरायल की ताकत से खौफजदा है?

क्या जंग में ट्रंप की एंट्री से मुस्लिम देशों में डर फैला है?

आखिर 'मुस्लिम उम्माह' ईरान का साथ क्यों नहीं दे रहा?

क्यों पाकिस्तान ने भी ईरान से क्यों किनारा कर लिया है?

पाकिस्तानी कह रहे हैं- 'आजकल बहुत ज्यादा फिरका-फिरके. ये लफ्ज ज्यादा चल रहा है.  यहां मुस्लिम उम्माह का कसूर है सुन्नी वर्ल्ड का. सुबमुन-बुकमुल और उमयुन के अलावा उनकी कोई पॉलिसी नहीं है. खुदा के लिए ये जो सदियों से शिया-सुन्नी की तकसीन हुई है हम किसी तरीके से इसको भूलकर एक मुसलमान बन सके. आज ईरान अकेला खड़ा है उसके चारों तरफ मुस्लिम देश है लेकिन किसी में भी हिम्मत नहीं है कि खुलकर उसका साथ दे सके'.

मिडिल ईस्ट के बैटल फील्ड में सिर्फ इजरायल-ईरान नहीं, बल्कि शिया-सुन्नी के बीच भी कांटे की टक्कर है तभी तो एक इस्लामिक देश होते हुए भी ईरान जंग में अकेला खड़ा है, कोई मुस्लिम देश उसके साथ जंग में नहीं उतर रहा. और ना ही कोई मुस्लिम देश ईरान को हथियारों की सप्लाई कर रहा है और इसके पीछे की वजह सिर्फ और सिर्फ फिरका परस्ती है. आपको बताते चलें कि

इस्लाम धर्म में करीब 72 फिरके हैं.
2 बड़े फिरके शिया और सुन्नी है.
ईरान एक शिया मुस्लिम मुल्क है.
पाकिस्तान-सऊदी अरब सुन्नी मुल्क है. 
तुर्किए-कतर और UAE भी सुन्नी बहुल देश है.

मतलब ये कि ईरान का शिया मुल्क होना आज उसके लिए सबसे बड़ा गुनाह साबित हो रहा है. क्योंकि फिरका परस्ती के चलते तमाम सुन्नी बहुल इस्लामिक देश ईरान को अलग-थलग छोड़ चुके हैं. मदद करना तो दूर की बात, सऊदी अरब और जॉर्डन जैसे देश तो खुलेआम जंग में इजरायल की मदद कर रहे हैं.

'इस्लामिक फौज न बनेगी'

पाकिस्तान के एक्सपर्ट कह रहे हैं कि ईरान कॉल कर रहा है कि तुर्किए, सऊदी अरब और पाकिस्तान को मिलकर एक इस्लामिक फौज बनानी चाहिए. हां जी, आपके साथ खुदकुशी में पाकिस्तान शामिल होगा कुछ भी नहीं होना. सऊदी अरब तो इजरायल की साइड पर खड़ा है. ऊपर से उन्होंने बयान दे दिया है कि हां भाई जंग नहीं होनी चाहिए. सऊदी अरब और जॉर्डन ने ईरान के प्रोजेक्टाइल जो जा रहे थे सऊदी अरब और जॉर्डन के एयर स्पेस से उन्होंने शूट डाउन भी किए हैं तो ये कैसा सऊदी अरब है कि ईरान के साथ मिलकर मुस्लिम आर्मी खड़ी करेगा.

इस पाकिस्तानी यूट्यूबर का दावा बिल्कुल सही है क्योंकि असल में अब जंग शिया Vs सुन्नी के बीच तब्दील हो चुकी है. ऐसे में ईरान लाख कोशिशें कर ले, पाकिस्तान-सऊदी या फिर अरब के देशों से मदद की गुहार लगा ले मगर फिरका परस्ती के चलते कोई उसकी मदद नहीं करेगा.

'ईरान की तबाही का कौन जिम्मेदार'

ऐसे में आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर इस्लाम के इन दो बड़े फिरकों में किस बात को लेकर तनातनी है. आखिर शिय़ा और सुन्नी क्यों एक दूसरे खिलाफ खड़े हो रखे हैं. ये जानने के लिए आपको एक पाकिस्तानी मौलवी का बयान ध्यान से पढ़ना चाहिए.

'इस्लाम के 2 बड़े फिरके शिया और सुन्नी'

मौलवी ने कहा, 'इस्लाम में दो बड़े फिरके सबसे पहले वजूद में आए हैं. जो आज तक कायम है उनकी बात कर रहा हूं. वो शिया और सुन्नी वजूद में आए हैं. शिया हजरात का जो बेसिक दावा है उनके अपने उसूल है. वो उन उसूलों पर अमल कर रहे हैं. वो दो नमाजें हमेशा इकट्ठी पढ़ते हैं. तीन तलाक को एक भी नहीं मानते. कुछ एक मानते हैं कुछ एक भी नहीं मानते. वो मोतहा को भी जायज समझते हैं. बड़े फर्क थे उनके अंदर...और सुन्नियों के अंदर.'

शियाओं की ताकत

इसी फर्क के चलते इस्लाम के इन दो फिरकों में तलवार खिंची रहती है. कल तक ईरान जब पावर में था तो खामेनेई के इशारे पर सुन्नी बहुल इस्लामिक देशों पर हमला होता था, मिसाइलें-ड्रोन दागी जाती थी. सऊदी अरब पर यमन के हूती लड़ाके हमला करते थे.  सऊदी के ऑयल डिपो पर ईरान मिसाइलें दागता था. पाकिस्तान पर ईरान ने मिसाइलों से अटैक किया था.

एक शिया इस्लामिक संगठन है जिसने हमास को पैदा किया, हिज्बुल्लाह को पैदा किया और हूतियों को मिसाइल दिए. जो लड़ते रहे सऊदी अरब के साथ. तब सऊदी हमारा बिरादर भाई था ना इसलिए गलत लगा. लिहाजा जैसे ही सुन्नी बहुल इस्लामिक देशों को मौका मिला है हर किसी ने ईरान को जंग में अकेला छोड़ दिया और आपको ये भी बता दें कि मुस्लिम देशों में की ईरान से अदावत सिर्फ फिरका परस्ती को लेकर नहीं बल्कि इजरायल के पीछे मजबूती के साथ जो सुपरपावर खड़ा है वो ईरान क्या बल्कि पूरे मुस्लिम वर्ल्ड को उखाड़ कर फेंक सकता है बस इसी बात से एटम बम रखने वाला पाकिस्तान भी सहमा है. कल तो जो पाकिस्तानी, इजरायल को धमकियां दे रहे थे, सबकी घिग्घी बंध गई है. डर के मारे आवाज न निकल रही है. 

अगला नंबर पाकिस्तान का?

पाकिस्तानी जांबाजों का गला सूख रहा है और हो भी क्यों ना, भले ही पाकिस्तानी शिया Vs सुन्नी के चलते ईरान का साथ नहीं दे रहे हों. मगर इजरायल को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि ईरान के बाद अगला नंबर पाकिस्तान का ही है.

पाकिस्तानी कह रहे हैं कि इसमें संदेह नहीं कि इजरायल का टारगेट पूरी मुस्लिम उम्माह है. जितने मुस्लिम कंट्री है और उनमें रहने वाले लोग सबको इजरायल खत्म करना चाहता है. जब फिलिस्तीन पर वो हमले कर रहे थे तब मुसलमानों को एकजुट होकर इजरायल से जंग लड़नी चाहिए थी लेकिन न तब और ना अब जब ईरान अकेला है, आज उसके साथ हो रहा है, कल हमारे साथ भी हो सकता है.

मतलब ये कि फिरके की जंग ईरान की बलि ले सकती है. खामेनेई को सत्ता से बेदखल कर सकती है. यानी शीशे की तरह साफ है, कोई भी सुन्नी बहुल मुस्लिम देश ईरान का साथ नहीं देगा और ऐसा हुआ तो ईरान के साथ उसका भी वजूद मिटाने में अमेरिका और इजरायल कोई कसर नहीं छोड़ेगा.

Read More
{}{}