Pakistan News: पाकिस्तान की पूर्व विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार को उस वक्त लाइव टेलीविज़न पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा जब उन्हें एक इंटरव्यू के दौरान सच्चाई से परे बयान देने पर ऑन-कैमरा ही फैक्ट-चेक कर दिया गया. यह घटना उस वक्त हुई जब वह अल जज़ीरा न्यूज़ चैनल को इंटरव्यू दे रही थीं. दरअसल, हिना रब्बानी खार भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारे गए आतंकियों के जनाजे में शामिल एक शख्स को 'आम पाकिस्तानी शहरी' बताने की कोशिश कर रही थीं. यह शख्स कोई और नहीं, बल्कि अमेरिका द्वारा घोषित वैश्विक आतंकी हाफिज अब्दुर रऊफ था, जो कई आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है.
हिना खार ने कहा, 'मैं पूरे अधिकार और सबूत के साथ कह रही हूं, जो दुनिया के साथ साझा किए गए हैं, कि यह वो शख्स नहीं है जिसको लेकर आप (भारत) दावा कर रहे हैं. पाकिस्तान में लाखों अब्दुर रऊफ हैं.' उन्होंने जनाजे की तस्वीर भी दिखाई, जिसमें रऊफ साफ तौर पर नजर आ रहा था. लेकिन इस दावे को अल जज़ीरा के एंकर ने तुरंत चुनौती दे डाली और उनके दावे को लाइव शो में ही फैक्ट-चेक कर दिया. इससे हिना रब्बानी खार काफी असहज हो गईं.
एंकर ने कहा, 'उन्होंने कहा कि वह एक सियासी पार्टी का मेंबर है, और उन्होंने उसका राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी कर दिया. वह पहचान पत्र संख्या अमेरिकी प्रतिबंध सूची में दर्ज संख्या के समान ही है. इसलिए, अमेरिकी प्रतिबंध सूची के मुताबिक, यह व्यक्ति एक आतंकवादी है. पाकिस्तानी सेना उसका बचाव कर रही है. वहीं, हिना खार ने अपनी इज्जत बचाने की कोशिश करते हुए कहा, 'पाकिस्तानी सेना इस शख्स ( वायरल तस्वीर में) का बचाव कर रही है. पाकिस्तानी सेना उस शख्स का बचाव नहीं कर रही है जिस पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा रखा है.'
लेकिन इंटरव्यू ले रहे एंकर ने उन्हें तुरंत याद दिलाया कि अमेरिका द्वारा बैन आतंकवादियों और फोटो में दिख रहे शख्स की राष्ट्रीय पहचान संख्या एक ही है. इसपर पाकिस्तानी राजनेता खार ने जवाब दिया, 'आईएसपीआर (पाकिस्तानी सेना के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस) ने स्पष्ट रूप से कहा है कि यह वही शख्स नहीं है. इस दौरान उन्होंने सिर्फ उसका बचाव किया और यह नहीं कहा कि यह वही आदमी नहीं है.'
जबकि इससे पहले, जैसे ही रऊफ़ के जनाज़ों में मौजूद होने की तस्वीरें सामने आईं, पाकिस्तानी सेना ने अपनी इज़्ज़त बचाने की कोशिश करते हुए उसे 'आम आदमी' करार दिया. इसी क्रम में, पाकिस्तान के आईएसपीआर डाइरेक्टर अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में मौजूद लश्कर-ए-तैयबा के हेडक्वार्टर में मारे गए आतंकवादियों की जनाजे की नमाज़ पढ़ाने वाला शख्स एक उपदेशक और पाकिस्तान मरकज़ी मुस्लिम लीग (पीएमएमएल) पार्टी का मेंबर था, जिसके 'तीन बेटियां और एक बेटा' था.
उन्होंने रऊफ के बारे में अहम जानकारी भी दीं, जिसमें उसका नेशनल आइडेंटिटी नंबर भी शामिल था, जो अमेरिकी प्रतिबंधित आतंकवादियों की लिस्ट के डेटाबेस में दिए गए जानकारी से मेल खाता था. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चौधरी ने बताया कि उस शख्स का कम्प्यूटरीकृत नेशनल आइडेंटिटी नंबर 35202-5400413-9 था, जबकि उसकी जन्मतिथि 25 मार्च, 1973 थी और वह लाहौर का रहने वाला था.
डीजी आईएसपीआर द्वारा साझा की गई पहचान का डिटेल्स हाफिज अब्दुर रऊफ के डिटेल्स से पूरी तरह मेल खाता है, जो कम से कम 1999 से लश्कर के वरिष्ठ नेतृत्व का सदस्य और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन का चीफ है, जो अमेरिका की 'विशेष रूप से नामित नागरिकों और अवरुद्ध व्यक्तियों की सूची' में है.
अमेरिकी डेटाबेस के मुताबिक, रऊफ़ के खिलाफ दर्ज पतों में 4 लेक रोड, दो कमरा नंबर 7 चौबुर्जी डोला खुर्द, 129 जिन्ना ब्लॉक, 5-चेम्बरलेन रोड शामिल हैं. ये सभी पते पाकिस्तान के लाहौर में हैं. इसके अलावा अवान टाउन, मुल्तान रोड, 33, गली नंबर 3, जिला खानेवाल भी शामिल है.