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खेला हो गया क्या? आ गई भीषण बाढ़... पाकिस्तान ने किया इमरजेंसी घोषित; छटपटा रहे लोग

Jhelum Water: पाकिस्तान पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है और अब पानी से उसकी हालत और बिगड़ सकती है. पहले बताया कि सिंधु नदी का पानी अब उसे नहीं मिलेगा. तो वहीं अब यह दावा किया जा रहा है कि झेलम का पानी अचानक वहां पहुंच गया है.

खेला हो गया क्या? आ गई भीषण बाढ़... पाकिस्तान ने किया इमरजेंसी घोषित; छटपटा रहे लोग
Gaurav Pandey|Updated: Apr 27, 2025, 08:47 AM IST
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Pakistan Flood Emergency: पहलगाम हमले के बाद से ही भारत पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. इसी कड़ी में पाकिस्तान के कुछ हिस्सों में भीषण बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. हुआ यह था कि भारत ने सिंधु का पानी रोकने का ऐलान किया था. ऐसे में अब पाकिस्तानी मीडिया का दावा है कि भारत ने अचानक झेलम नदी में पानी छोड़ दिया जिससे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर PoK के मुजफ्फराबाद में जल स्तर तेजी से बढ़ गया. हालात बिगड़ते देख स्थानीय प्रशासन ने हट्टियन बाला क्षेत्र में जल आपातकाल घोषित कर दिया और मस्जिदों से लोगों को सतर्क रहने के ऐलान किए जा रहे हैं.

बारामुल्ला से होकर चकोठी इलाके तक
दरअसल भारत ने शनिवार को सिंधु जल संधि को औपचारिक रूप से निलंबित करने की अधिसूचना पाकिस्तान को सौंप दी थी. इसके बाद दावा किया जा रहा है कि भारत ने बिना किसी पूर्व सूचना के झेलम नदी में पानी छोड़ा जो बारामुल्ला से होकर चकोठी इलाके तक पहुंचा. अब भारत को नदियों पर नए प्रोजेक्ट बनाने या नदी के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तान की अनुमति लेने की जरूरत नहीं है. हालांकि पानी छोड़ने के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.

पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान?
उधर पाकिस्तान ने भारत के सिंधु वाले फैसले पर फर्जी चेतावनी दी है कि अगर भारत पानी के प्रवाह को रोकेगा तो इसे ‘युद्ध की कार्रवाई’ माना जाएगा. एक्सपर्ट्स के मुताबिक सिंधु जल संधि के निलंबन से पाकिस्तान की कृषि अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान होगा. सिंधु, झेलम और चिनाब जैसी नदियों पर उसकी खेती निर्भर है और पानी की आपूर्ति में रुकावट से खाद्य सुरक्षा पर भी संकट मंडरा सकता है.

संधि को निलंबित करने से कई बड़े बदलाव
फिलहाल भारत द्वारा संधि को निलंबित करने से कई बड़े बदलाव हो गए हैं. अब दोनों देशों के जल आयुक्तों की बैठकें नहीं होंगी जल संबंधी आंकड़ों का आदान-प्रदान बंद हो जाएगा पाकिस्तान को भारत में बन रहे नए प्रोजेक्ट्स की जानकारी नहीं मिलेगी और पाकिस्तानी अधिकारी जम्मू-कश्मीर में भारतीय परियोजनाओं का निरीक्षण नहीं कर सकेंगे. इससे पाकिस्तान को बाढ़ और सूखे की सही समय पर जानकारी नहीं मिल पाएगी. ऐसे में वहां खतरा और बढ़ सकता है.

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