Hafiz Saeed Brother-in-law Maulana Kashif Murdered in Pakistan: चंद्रगुप्त मौर्य के गुरू चाणक्य के मुताबिक दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है. पाकिस्तान में उसका एक दुश्मन मौजूद है, जो भारत विरोधी आतंकियों का काल बना हुआ है. यानी दोस्त की तरह भारत की मदद कर रहा है. 24 घंटे पहले पाकिस्तान में भारत का एक और दुश्मन ढेर हो गया. भारत के खिलाफ आतंकियों को पालने-पोसने वाले पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है. मोस्ट वांटेड हाफिज सईद का रिश्तेदार और लश्कर की पॉलिटिकल विंग का सीनियर लीडर, मौलाना काशिफ, घर के बाहर गोलियों से छलनी कर दिया गया. इस मर्डर के बाद एक बार फिर पाकिस्तान में शहंशाह का खौफ़ बढ़ गया है.
आतंक के आकाओं को बड़ा झटका
आतंकपरस्त पाकिस्तान, हिंदुस्तान के सामने बार-बार जलील होने के बावजूद, अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा. पाकिस्तान अभी भी लश्कर से लेकर जैश और हिज्बुल के आतंकियों को बारूदी मदद कर रहा है. लेकिन आतंक के आका को बड़ा झटका लगा है. आतंकिस्तान में आतंकियों का सफाया जारी है. इसी कडी में एक बार फिर लश्कर के एक आतंकी की गोली मारकर हत्या कर दी गई.
पाकिस्तान में एक और आतंकी का सफाया
पाकिस्तान की जमीन पर भारत के एक और दुश्मन का खात्मा हो गया. हिंदुस्तान पर नापाक निगाह रखने वाला, हाफिज सईद का करीबी और लश्कर की पॉलिटिल विंग का बड़ा लीडर, मौलाना काशिफ अली, जहन्नुम पहुंच गया है. पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक काशिफ अली को उसके घर के बाहर बाइक सवार शूटर्स ने गोली मार दी.
काशिफ को खैबर पख्तूनख्वाह के स्वाबी में ढेर कर दिया गया. आतंकी हाफिज सईद का साला काशिफ, मरकजी मुस्लिम लीग का बड़ा नेता था. बताया जा रहा है कि लश्कर आतंकी की हत्या के बाद हाफिज सईद से लेकर पाकिस्तानी आर्मी तक में खलबली मच गई है. जनरल मुनीर के खास मिलिट्री जनरलों ने हत्यारों का पता लगाने के लिए एक बड़े ऑपरेशन का ऐलान कर दिया है.
मारा गया हाफिज सईद का साला
आतंकपरस्त मुल्क में एक आतंकी की हत्या क्यों की गई, इसे डिकोड करेंगे, लेकिन पहले ये जान लीजिए की आखिर लश्कर का काशिफ अली, अपनी तंजीम के लिए कितना अहम था. रिपोर्ट के मुताबिक काशिफ लश्कर ए तैय्यबा का राजनीतिक विंग संभालता था. वह आतंकी ट्रेनिंग कैंप में जेहादी लेक्चर देने में एक्सपर्ट था. उसे लश्कर की तरफ से नौजवानों के ब्रेनवॉश की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
चलाता था आतंकियों का ट्रेनिंग सेंटर
काशिफ युवाओं का ब्रेनवॉश कर उन्हें आतंकी संगठन में भर्ती करता था. इसके अलावा काशिफ कई मस्जिदों और मदरसों का इंचार्ज भी था. काशिफ अली आतंकी जमात लश्कर का चौथा मोहरा था जो पिछले एक महीने में मार गिराए गए हैं. मतलब पाकिस्तान में शहंशाह का एक्शन जारी है. पाकिस्तान के आतंकियों गिरोह में, काशिफ के जहन्नुम पहुंचने के बाद, फिर ये चर्चा तेज हो गई है कि सरहद पार कोई है जो कहीं भी और कभी भी उनका शिकार कर सकता है.