Lord Hanuman Jayanti 2025 in Pakistan Karachi: भारत में मंगलवार को मंदिरों में भीड़ लगना सामान्य बात है. लेकिन कट्टरपंथी पाकिस्तान में भी इस बार मंगलवार को सड़कें हनुमान भक्तों से भर गईं. जय श्रीराम और जय हनुमान के नारों से कराची का आसमान गूंज उठा. इस दौरान किसी मस्जिद से पत्थर नहीं फेंके गए. किसी हनुमान भक्त पर हमला नहीं हुआ. गुना, हज़ारीबाग से लेकर मुर्शिदाबाद तक पर हिंदुओं पर हमला करने वाले हर दंगाई को कराची की इस हनुमान भक्ति से सबक सीखना चाहिए .
कराची में जय श्रीराम की गगनभेदी गूंज
जिस देश में 100 करोड़ से ज्यादा हिंदू रहते हैं, वहां पर अपने आराध्य हनुमान की जयंती मनाना जान जोखिम में डालने जैसा है. वहीं पाकिस्तान में जहां हिंदू अल्पसंख्यक हैं, वहां धूमधाम से हनुमान जयंती मनाई जा रही है.
हनुमान जयंती के दिन जब हिंदुस्तान के कई इलाकों में मस्जिदों के सामने से शोभायात्रा निकालना गुनाह हो गया था. ठीक उसी वक्त पाकिस्तान के कराची में जहां 3000 से ज्यादा मस्जिद हैं वहां के कोने कोने से लोग भगवा ध्वजा लेकर ऐतिहासिक हनुमान मंदिर तक पहुंच रहे थे. सिर्फ पुरुष नहीं कराची में तो महिलाएं अपने बच्चों के साथ बेखौफ होकर भगवा लेकर हनुमान दर्शन को पहुंचीं.
क्या भारत के कट्टरपंथी ले सकते हैं सबक?
पाकिस्तान की ये तस्वीरें देखकर शर्म से डूब मरना चाहिए गुना के उन दंगाइयों को, जिन्होंने हिंदुस्तान में हनुमान जयंती की शोभायात्रा पर बरसाने के लिए फूल नहीं बल्कि छतों पर पत्थर जमा करके रखे थे. हिंदुओं के बीच रहने वाले समुदाय विशेष के कट्टरपंथियों में इतनी नफरत कि शोभायात्रा में पत्थर बरसाने की तैयारी पहले से करके रख ली थी.
पथराव के बाद गुना के इस इलाके में खौफ है. दूसरी तरफ पाकिस्तान का कराची है जहां पर छोटे छोटे हिंदू बच्चे भी हनुमान जयंती पर बेखौफ हैं. पाकिस्तान में काफी हिंदू कराची में रहते हैं, जो बजरंगबली को अपना संरक्षक मानते हैं. कराची में कोई बजरंग बली को प्रेम से बाबा तो कोई बाप जी कहता है. इनको भरोसा है कि बजरंग बली उनके हर संकट को मिटाएंगे.
कराची में 1500 साल पुराना मंदिर
कराची में हजारों की तादाद में हनुमान जयंती पर 1500 साल पुराने पंचमुखी हनुमान जी के दर्शन करने आए. मंदिर में झंडा चढ़ाने आए हिंदुओं की इस मंदिर को लेकर बड़ी मान्यता है. तो कराची की सड़कों पर हनुमान जयंती पर जो हजारों लोग ध्वजाएं लेकर पहुंचे हैं. वे कई मस्जिदों के सामने से गुजरे लेकिन किसी ने उनके ऊपर पत्थर नहीं बरसाए.
कराची के 1500 साल पुराने पंचमुखी हनुमान मंदिर को घेर कर खड़ी हुई इन ऊंची ऊंची इमारतों में मुसलमान रहते हैं. इसके बावजूद इस मंदिर में एक दो नहीं हजारों भगवा ध्वज शान से लहरा रहे हैं. मंदिर से जयश्रीराम और जय हनुमान की गूंज इन इमारतों तक भी पहुंचती है. कराची की इन इमारतों से हनुमान जयंती पर किसी ने पत्थर नहीं बरसाए.