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इमरान खान की पार्टी ने इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन रोका, 4 लोगों की मौत.. 50 से ज्यादा घायल

Pakistan News: इमरान खान पिछले वर्ष अगस्त से जेल में बंद हैं और उन पर 200 से अधिक मामले दर्ज हैं. उन्होंने 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. खान ने संविधान के 26वें संशोधन की आलोचना करते हुए इसे तानाशाही शासन को मजबूत करने वाला बताया.

इमरान खान की पार्टी ने इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन रोका, 4 लोगों की मौत.. 50 से ज्यादा घायल
Gaurav Pandey|Updated: Nov 27, 2024, 11:55 PM IST
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PTI Islamabad protest: इस्लामाबाद में जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान चार लोगों की मौत और 50 से अधिक के घायल होने के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने अपना प्रदर्शन रोकने का ऐलान किया है. पार्टी ने इस कार्रवाई के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए इसे "फासीवादी सैन्य शासन के तहत नरसंहार" करार दिया. पुलिस ने राजधानी के डी-चौक और आसपास के इलाकों को खाली कराने के दौरान करीब 450 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया. पीटीआई ने कहा कि आगे की रणनीति खान के निर्देशों के आधार पर तय की जाएगी.

सुरक्षाबलों ने आधी रात को कार्रवाई..
खान की पत्नी बुशरा बीबी और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री अली अमीन गंडापुर इस्लामाबाद मार्च का नेतृत्व कर रहे थे. पार्टी ने पुष्टि की कि वे दोनों मनसेहरा में सुरक्षित हैं. इससे पहले, रविवार से शुरू हुए इस्लामाबाद मार्च के तहत डी-चौक पर प्रदर्शनकारियों ने धरना दिया, जहां झड़पों में छह सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई. प्रदर्शनकारियों ने खान की रिहाई तक विरोध जारी रखने की बात कही थी, लेकिन सुरक्षाबलों ने आधी रात को कार्रवाई करते हुए इलाका खाली करा लिया.

व्यापार क्षेत्र को भी खाली कराया..
पीटीआई ने ‘एक्स’ पर पोस्ट के जरिए सरकार पर हिंसा और सैकड़ों कार्यकर्ताओं की हत्या का आरोप लगाया. पार्टी ने अपने बयान में कहा, “शहबाज-जरदारी-आसिम गठबंधन के नेतृत्व में सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर बर्बर कार्रवाई की.” डी-चौक के आसपास स्थित संवेदनशील क्षेत्रों को देखते हुए सुरक्षाकर्मियों ने ब्लू एरिया व्यापार क्षेत्र को भी खाली कराया. सरकार ने इन इलाकों में सफाई और यातायात बहाल करने का काम शुरू कर दिया है.

गौरतलब है कि इमरान खान पिछले वर्ष अगस्त से जेल में बंद हैं और उन पर 200 से अधिक मामले दर्ज हैं. उन्होंने 24 नवंबर को देशव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. खान ने संविधान के 26वें संशोधन की आलोचना करते हुए इसे "तानाशाही शासन को मजबूत करने वाला" बताया. पीटीआई का दावा है कि सरकार जनादेश की चोरी और अन्यायपूर्ण गिरफ्तारी कर रही है, जिसके खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था. एजेंसी इनपुट

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