India Pakistan news in Hindi: पाकिस्तान में एक इलाका ऐसा भी था, जहां मुसलमान जाना तो छोड़िए झांकने से भी कतराते थे. पाकिस्तान का बड़े सा बड़ा कट्टरपंथी उस इलाके के नाम से ही सिहर जाता था. जहरीले मौलाना-मौलवियों के तो पैर कांपने लगते थे क्योंकि पाकिस्तान के उस इलाके में मुसलमानों का जाना सख्त मना था. मुस्लिमों की एंट्री पर पूर्ण प्रतिबंध था.
पाकिस्तान का मुल्तान शहर, जो एक मुस्लिम बहुल इलाका है. उसी मुल्तान शहर के बीचों-बीच मौजूद है हनु का छज्जा. जो किसी वक्त में सनातन का गढ़ माना था क्योंकि इलाके में सिर्फ और सिर्फ हिंदू रहते थे.
गूंजती थी मंदिरों में घंटियों की आवाजें
हनु का छज्जा नाम के इलाके में बहुत सारी पुरानी इमारतें हैं. वे बहुत अमीर-तरीन हिंदुओं का इलाका था. सबसे अमीर हिंदू यहां पर रहते थे. 1947 के बंटवारे के बाद ये लोग वहां (भारत) चले गए और मुसलमान यहां आ गए.
यकीन मानिए, बंटवारे से पहले मुल्तान के इस इलाके में अजान नहीं बल्कि घंटा-घड़ियाल की गूंज की सुनाई देती थी. यहां मौलवी-मौलाना का फतवा नहीं बल्कि चौक-चौराहे पर भगवा लहराता था. यहां पर गोहत्या नहीं बल्कि गायों को पूजा जाता था. और तो और मुल्तान में मौजूद हनु का छज्जा इलाके की हर गली-हर मोहल्ले-हर चौक पर हिंदू देवी देवताओं के मंदिर बने थे.
मुल्तान शहर में था हिंदुओं का बोलबाला
एक दौर था, जब पाकिस्तान के मुल्तान शहर में मौजूद हनु का छज्जा इलाके में हिंदुओं का बोलबाला था. रसूखदार हिंदू इस पूरे इलाके में रहते थे. किसी ने आलीशान हवेली बनवा रखी थी तो किसी ने शानदार कोठी.
आज भी हनु का छज्जा इलाके में हिंदुओं के घर-मकान-कोठी और हवेली ज्यों की त्यों बनी हुई है. मगर फर्क सिर्फ इतना है कि वो आज की तारीख में जर्जर हो चुकी है.
भले ही पाकिस्तान एक इस्लामिक मुल्क बन चुका है. भले ही पाकिस्तान में कट्टरपंथी-जिहादियों की तादाद लाखों-करोड़ों में हो. मगर आज भी मुल्तान के हनु का छज्जा इलाके में सनातन के सबूत मौजूद है. हिंदूओं के घर-मकान-मंदिर-गुरूद्वारा मौजूद है.
'PAK को 'वो' इलाका जहां मुसलमान बैन थे'
लेकिन आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर मुल्तान के इस इलाके में घुसने से मुसलमान डरते क्यों थे. आखिर क्यों कट्टरपंथी ब्रिगेड हनु का छज्जा इलाके के आसपास भी नहीं भटकती थी. ये जानने के लिए आप इस पाकिस्तानी मुसलमान को पढ़ना चाहिए.
एक पाकिस्तानी के मुताबिक, एक हनु और एक छज्जा दो भाई थे. यहां से मुसलमान नहीं गुजरते थे. मुसलमान गुजरते थे तो उनकी गर्दन उड़ा देते थे. यह वही इलाका है, जहां वे रहते थे. इन्हीं दो हिंदू भाईयों के नाम पर मुल्तान के इस इलाके का नाम पड़ा.
हनु और छज्जा से डरते थे लोग
जानते हैं कि जिस दौर में पाकिस्तानी के मुसलमान हिंदुओं के खून के प्यासे हो रखे थे. उस दौर में पाकिस्तानी मुस्लिम इन दो भाईयों के चलते इस हिंदू बहुल इलाके में दाखिल होने से कतराते थे. यकीन मानिए, आज की तारीख में भी पाकिस्तानी हनु और छज्जा नाम के दो हिंदू भाईयों पर कुछ भी बोलने से पहले सौ बार सोचते हैं.
दो सनातनी भाईयों ने पाकिस्तान के तमाम कठमुल्लों को अपनी बहादुरी के दम पर मेमना बना रखा था. कैसे पाकिस्तानी मुस्लिम हनु और छज्जा को देखकर ही थर-थर कांपने लगते थे. मगर जानते हैं, हनु और छज्जा जैसे सनातनी दशकों पहले दुनिया छोड़ चुके हैं. तभी तो मौजूदा वक्त में पाकिस्तानी मुस्लिम हनु का छज्जा इलाके पर पूरी तरह से कब्जा कर चुके हैं. यहां तक की पाकिस्तानी मुस्लिम हिंदू मंदिरों तक को नहीं छोड़ रहे हैं.
हिंदू मंदिरों पर मुसलमानों का कब्जा
पाकिस्तानी मुस्लिम एक मंदिर को दिखाया, जहां के गर्भगृह में आगे का हिस्सा काट दिया गया. जानते हैं क्यों, दरअसल इस मंदिर में जो मूर्ति थी. वो हटा दी गी. इसके बाद मंदिर पर कब्जा कर उसी में रहने लगे.
उस मंदिर को दिखाते हुए उस मुस्लिम बुजुर्ग के चेहरे पर मुस्कान थी. वो इसकी जिहादी सोच को उजागर कर रही है. लेकिन हनु का छज्जा इलाके में ये कोई एक मुस्लिम परिवार नहीं. जिसने मंदिर-गुरूद्वारे पर कब्जा किया है...ऐसे सैकड़ों पाकिस्तानी मुस्लिम मुल्तान के कोने-कोने में बसे हैं.
सबसे ज्यादा हैरानी की बात ये है कि मुल्तान के जिस हनु का छज्जा इलाके में गायों को पूजा जाता था. गोवंश को पाला-पोसा जाता था. आज उसी हनु का छज्जा में सैकड़ों गोश्त काटने की दुकाने हैं. दरअसल, ये सारा कृत्य सनातन को मिटाने के लिए किया जा रहा है. तभी तो मंदिरों को तोड़ दिया गया है. मंदिर से मूर्तियों को हटाकर कब्जा कर लिया गया है. यहां तक की हनु का छज्जा इलाके में जितने भी हिंदू की कोठी और मकान थी. उसमें भी अवैध तरीके से पाकिस्तानी मुस्लिम रह रहे हैं.