Indus Water Treaty: पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया था. ऑपरेशन सिंदूर से पहले कई कड़े फैसले भी लिए गए थे. इसमें सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया था. भारत के इस फैसले से पाकिस्तान पानी के लिए मोहताज हो गया है. इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है. संसद संबोधित करते हुए विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसद ने कहा कि दस में से एक व्यक्ति सिंधु नदी के पानी पर निर्भर है.
पाकिस्तान ने जताई चिंता
इस पानी को लेकर चिंता जताते हुए सांसद ने कहा कि अगर संकट का समाधान नहीं किया गया तो बड़ी आबादी भूख से मर सकती है. सिंधु बेसिन हमारी जीवन रेखा है. हमारा तीन-चौथाई पानी देश के बाहर से आता है. हर दस लोगों में से नौ लोग अंतरराष्ट्रीय सीमा बेसिनों पर अपना जीवन यापन कर रहे हैं. आंकड़ों के अनुसार, हमारी 90% फसलें इसी पानी पर निर्भर हैं. हमारी सभी बिजली परियोजनाएं और बांध इसी पानी पर बने हैं. इसलिए हमें यह समझना चाहिए कि यह हमारे ऊपर लटके पानी के बम की तरह है.
पाकिस्तान ने की थी अपील
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कई कड़े फैसले लिए थे. भारत ने सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश भेजने के लिए सिंधु जल संधि (IWT) को स्थगित कर दिया था. जिसके बाद से पाकिस्तान में पानी की छटपटाहट देखी जा रही है. इससे पहले पाकिस्तान के जल संसाधन मंत्रालय ने भारत से सिंधु जल संधि को निलंबित करने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की थी. इस संधि के तहत पूर्वी नदियों- सतलुज, ब्यास और रावी का पानी भारत को तो पश्चिमी नदियों- सिंधु, झेलम और चिनाब का पानी पाकिस्तान को जाता है.
Water bomb… pic.twitter.com/IvEHEvOWAg
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 23, 2025
भारत ने सिखाया सबक
एक तरफ जहां पर भारत ने कई बड़े फैसले लिए वहीं दूसरी तरफ ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया. जिसमें कई आतंकियों की जान चली गई. हालांकि इसके बाद पाकिस्तान ने नापाक हरकत की और हमले किए और भारतीय सेना ने हर हमले को नाकाम करते हुए जबावी कार्रवाई की और 10 मई को संघर्ष विराम हुआ.