Shahbaz Shairf on Iran: ईरान के राष्ट्रपति मसऊद पेज़ेश्कियान इस समय दो दिवसीय पाकिस्तान दौरे पर हैं. इस दौरे के दौरान शहबाज ने एक ऐसा बयान दे दिया है जो अमेरिकी राष्ट्रपति को बुरा लगना तय है. शहबाज ने कहा कि उनका देश ईरान के शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए परमाणु ताकत हासिल करने के हक की हिमायत करता है.
ईरानी राष्ट्रपति के साथ एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में शहबाज शरीफ ने कहा,'ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम के हक के साथ पाकिस्तान खड़ा है.' इसके अलावा शरीफ ने इस मौके पर इजरायल की भी निंदी की. उन्होंने कहा,'13 जून को इजरायल ने बिना किसी वजह के ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला कर दिया.' इस हमले में ईरानी जनरल, परमाणु वैज्ञानिक समेत कई लोगों की मौत हुई थी. शहबाज मरने वालों को 'शहीद' बोलते हुए उनके लिए दुआ की.
बता दें कि इजरायल के साथ-साथ अमेरिका भी यही चाहता है कि ईरान परमाणु संपन्न देश ना बने. इसीलिए इजरायल के साथ जंग के दौरान अमेरिका ने भी ईरान के ठिकानों पर हमला किया था और बाद में युद्धविराम की घोषणा भी अमेरिका ने ही की थी. अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु हथियार को लेकर एक लंबे समय से विवाद चलता आ रहा है.
ऐसे में अगर पाकिस्तान ईरान के परमाणु संपन्न देश बनने की हिमायत करता है तो अमेरिका की नजरों में खटकना शुरू हो जाएगा. वो भी ऐसे वक्त में जब पाकिस्तान अमेरिका की गुड लिस्ट मौजूद है. क्योंकि हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा है कि वो पाकिस्तान में मौजूद तेल है. उन्होंने दावा किया है कि पाकिस्तान इतना तेल निकाल सकता है कि वो भविष्य में भारत को भी तेल बेच सकता है.
हालांकि एक्सपर्ट्स का कहना है कि ट्रंप ने यह बयान सिर्फ इसलिए दिया है क्योंकि भारत के साथ उसके रिश्ते ठीक नहीं चल रहे, क्योंकि भारत उसके मुताबिक अपनी प्लानिंग नहीं कर रहा. साथ ही भारत क्योंकि रूस से तेल खरीद रहा है तो अमेरिका को मिर्ची लग रही है. इसी वजह से अमेरिका ने पिछले दिनों 25 फीसद टैरिफ लगाने की बात कही थी.
भले ही ट्रंप ने पाकिस्तान में तेल वाली बात भारत के नजर रखते हुए कही थी लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान को अमेरिका की गुड लिस्ट में है. ऐसे वक्त में उसका अमेरिका के खिलाफ जाना ठीक नहीं है. जब इजरायल और अमेरिका ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमले कर रहे हैं, तब पाकिस्तान का ईरान के समर्थन में खड़ा होना भारी पड़ सकता है.
प्रधानमंत्री शरीफ ने बताया कि ईरान और पाकिस्तान के बीच कई समझौते (MoUs) साइन हुए हैं और दोनों देश अगले कुछ सालों में आपसी व्यापार को 10 अरब डॉलर तक पहुंचाना चाहते हैं. ईरान के राष्ट्रपति ने भी पाकिस्तान को अपना दूसरा घर करार दिया है. कहा कि मुस्लिम देशों को एकता दिखाने की जरूरत है. उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देश सीमा सुरक्षा बढ़ाने पर भी मिलकर काम कर रहे हैं.