अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आने वाले सभी आयात पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है. इससे कुल टैरिफ 50% हो गया है. ट्रंप प्रशासन ने इस फैसले का कारण बताया कि भारत ने रूस से सीधे या परोक्ष रूप से तेल का आयात किया है जो अमेरिका की नीति के खिलाफ है. यह टैरिफ तीन हफ्तों में लागू हो जाएगा.
चीन आया भारत के समर्थन में
भारत पर अमेरिकी फैसले के बाद अब चीन ने चौंकाने वाला रुख अपनाया है. 6 अगस्त को चीन के दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पहले ट्विटर) पर भारत के समर्थन में एक पोस्ट साझा किया. पोस्ट में लिखा, "भारत की संप्रभुता किसी सौदे का हिस्सा नहीं हो सकती और उसकी विदेश नीति को कोई दूसरा देश अपने हिसाब से नहीं चला सकता, चाहे उनके भारत से रिश्ते कितने भी गहरे क्यों न हों." चीन ने एक चित्र भी साझा किया जिसमें भारत को हाथी और अमेरिकी टैरिफ को बेसबॉल बैट के रूप में दिखाया गया.
पश्चिमी मीडिया की चाल पर चीन का वार
चीन की ओर से आगे कहा गया कि पश्चिमी मीडिया जानबूझकर ऐसा नैरेटिव बना रहा है जिसमें भारत और चीन को आमने-सामने खड़ा किया जा रहा है, जैसे कि कौन किसे रिप्लेस करेगा. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह सिर्फ एक भ्रम फैलाने की कोशिश है और इसकी कोई ठोस वैल्यू नहीं है. प्रवक्ता ने कहा, "आज की जटिल दुनिया में भारत और चीन को भरोसा बढ़ाना चाहिए, मतभेदों को संभालना चाहिए और एशिया और दुनिया में शांति और सहयोग को आगे बढ़ाना चाहिए."
अमेरिका ने दी सफाई
इस बीच अमेरिका की ओर से भी सफाई आई है. राष्ट्रपति ट्रंप के ट्रेड एडवाइजर पीटर नवारो ने कहा कि चीन पर पहले से ही 50% से ज्यादा टैरिफ हैं, अगर हम और दबाव डालते हैं तो खुद को ही नुकसान होगा. इसलिए चीन पर रूसी तेल को लेकर नया टैरिफ नहीं लगाया गया. उन्होंने कहा, "जैसा बॉस (ट्रंप) कहते हैं, देखते हैं आगे क्या होता है."