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चीन में तगड़ी उठापटक, बनने वाले थे विदेश मंत्री.. अचानक हिरासत में लिए गए जियानचाओ

Liu Jianchao: हिरासत उस समय हुई जब अटकलें तेज थीं कि उन्हें अगला विदेश मंत्री के बनाया जा सकता है. उनकी विदेश यात्राओं और वैश्विक नेताओं से मुलाकातों ने उन्हें इस दौड़ में सबसे आगे कर दिया था.

File Photo
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Gaurav Pandey|Updated: Aug 10, 2025, 02:07 PM IST
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China Politics: चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की घरेलू राजनीति हमेशा रहस्य से घिरी रहती हैं. वहां की राजनीति के बारे में ज्यादा कुछ बाहर नहीं आ पाता है. इसी कड़ी में चीन के सियासी गलियारों में एक बड़ी हलचल मच गई है. चीन के सीनियर राजनयिक लियू जियानचाओ को अचानक एक विदेशी दौरे से लौटने के बाद बीजिंग में हिरासत में ले लिया गया. 61 वर्षीय लियू हाल के वर्षों में चीन की विदेश नीति के सबसे सक्रिय चेहरों में से एक रहे हैं और उन्हें संभावित विदेश मंत्री के तौर पर देखा जा रहा था.

विदेश मंत्री बनाने की तैयारी चल रही थी
असल में वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक यह कार्रवाई हाल ही में हुई है जब जुलाई के अंत में वे लौटे. मामले से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लियू की हिरासत उस समय हुई जब उनकी विदेश यात्राओं और वैश्विक नेताओं से मुलाकातों ने यह अटकलें तेज कर दी थीं कि उन्हें अगले विदेश मंत्री के रूप में प्रमोटेड किया जा सकता है. 

लियू जियानचाओ ने 2022 में पार्टी के अंतरराष्ट्रीय संपर्क विभाग का नेतृत्व संभालने के बाद 20 से ज्यादा देशों का दौरा किया और 160 से अधिक देशों के अधिकारियों से मुलाकात की. खासतौर पर अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से वॉशिंगटन में हुई उनकी बैठकों ने उनकी प्रोफाइल को और ऊंचा किया.

कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
इस मामले पर चीन की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. चीनी सरकार के राज्य परिषद सूचना कार्यालय और कम्युनिस्ट पार्टी के अंतरराष्ट्रीय संपर्क विभाग ने भी टिप्पणी करने से इनकार किया है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि लियू की गिरफ्तारी को अब तक के सबसे उच्च स्तरीय राजनयिकों पर हुई जांच में गिना जा सकता है.

उत्तर पूर्वी प्रांत जिलिन में जन्मे लियू जियानचाओ ने बीजिंग फॉरेन स्टडीज यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में स्नातक और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से अंतरराष्ट्रीय संबंधों की पढ़ाई की. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत विदेश मंत्रालय में ट्रांसलेटर के तौर पर की. इसके बाद ब्रिटेन में चीन मिशन में सेवा दी और इंडोनेशिया व फिलीपींस में राजदूत रहे. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के रूप में वे अपने बेबाक जवाबों के लिए पहचाने जाते रहे हैं.

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