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Mysterious Bacteria in Space: OMG! चीनी स्पेस स्टेशन में मिला रहस्यमय बैक्टीरिया, क्या अंतरिक्ष में भी बायो-वेपन बना रहा ड्रैगन? दुनिया में फैली चिंता

Bacteria in Chinese Space Station: दुनिया में जब कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने शुरू हो गए हैं, तब चीनी स्पेस स्टेशन में रहस्यमय बैक्टीरिया का पाया जाना बड़ी चिंता की बात माना जा रहा है. इस बात के सामने आने से दुनिया में डर फैल गया है.    

Mysterious Bacteria in Space: OMG! चीनी स्पेस स्टेशन में मिला रहस्यमय बैक्टीरिया, क्या अंतरिक्ष में भी बायो-वेपन बना रहा ड्रैगन? दुनिया में फैली चिंता
Devinder Kumar|Updated: May 26, 2025, 09:15 PM IST
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Mysterious Bacteria Found in Chinese Space Station: वैज्ञानिकों ने एक ऐसे खतरे के प्रति आशंका जताई है, जिससे पूरी दुनिया प्रभावित हो सकती है. यह खतरा एक बैक्टीरिया से जुड़ा हुआ है, जो धरती पर नहीं बल्कि हमारे बाहरी वायुमंडल के ऊपर अंतरिक्ष में पैदा हुआ है. वैसे बैक्टीरिया के बारे में हम इतना तो जानते ही हैं कि ये सूक्ष्म जीव होते हैं. कुछ बैक्टीरिया बीमारियों की वजह जरूर बनते हैं, लेकिन धरती पर पाने जाने वाले ज्यादातर बैक्टीरिया हानिकारक नहीं होते. लेकिन क्या यही बात अंतरिक्ष में पाए गए बैक्टीरिया के बारे में कही आज सकती है? इस सवाल के साथ वैज्ञानिकों की चिंता का कारण ये भी है, कि चीन के स्पेस स्टेशन में बिलकुल ही नए तरह की बैक्टीरिया कहां से आया.

इंसानी मन की वायरिंग ही ऐसी हुई है, कि वो जब भी सपने देखता है, आसमान की उड़ान भरता है. आज अगर हम दूसरी दुनिया की खोज में जुटे हैं, या अपनी दुनिया को बेहतर समझने की कल्पना करते हैं, तब भी हम ऊपर जाते हैं. धरती के ऊपर हम स्पेश स्टेशन बना चुके हैं, अलग अलग कक्षाओं में हजारों सैटेलाइट हमारी धरती की टोह ले रहे हैं. लेकिन हमारी कल्पनाओं की दुनिया के इसी शुरूआती दायरे में अगर कोई खतरा दिखने लगे तो क्या होगा. 

‘सिंगल सेल’ का वो अनोखा जीव!

ये कोई अनहोनी नहीं, अगर अंतरिक्ष में बैक्टीरिया पाया जाए. ऐसा इसलिए, कि इंसान की पहुंच जहां जहां होगी, उसके सथ बैक्टीरिया की पहुंच वहां हो सकती है. जैसे इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन, जहां बैक्टीरिया पाए जाने की खबरें आती रहती हैं. यहां पाए गए बैक्टीरिया वही हैं, जो धरती पर पाए जाते हैं, जिन्होंने स्पेस स्टेशन में बनाए गए ह्यूमन इनवायरमेंट के हिसाब से खुद ढाल लिया. लेकिन चीन के स्पेस स्टेशन से जो बैक्टीरिया मिला है, वो ऐसा नहीं है, बल्कि अपनी तरह का एक रहस्यमयी बैक्टीरिया है.

चीनी स्पेस स्टेशन का बैक्टीरिया रहस्यमयी क्यों?

‘द सन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, अनूठा बैक्टीरिया चीन के स्पेस स्टेशन टियांगोंग पर मिला है. वैज्ञानिकों ने इसे ‘नोवो-हर्बासिलम टियांगोंगेंसिस’ नाम दिया है. रॉड जैसे लंबे आकार का ये बैक्टीरिया सिर्फ जेलाटिन पर जिंदा है. जेलाटिन एक नेचुरल प्रोटीन है, जो जैव कोशिकाओं में पाया जाता है. ये बैक्टीरिया जेलाटिन से कार्बन और नाइट्रोजन प्राप्त कर लेता है. जिससे ये मुश्किल हालात में भी खुद का रक्षा कवच बना लेता है. ये ऐसे माहौल में भी जिंदा रह लेगा, जिसमें दूसरा कोई न रह पाए!

चीनी वैज्ञानिकों के मुताबिक, बैक्टीरिया की शुरुआती जीनोमिंग मे जो लक्ष्ण मिले हैं, उसके आधार पर इसे अमर कहा जा सकता है. यानी एक बार इसका म्यूटेशन हुआ, तो फिर इसे खत्म नहीं किया जा सकता है. बैक्टीरिया में ये लक्षण पाए जाने के बाद वैज्ञानिकों के मन में जो शुरुआती 4 सवाल थे, वो कुछ ऐसे थे. 

अगर अमर है ये बैक्टीरिया तो...

1. ये चीन के स्पेश स्टेशन में कैसे आया?

2. क्या ये स्पेस के वातावरण में पैदा हुआ?

3. या धरती के किसी सामान के साथ आया?

4. ये कितनी जल्दी म्यूटेशन करने में सक्षम है?

वैज्ञानिकों की रिसर्च में मिला जवाब

इन चार सवालों में से एक के जवाब का सुराग तो चीनी वैज्ञानिकों की रिसर्च में मिला है. और ये सबसे ज्यादा डराने वाला है क्योंकि स्पेस स्टेशन में मिले बैक्टीरिया के गुणों वाला ही एक बैक्टीरिया ग्रुप धरती पर भी मिला है. धरती वाला ये बैक्टीरिया इंसान को गंभीर रूप से बीमार करने में सक्षम है. तो क्या चीनी स्पेस स्टेशन का बैक्टीरिया कुछ ऐसी ही खतरा पैदा करने वाला है...?

धरती पर जो ज्ञात बैक्टीरिया हैं, उनसे टायफायड, टीबी, न्यूमोनिया और गले के संक्रमण जैसी बीमारियां होती हैं. इन बीमारियों के पीछे जो बैक्टीरिया होते हैं, हमारी कोशिकाओं के लिए विष जैसी चीज उत्पन्न करते हैं. इनमें से कूछ बैक्टीरिया सीधे कोशिकाओं पर अटैक करते हैं, तो कुछ अंगों में सूजन पहुंचाकर हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. 

ये धरती पर पाए जाने वाले बैक्टीरिया के बारे में आम बातें हैं जो पता है. इन्हें अलग अलग केमिकल्स, तापमान और मजबूत एंटी-बॉडी से खत्म भी किया जा सकता है. लेकिन वैज्ञानिकों के सामने जो चिंता है वो ये, कि चीनी स्पेस स्टेशन पर पाया गया बैक्टीरिया क्या उसी तरह से कंट्रोल हो सकता है, जैसे हम धरती के दूसरे बैक्टीरिया को कंट्रोल करते हैं.

चीनी स्पेस स्टेशन के लैब ने अमर बैक्टीरिया के बारे में जो जानकारियां धरती के कंट्रोल रूम में भेजी हैं, उसका पहला मिलान वैज्ञानिकों को चौंका रहा है. वो चौंकाने वाली बात है- स्पेस के उस बैक्टीरिया का प्रोटोटाइप, यानी वैसा ही हू ब हू बैक्टीरिया का धरती पर पाया जाना.

धरती पर फैलाता है सेप्सिस बीमारी!

सेप्सिस एक खतरनाक बीमारी है, जिसमें हमारा शरीर किसी इंफेक्शन से लड़ते हुए कुछ ज्यादा ही रियेक्ट करने लगता है. ये प्रोसेस कई बार इतना तेज होता है, कि इससे बीमार इंसान मल्टी ऑर्गन फेल्योर का शिकार हो जाता है...तो क्या स्पेस में मिला बैक्टीरिया हमारे शरीर में सेप्सिस पैदा करेगा?

वैज्ञानिक इस सवाल का जवाब तलाश ही रहे थे, कि एक नए तथ्य ने उनका माथा ठनका दिया. सेप्सिस के लिए जिम्मेदार जो बैक्टीरिया धरती पर पाया जाता है, वो ह्यूमन वेस्ट पर जिंदा रहता है, लेकिन अंतरिक्ष वाला बैक्टीरिया जेलाटिन यानी कोशिकाओं में मिलने वाले प्रोटीन पर यानी चीनी स्पेस स्चेशन में मिला बैक्टीरिया अंतरिक्ष के अंधेरे, सूखे और बिना किसी वेस्ट प्रोडक्ट वाले क्षेत्र में भी जिंदा रह सकता है. तो क्या ये बैक्टीरिया अंतरिक्ष यात्रियों के लिए कोई नई मुसीबत करने वाला है?

इंसानों के लिए बढ़ सकती है मुसीबत

वैज्ञानिकों की असली चिंता यही है. हालांकि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन और निर्माणाधीन चाइनीज स्पेस स्टेशन, दोनों ही जगहों पर बाहरी जीवाणुओं से बचने के लिए खास फिल्टर सिस्टम लगाए जाते हैं, यहां हर चीज छूने से पहले सैनिटाइज की जाती है, फिर भी धरती के मुकाबले यहां जीवाणुओं के संक्रमण को रोकना मुश्किल होता है.

इसलिए वैज्ञानिकों में चिंता चीनी स्पेस स्टेशन के बैक्टीरिया के म्यूटेशन को लेकर है. अगर ये व्यापक रूप से शुरू हो गया, तो अंतरिक्ष के साथ धरती पर भी बड़ी मुसीबत पैदा कर सकता है.

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