Pakistan Army Chief Asim Munir: पाकिस्तानी फौज अक्सर चर्चा का विषय बनी रहती है, कभी देश की राजनीति में दखल देने के लिए तो कभी अंदरूनी तौर पर असहमतियों के कारण. हाल ही में एक बार फिर साफ दिखाई दे रहा है कि सेना के अंदर ही असहमति बढ़ रही है. खासकर आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर के नेतृत्व को लेकर सेना के कुछ अधिकारियों में नाराजगी पाई जा रही है.\
रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ सीनियर अधिकारियों ने मुनीर के रवैये पर सवाल खड़े किए हैं. इन अधिकारियों ने खास तौर पर आर्मी चीफ के सियासी मामलों में उनके दखल और नागरिक नेताओं से उनके संबंधों को लेकर आपत्ति जाहिर की है. जनरल आसिम मुनीर पर यह भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने सेना के कुछ दिग्गज अफसरों और उनके परिवारों को धमकाया था, खासतौर पर उन सैन्य ठिकानों के दौरे के दौरान जिन्हें 9 मई के दंगों में निशाना बनाया गया था.
कहा तो यहां तक जा रहा है कि इन अधिकारियों जनरल मुनीर को खत लिखकर कहा है कि वो आपका समय खत्म हो गया है और जल्द इस्तीफा सौंप दें. दावा है कि यह जनरल मुनीर को यह पत्र पाकिस्तानी आर्मी के कुछ कर्नल, कैप्टन और जवानों ने ही भेजा है. 1971 में पाकिस्तान टूटकर बांग्लादेश बनने की कहानी का जिक्र करते हुए पत्र में कहा गया है,'यह आपका 1971 है, हम आपको इसकी छाया में दफन नहीं होने देंगे.'
इतना ही नहीं जनरल मुनीर पर यह भी आरोप लगे हैं कि वो पत्रकारों की आवाजें दबा रहे हैं, लोकतांत्रिक ताकतों को कुचल रहे हैं और सेना की प्रतिष्ठा को भारी चोट पहुंचा रहे हैं. अफसरों ने आरोप लगाया है,'हमने आपको हमारी संस्था, देश और सम्मान को डुबोतो हुए देखा है. आपका समय खत्म हो गया है, इसलिए आप जल्द इस्तीफा दे दें, नहीं तो जो आपने चुराया है वो हम ताकत के दम पर भी वापस ले सकते हैं.'
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान भी मुनीर के खिलाफ संगीन आरोप लगा चुके हैं. उनका कहना है कि मुनीर ने उनके खिलाफ साजिश रची, जिससे उनकी सरकार गिर गई और उन पर कई कानूनी कार्रवाइयां हुईं. सेना के अंदर बढ़ते इस मतभेद से न सिर्फ सैन्य नेतृत्व की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं, बल्कि देश की राजनीति पर भी इसका असर हो सकता है.
इस बीच जनता में भी असंतोष बढ़ रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस हालत पर नजर रखी जा रही है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या जनरल मुनीर इन चेतावनियों को गंभीरता से लेकर खुद ही पद छोड़ देंगे, या फिर सेना के अंदरूनी मतभेद किसी बड़े बदलाव का संकेत दे रहे हैं. पाकिस्तान इस समय एक बड़े सैन्य संकट से गुजर रहा है और इसका असर देश की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ सकता है.