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आधे घंटे में कब्र तैयार चाहिए...अंधेरी रात, मूसलाधार बारिश और नए रिक्शे पर त्रिपाल में लिपटी लड़की की लाश की दास्तान!

Rawalpindi Honor Killing: मुझे आधे घंटे में कब्र तैयार करवानी है. क्या ऐसा हो पाएगा? इसपर कब्र खोदने वाले ने जवाब दिया नहीं. ये घटना 17 जुलाई की है, उस दिन पाकिस्तान के रावलपिंडी में भारी बारिश हो रही थी. लेकिन भारी बारिश के दौरान सिर्फ आधे घंटे में शख्स को तैयार कब्र क्यों चाहिए था. चलिए जानते हैं.  

आधे घंटे में कब्र तैयार चाहिए...अंधेरी रात, मूसलाधार बारिश और नए रिक्शे पर त्रिपाल में लिपटी लड़की की लाश की दास्तान!
Md Amjad Shoab|Updated: Jul 31, 2025, 08:15 PM IST
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Pakistan Honor Killing:  पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के रावलपिंडी में तेज़ बारिश हो रही थी. हर तरफ पानी ही पानी था. लेकिन ऐसे मौसम में भी पीर वधाई पुलिस स्टेशन के भीतर मौजूद एक पुराने कब्रिस्तान में एक कब्र खोदने वाला शख्स अपने काम को अंजाम दे रहा था, तभी उसका मोबाइल फोन बजा. उसने जैसे ही कॉल उठाया, उधर से घबराई हुई आवाज़ आई, 'मुझे आधे घंटे में एक कब्र तैयार चाहिए, क्या ये मुमकिन है?' यह सवाल सुनकर कब्र खोदने वाला कुछ पल के लिए चौंक गया. उन्होंने कांपते शरीर के साथ कहा इतनी जल्दी. इस मौसम कब्र तैयार करना मुमकिन नहीं है. उन्होंने कहा कि उनके पास मजदूर नहीं इसलिए नहीं हो पाएगा. लेकिन इतनी जल्दी कब्र तैयार करने की मांग के पीछे एक रहस्यमयी घटना थी, जिसके बारे में कब्र खोदने वाले शख्स को थोड़ी भी भनक नहीं थी.

कब्र खोदने वाले के अल्फाज सुनकर, फोन करने वाले ने कहा कि कब्र खोदने वाला सिर्फ कब्र की जगह को  चिह्नित करेगा और बाकी काम, यानी कब्र खोदना और तैयार करना, वह खुद कर लेगा.  मामला शांत होने के बाद महिला के शव को लाल तिरपाल से ढककर लोडर रिक्शे पर लाया गया और सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. कब्रिस्तान प्रशासन की तरफ से एक रसीद भी दी गई, जिस पर मृतक महिला का नाम 'सिदरा दुख्तर अरब गुल' दर्ज था. लेकिन यह लड़की कौन थी और उसे इतनी जल्दी क्यों दफ़ना दिया गया? और बाद में उसकी कब्र का निशान क्यों मिटा दिया गया? चलिए जानते हैं इस रहस्यमय घटना के बारे में..

दरअसल, यह मामला 17 जुलाई को शुरू हुआ. लड़की के दफनाने से सात दिन पहले 11 जुलाई को पीर वधाई पुलिस स्टेशन में एक एप्लीकेशन दायर किया गया था, जिसमें आवेदक ने दावा किया था कि वह सिदरा नाम की एक महिला का पति है, जो घरेलू विवाद के बाद नकदी और गहने लेकर घर से भाग गई है. पुलिस को सौंपे गए उसी एप्लीकेशन में याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसे पता चला है कि उसकी पत्नी सिदरा घर से भाग गई है और उसने किसी अन्य शख्स से शादी कर ली है. बावजूद इसके पति ने पुलिस से अपनी पत्नी को बरामद करने का अनुरोध किया.

सिदरा ने कोर्ट में किया ये दावा

पुलिस अफसर के मुताबिक, 'शादी के कुछ दिन बाद 14 जुलाई को सिदरा ने मुजफ्फराबाद के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में एक अर्जी भी दायर की, जिसमें उसने दावा किया कि उसने अपनी मर्जी से यह शादी की है, लेकिन अब उसे और उसके पति को धमकी दी जा रही है, इसलिए उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए.' सिदरा ने कोर्ट में मैरिज सर्टिफिकेट भी जमा किया था. साथ ही, इस अर्जी में सिदरा ने आगे दावा किया कि वह कुंवारी है. और उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है और उसकी मां ने दूसरी शादी कर ली है, लेकिन उसका सौतेला पिता अब उसकी मर्ज़ी के बिना उसकी शादी करवाना चाहता है.

पिता ने बेटे को पुलिस हवाले क्यों किया? 

पुलिस ने जांच के दौरान सिदरा के पति को हिरासत में ले लिया, लेकिन इसी दौरान उसके (पति के) पिता का एक वीडियो बयान सामने आया. जिसमें उन्होंने दावा किया कि, 'मेरे बेटे की शादी के तीन दिन बाद, आठ से दस हथियारबंद लोग मेरे घर आए, खुद को सिदरा का रिश्तेदार बताया और उसे यह कहते हुए अपने साथ ले गए कि वे धूमधाम से त्योहार मनाना चाहते हैं.' हालांकि, वीडियो बयान में पति के पिता का कहना है कि उन्हें बाद में मीडिया से पता चला कि उनकी बहू सिदरा की हत्या कर दी गई है, जिसके बाद उन्होंने खुद अपने बेटे को पीर वधाई पुलिस के हवाले कर दिया.'

जब पुलिस को कोर्ट से मिला नोटिस

रावलपिंडी में सिदरा के रिश्तेदारों ने 20 जुलाई को रावलपिंडी सिटी पुलिस अफसर को एक और आवेदन पेश किया, जिसमें अनुरोध किया गया कि पहले पेश एप्लीकेशन (जिसमें सिदरा के घर से भागने और उसकी बरामदगी पर चर्चा की गई थी) पर कार्रवाई तुरंत की जाए. मामला यहीं नहीं रुका, बल्कि इस आवेदन के ठीक दो दिन बाद, उन्हीं लोगों ने रावलपिंडी की एक अदालत में एक याचिका दायर कर पुलिस से इस आवेदन पर कार्रवाई में तेज़ी लाने और सिदरा को बरामद करने के आदेश जारी करने की मांग की. इस याचिका के जवाब में, स्थानीय अदालत ने रावलपिंडी पुलिस को एक नोटिस जारी किया.

जिरगा में सिदरा को मारने का फैसला

अदालत का नोटिस मिलने पर पुलिस को शक हुआ कि थाने में दिए गए एप्लीकेशन पर कानूनी कार्रवाई शुरू होने के बावजूद फिर से अदालत में मामला दर्ज करने के लिए आवेदन करने की क्या जरूरत थी पुलिस अफसर के मुताबिक , कुछ जांच-पड़ताल की गई और पता चला कि यह 'ऑनर' का मामला है और बहुत संभव है कि लड़की की हत्या की गई हो. इसके बाद पुलिस ने मौके पर कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की.

गला घोंटकर उतारा मौत के घाट

बीबीसी उर्दू के मुताबिक,  मामले की जांच टीम में शामिल एक अफसर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, 'शुरुआती जांच में पता चला है कि 15 जुलाई को आरोपी सिदरा को मुजफ्फराबाद से रावलपिंडी वापस लाए और 16 जुलाई को इस संबंध में एक अवैध जिरगा आयोजित किया गया, जिसमें सिदरा को मारने का फैसला किया गया.' सिदरा की 17 जुलाई को जिरगा के हुक्म पर गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी और फिर उसी जगह उसकी जनाज़े की नमाज़ पढ़ी गई. पुलिस के मुताबिक, चूंकि लड़की का शव एक लोडर रिक्शा में लाया गया था, इसलिए सीसीटीवी फुटेज की मदद से रिक्शा का पता लगाया गया और फिर चालक को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने इस मामले में पति को नामजद आरोपी बनाया है, जिसने शुरू में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी.

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