Pakistan-America Relation: बीते दिनों ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहले पाकिस्तानी सेना के प्रमुख आसीम मुनीर ट्रंप से मिलने अमेरिका पहुंचे थे उसके बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार भी वॉशिंगटन में मार्को रुबियो से मिलने वॉशिंगटन पहुंचे. बता दें कि अब पाकिस्तान सरकार ने अमेरिकी सेंट्रल कमांड (USCENTCOM) के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला को 'निशान-ए-इम्तियाज (मिलिट्री)' से सम्मानित किया है. यह पाकिस्तान का आर्मी सेक्टर में दिए जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है.
जनरल कुरिल्ला को किया सम्मानित
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने जनरल माइकल कुरिल्ला को यह सम्मान इस्लामाबाद में आयोजित एक औपचारिक समारोह में दिया. उन्हें तीनों सेनाओं के गार्ड ऑफ ऑनर से भी
नवाजा गया. 'रेडियो पाकिस्तान' के मुताबिक जनरल कुरिल्ला को यह सम्मान पाक-अमेरिका के बीच रणनीतिक रक्षा संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय सुरक्षा में अहम योगदान के लिए दिया गया है. इसको लेकर पाकिस्तान सरकार ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान के साथ गहरी साझेदारी में अहम जिम्मेदारी निभाई है. साथ ही उन्होंने साउथ एशिया में शांति बनाए रखने के लिए भी अहम योगदान दिया है.
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आतंकवाद के खिलाफ बेहतरीन साझेदार
बता दें कि जून 2025 में जनरल कुरिल्ला की ओर से पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ बेहतरीन साझेदार बताया गया था. उन्होंने कहा था,' हमें भारत-पाकिस्तान दोनों से संबंध रखने की जरूरत है. यह कोई बाइनरी विकल्प नह है कि अगर भारत से संबंध हों तो पाकिस्तान से न हों.' बता दें कि जनरल कुरिल्ला के इस बयान पर भारत ने कड़ी निंदा की थी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था,' पाकिस्तान का रिकॉर्ड सबके सामने है. हालिया पहलगाम आतंकी हमला इसका उदाहरण है. साल 2008 का मुंबई हमला और ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान द्वारा पनाह देना सभी को याद है.'
भारत को कैसे प्रभावति करेगी ये दोस्ती?
अमेरिका-पाक की बढ़ती दोस्ती भारत के लिए कूटनीतिक चुनौती बन सकती है क्योंकि एक तरफ जहां भारत पाकिस्तान की आतंकवाद में भूमिका को दुनिया के सामने उजागर कर रहा है तो वहीं अमेरिका उसे एक बेहतर साझेदार बता रहा है. पाकिस्तान इस सम्मान के जरिए अमेरिका के साथ संबंधों की नई शुरुआत कर रहा है. वह भी ऐसे वक्त में जब वह आर्थिक और राजनीतिक दबाव में है.