आतंकवाद को पनाह देने वाला पाकिस्तान एक बार फिर अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा. भारत की ओर से हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए सटीक मिसाइल हमलों ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया, लेकिन इसके बावजूद पाकिस्तान अपनी करतूतों से पीछे नहीं हट रहा. अब खबर है कि पाकिस्तान सरकार कुख्यात आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के सरगना मसूद अजहर को 14 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि देने की तैयारी में है. यह वही मसूद अजहर है, जिसे संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित किया है और जो भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड रहा है.
ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर के परिवार के 10 सदस्यों और चार करीबी सहयोगियों के मारे जाने के बाद पाकिस्तान सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए प्रति व्यक्ति 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की थी. अब मसूद अजहर (जो अपने मारे गए परिवार और सहयोगियों का कानूनी वारिस है) इस राशि का सबसे बड़ा लाभार्थी बनने जा रहा है. यह खबर भारत और अंतरराष्ट्रीय कम्युनिटी के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि पाकिस्तान का यह कदम आतंकवाद को खुला समर्थन देने का सबूत माना जा रहा है.
ऑपरेशन सिंदूर में हुआ था बड़ा हमला
बीते 7 मई की आधी रात को भारतीय सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक मिसाइल हमले किए गए. इनमें से एक हमला बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालय जामिया मस्जिद सुभान अल्लाह पर किया गया. इस हमले में मसूद अजहर के 10 परिवारवालों मारे गए, जिसमें उसका छोटा भाई अब्दुल रऊफ अजहर, दो साले और चार करीबी सहयोगी शामिल थे. अब्दुल रऊफ भारत में कई आतंकी हमलों का मास्टरमाइंड था, जिसमें 1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 का अपहरण, 2001 का संसद हमला और पठानकोट एयरबेस पर हमला शामिल है.
मसूद अजहर की प्रतिक्रिया और मुआवजा
हमले के बाद मसूद अजहर ने कथित तौर पर एक बयान में कहा कि मारे गए लोग, जिनमें पांच बच्चे भी शामिल थे, "अल्लाह के रास्ते में शहीद" हुए हैं और अब जन्नत में हैं. दूसरी ओर, पाकिस्तान सरकार की ओर से घोषित मुआवजे के तहत मसूद अजहर को 14 करोड़ रुपये मिलने की संभावना है, क्योंकि वह अपने मारे गए परिवार और सहयोगियों का कानूनी वारिस है.