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अब चीन को उल्टी पड़ेगी चाल, चारों तरफ से घेरेंगे भारत-फिलीपींस, ये है मोदी-मार्कोस का बड़ा प्लान

Philippines-India Relations: फिलीपींस के राष्ट्रपति आज से भारत दौरे पर हैं. दोनों देशों के बीच लगातार रक्षा सहयोग मजबूत होता जा रहा है, जो चीन के लिए कड़ा संदेश साबित हो सकता है.    

अब चीन को उल्टी पड़ेगी चाल, चारों तरफ से घेरेंगे भारत-फिलीपींस, ये है मोदी-मार्कोस का बड़ा प्लान
Shruti Kaul |Updated: Aug 04, 2025, 10:02 AM IST
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Philippines President India Visit: फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड रोमुआल्डेज मार्कोस जूनियर 4 अगस्त-8 अगस्त 2025 तक 5 दिवसीय भारत के दौरे पर हैं. उनकी इस राजकीय यात्रा का मकसद डिफेंस और समुद्री रक्षा जैसे सेक्टर में भारत-फिलीपींस के बीच सहयोग को और अधिक मजबूत बनाना है. बता दें कि पीएम मोदी और मार्कोस जूनियर 5 अगस्त 2025 को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके अलावा वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी मुलाकात करेंगे.  

भारत-फिलीपींस के राजनयिक संबंध 
भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारत-फिलीपींस के बीच नवंबर साल 1949 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे. दोनों देशों में तभी से ट्रेड-इन्वेस्टमेंट, हेल्थ, एग्रीकल्चर, डिफेंस, डिजिटल टेक्नोलॉजी, दवाओं और समुद्री सहयोग जैसे कई सेक्टरों में मजबूत साझेदारी बनी है. दोनों देश क्षेत्रीय मंचों पर भी साझेदारी से काम करते हैं. विदेश मंत्रालय के मुताबिक फिलीपींस के साथ भारत के रिश्ते विजन सागर,  एक्ट ईस्ट पॉलिसी और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत के दृष्टिकोण का महत्वपूर्ण हिस्सा है.   

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चीन का क्या है मामला? 
बता दें कि इंडियन नेवी और फिलीपींस के बीच लगातार रक्षा सहयोग मजबूत होता जा रहा है. इसी सहयोग के तहत अक्सर भारतीय नौसेना के जहाज फिलीपींस का दौरा करते हैं. वहीं भारत भी फिलीपींस के जहाजों के रखरखाव के लिए अपने बंदरगाह उपलब्ध करवाता है. 30 जुलाई 2025 को इंडियन नेवी के 3 जहाज INS शक्ति, INS मैसूर और INS किल्टन फिलीपींस के दौरे पर पहुंचे. जहां फिलीपींस की नेवी ने उनका जोरदार स्वागत किया. सोमवार 4 अगस्त 2025 को  फिलीपींस की सेना ने कहा कि इंडियन नेवी के इन 3 वॉरशिप्स ने पहली बार अपने फिलीपीनी वॉरशिप्स के साथ विवादित दक्षिण चीन सागर के इलाकों में गश्त शुरू कर दी है.   

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चीन को सबक सिखाएंगे भारत-फिलीपींस?  
बता दें कि फिलीपींस ने इस विवादित जलमार्ग पर लगातार झड़पों के बाद पिछले साल 2024 में कई सहयोगियों के साथ रक्षा सहयोग का हाथ बढ़ाया है. चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि अंतरराष्ट्रीय फैसलों में चीन के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं बताया गया है. वहीं सिंगापुर में पिछले साल शांगरी ला संवाद के दौरान दिए राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर ने अपने संबोधन में कहा था कि फिलीपींस भारत जैसे सहयोगियों के साथ अपना सहयोग और रिश्ता अधिक मजबूत करना चाहता है. ऐसे में विदेश मंत्रालय ने मार्कोस जूनियर के इस दौरे को अहम बताते हुए कहा कि यह भविष्य में भारत-फिलीपींस के सहयोग को नया मार्ग दिखाने और क्षेत्रीय समेत वैश्विक मुद्दों पर मिलकर चर्चा करने का जरूरी मौका देगा.    

F&Q  

भारत-फिलीपींस के बीच राजनयिक संबंध कब स्थापित हुए?
भारत और फिलीपींस के बीच नवंबर 1949 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे. 

फिलीपींस के राष्ट्रपति की भारत यात्रा का मकसद क्या है?
फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर की भारत यात्रा का मकसद दोनों देशों के बीच रक्षा और समुद्री रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत बनाना है. 

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