Pakistan Polivirus: पाकिस्तान में आर्थिक समस्या के बीच अब लोगों में बीमारी भी बढ़ने लगी है. हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के 7 जिलों से इकट्ठा किए गए सैंपल में जंगली पोलियोवायरस टाइप 1 ( WPV) पाया गया है. इस्लामाबाद स्थित पोलियो से जुड़े एक प्रयोगशाला के मुताबिक इन सैंपलों को 8 मई -23 मई 2025 तक पाकिस्तान के पर्यावरण निगरानी कार्यक्रम के तहत चलाए कार्यक्रम में इकट्ठा किए गए थे.
पाकिस्तान में पोलियोवायरस
रिपोर्ट में कहा गया है कि दक्षिण-पश्चिम बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर और क्वेटा, पूर्वी पंजाब प्रांत के रावलपिंडी, उत्तर-पश्चिम खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के दक्षिण वजीरिस्तान ऊपरी और दक्षिण वजीरिस्तान निचले तथा दक्षिणी सिंध प्रांत के लरकाना और मीरपुर खास से लिए गए सीवेज के नमूनों में WPV 1 की पुष्टि हुई है. इसमें कहा गया है कि पंजाब प्रांत के लाहौर और बलूचिस्तान प्रांत के पिशिन से लिए गए नमूनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है.
पाकिस्तान में पोलियो के मामले
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, पाकिस्तान पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम ने 2025 में तीन राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान चलाए हैं, जिनमें 400,000 से अधिक फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं के सहयोग से 5वर्ष से कम आयु के 45 मिलियन से अधिक बच्चों तक पहुंच बनाई गई है. न्यूज एजेंसी 'सिन्हुआ' की रिपोर्ट के मुताबिक इस कार्यक्रम ने सितंबर 2024 से कठोर टीकाकरण रणनीति लागू की है, जिससे देश भर में पोलियो के मामलों और सकारात्मक पर्यावरणीय नमूनों में लगातार गिरावट आई है. कार्यक्रम के अनुसार साल 2025 की शुरुआत से पाकिस्तान में पोलियो वायरस के 12 नए मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य अधिकारियों ने सभी माता-पिता और देखभाल करने वालों से आग्रह किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि प्रत्येक अभियान के दौरान उनके बच्चों को पोलियो की खुराक मिले. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि बार-बार टीकाकरण ही बच्चों को इस बीमारी से बचाने का एकमात्र प्रभावी तरीका है.
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क्या है पोलियोवायरस टाइप 1?
जंगली पोलियोवायरस टाइप 1 (WPV1) पोलियो वायरस का एकमात्र प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला स्ट्रेन है, जो अभी भी दुनिया भर में फैल रहा है. यह एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है. यह मुख्य रूप से पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करता है और पक्षाघात का कारण बन सकता है. इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन टीकाकरण से इस बीमारी को रोका जा सकता है.
वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (GPI) 1988 से पोलियो उन्मूलन के लिए काम कर रही है और इसके मामलों की संख्या में 99.99 प्रतिशत से अधिक की कमी लाने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल की है. ( इनपुट- आईएएनएस)