Terrorist launch pads active again in Pakistan: एक ताज़ा खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तानी सेना, उसकी खुफिया एजेंसी ISI और पाकिस्तान की अन्य सरकारी एजेंसियां मिलकर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नष्ट हुए बंकरों का पुनर्निर्माण करवा रही है. नई तकनीक और विधियों से कम से कम 13 नए आतंकी शिविर और लॉन्चपैड तैयार किए जा रहे हैं. ये लॉन्च पैड जम्मू में अंतरराष्ट्रीय और पीओके में नियंत्रण रेखा के पास बनाए जा रहे हैं. इसके लिए पाकिस्तान की सरकारी एजेंसियां फंड जारी कर रही हैं.
आतंकियों के लिए बनाए जा रहे 13 लॉन्च पैड्स
खुफिया रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान पीओके में कम से कम 13 लॉन्चपैड और आतंकी शिविरों का पुनर्विकास कर रहा है. इनमें केल, शारदी, दुधनियाल, अथमुकाम, जुरा, लीपा घाटी, टंडपानी, नैय्यली, जनकोट और चकोटी शामिल हैं. इसके अलावा जम्मू क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर चार लॉन्चपैड - मसरूर, चपरार, और शकरगढ़ में एक ड्रोन केंद्र - को फिर से सक्रिय किया जा रहा है.
इस बार पुनर्निर्माण एक अलग तरीके से किया जा रहा है. भारत की ओर से भविष्य में किए जाने वाले एक्शन से बचने के लिए उसमें हाई तकनीक वाले छोटे बंकर बनाए जा रहे हैं. ये मिनी-कैंप एक बार में 20-30 आतंकवादियों को प्रशिक्षित करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जबकि पहले के शिविर 70-80 आतंकवादियों को प्रशिक्षण देते थे. ये शिविर घने जंगलों में रडार कैमोफ्लाज और सैटेलाइट मास्किंग जैसी उन्नत तकनीकों से लैस हैं.
पाकिस्ता खर्च कर रहा 100 करोड़ रुपये
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान इन आतंकी शिविरोंके पुनर्निमाण पर 100 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रहा है. इस काम में उसे चीनी कंपनियों की ओर से भी तकनीकी और लॉजिस्टिक सहायता मिलने की सूचना है. भारत को यह खुफिया जानकारी तब मिली, जब इस साल जून में जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ बहावलपुर में एक अहम बैठक हुई.
इस बैठक में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और द रेजिस्टेंस फ्रंट के शीर्ष कमांडरों के साथ-साथ आईएसआई के कुछ बड़े अधिकारियों ने भी भाग लिया था. बैठक का एजेंडा आतंकियों के ऑपरेशनल कमांड को पुनर्गठित करना, हथियारों का फिर से वितरण शुरु करना और नए आतंकियों की भर्ती प्रारंभ करना था. इस बैठक को भारतीय खुफिया एजेंसियों ने इंटरसेप्ट कर लिया था.
नई तकनीक से बनाए जाएंगे आतंकी ठिकाने
रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नष्ट हुए आतंकी लॉन्चपैड और प्रशिक्षण शिविरों के पुनर्निर्माण चर्चा की गई थी. इसमें नई रणनीति बनाते हुए पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास जंगली इलाकों में छोटे कैम्प बनाना है. वहां पर हाई तकनीक वाली सुविधाएं विकसित की जाएंगी, भारतीय निगरानी से बचा जा सके. इनमे रडार कैमोफ्लाज और सैटेलाइट मास्किंग जैसी तकनीक भी शामिल हैं.
आतंकियों की इस बैठक में आतंकी संगठनों में नए ऑपरेशनल कमांडरों की नियुक्ति पर भी फैसला लिया गया. इसकी वजह ये थी कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने कई टॉप आतंकियों को मार गिराया था. भारत में आतंकी गतिविधियां बढ़ाने के लिए पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर में नए आतंकियोंकी भर्ती की योजना भी बनाई गई.
ऑपरेशन सिंदूर से नहीं सीखा कोई सबक
बताते चलें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में टीआरएफ की ओर से 27 हिंदू पर्यटकों की चुन-चुनकर हत्या के बाद भारत ने बदला लेने के लिए 7 मई, 2025 को ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था. उसमें 25 मिनट में 24 मिसाइल हमले किए गए, जिनमें बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, मुरीदके स्थित लश्कर-ए-तैयबा का अड्डा और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) के सवाई नाला, अब्बास और बरनाला जैसे ठिकानों सहित नौ आतंकी शिविरों को नष्ट कर दिया गया. इस ऑपरेशन में लगभग 100 आतंकवादी मारे गए. इस ऑपरेशन को पहलगाम हमले का जवाब बताया गया, जिसमें पाकिस्तानी सैन्य या नागरिक ठिकानों को निशाना नहीं बनाया गया था.
ऑपरेशन के बाद पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों पर ड्रोन और मिसाइल हमले शुरू कर दिए, जिनको भारत ने नाकाम कर दिया. बाद में युद्धविराम की घोषणा की गई. लेकिन भारत ने स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी भी आतंकवादी कार्रवाई को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा. भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर बंद नहीं हुआ है, अगर कुछ भी होता है तो उसे दोगुनी ताकत से जवाब दिया जाएगा.
'हमला हुआ तो भारत फिर लेगा एक्शन'
वही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम हमले की निंदा करते हुए जवाबदेही तय करने का आग्रह किया. उसने इस हमले के लिए टीआरएफ और लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदार ठहराया है.
जम्मू कश्मीर के रक्षा मामलों के पत्रकार राशिद राहिल के मुताबिक, अगर यह सच है कि आतंकवादी जंगली इलाकों में अपने बंकर बना रहे हैं और उन्हें पाकिस्तानी प्रतिष्ठान का समर्थन प्राप्त है तो भारत सरकार चुप नहीं बैठेगी. प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर पर बोलते हुए कहा है कि हमने उन्हें सबक सिखाया है और जो लोग सबक नहीं सीखेंगे, हम उन्हें भविष्य में सिखाएंगे. मैं नहीं मानता कि भारत की खुफिया एजेंसियां चुप रहेंगी या सेना चुप रहेगी. अगर उन्होंने ऐसा कुछ किया तो उसका पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा.
चीन भी पाकिस्तान की कर रहा मदद!
कुछ खुफिया रिपोर्ट्स में पाकिस्तान की ओर से आतंकी ढांचे खड़े किए जाने में चीन की मिलीभगत की ओर भी इशारा किया गया है. रिपोर्टों में दावा किया गया है कि चीनी कंपनियां तकनीकी और लॉजिस्टिक सहायता प्रदान कर रही हैं, जिसमें संभवतः रडार कैमोफ्लेज और सैटेलाइट मास्किंग जैसी उन्नत तकनीकें भी शामिल हैं, ताकि पाकिस्तान को भारतीय निगरानी से बचने के लिए पीओके के जंगली इलाकों में छोटे, उच्च तकनीक वाले आतंकी शिविर बनाने में मदद मिल सके.