China News: सोचिए आपने जिंदगी की सबसे अहम परीक्षा दी, अच्छा स्कोर किया, लेकिन घर पहुंचते ही दरवाज़ा बंद मिले. वो भी इसलिए क्योंकि आपके मां-बाप को लगता है कि आप "टॉप" नहीं हैं. जी हां, चीन के एक छात्र के साथ कुछ ऐसा ही हुआ जब उसने गाओकाओ में 575/750 स्कोर किया. ये स्कोर भले ही अच्छे माने जाते हों, लेकिन उसके माता-पिता को उम्मीद थी कि वह चीन की सबसे बेहतरीन यूनिवर्सिटी में जाएगा. इस वजह से उसे घर से बारह निकाल दिया गया. इसके बाद अब वो खुद के लिए लड़ाई लड़ रहा है.
क्या है पूरा मामला?
श्याओकाई ने गाओकाओ में 750 में से 575 अंक हासिल किए जो आम तौर पर अच्छा स्कोर माना जाता है लेकिन उसके माता-पिता इससे खुश नहीं थे क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि उनका बेटा देश के टॉप यूनिवर्सिटीज़ में एडमिशन पाएगा. ये यूनिवर्सिटीज़ चीन की 39 सबसे अच्छी और टॉप-टियर संस्थान मानी जाती हैं.
माता-पिता ने मोबाइल को ठहराया जिम्मेदार
श्याओकाई लंबे समय से एक मेधावी छात्र रहा है, लेकिन हाल के सालों में उसकी पढ़ाई में गिरावट आई. माता-पिता का मानना है कि मोबाइल फोन की लत ने उसकी पढ़ाई बिगाड़ दी. उन्होंने बताया कि बेटे के कहने पर उन्होंने दो साल पहले उसे मोबाइल दिलाया था, लेकिन इसके बाद वह दिन-रात उसी में खोया रहने लगा, यहां तक कि क्लास भी बंक करने लगा.
नंबर कम आया तो घर ने निकाला
जैसे ही परीक्षा के नतीजे आए, श्याओकाई के माता-पिता ने घर का पासवर्ड बदल दिया और उसे अंदर नहीं घुसने दिया. इसके साथ ही सभी आर्थिक सहायता भी बंद कर दी. परेशान श्याओकाई ने स्थानीय मीडिया और Hunan TV से संपर्क कर मदद मांगी. इसके बाद जब श्याओकाई ने अपनी मां को फोन कर दरवाज़ा न खुलने के लिए कहां तो मां ने जवाब दिया, "मैं बिजनेस ट्रिप पर हूं, मुझे नया पासवर्ड नहीं पता, हमने तुम्हें कई बार समझाया, लेकिन तुमने पढ़ाई नहीं की. अब हमें अलग-अलग अपनी जिंदगी जीनी चाहिए." इसके बाद पिता ने कहा, "या तो घर लौटकर हमारे नियमों का पालन करो, या फिर बाहर जाकर नौकरी ढूंढो और अपनी जिंदगी खुद चलाओ."
क्या अब भी मिल सकता है एडमिशन?
श्याओकाई का स्कोर पिछले साल की 985 यूनिवर्सिटी कटऑफ के करीब है. अभी उसका अंतिम एडमिशन स्टेटस जुलाई के मध्य में घोषित होना है. लेकिन उससे पहले ही वह घर, सहारा और आर्थिक मदद से वंचित हो चुका है.