Pakistan News: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. बॉर्डर पर दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़पें जारी हैं. इस बीच, पाकिस्तान ने अमेरिका से अपील की है कि वह अफगानिस्तान में छोड़े गए अपने हथियारों को वापस ले. पाकिस्तान का कहना है कि ये हथियार आतंकवादी गतिविधियों में इस्तेमाल हो रहे हैं, जिससे क्षेत्र की शांति को खतरा है. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अगर अमेरिका इन हथियारों को वापस लेने की कोशिश करता है, तो इससे सुरक्षा की स्थिति में सुधार होगा.
पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली खान ने अपनी साप्ताहिक प्रेस ब्रिफिंग में एक सवाल के जवाब में कहा, 'हमारी चिंता यह है कि आतंकवादी पाकिस्तान में हमलों को अंजाम देने के लिए इन हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. हमने यह मुद्दा उठाया है। अगर अमेरिका इन हथियारों को वापस ले जाने के लिए कोई प्रयास कर सकता है, तो इससे समग्र क्षेत्रीय सुरक्षा में सुधार आएगा.'
अमेरिका-पाकिस्तान सुरक्षा सहयोग
प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान के बीच सुरक्षा सहयोग जारी है. आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोनों देशों के बीच खुफिया साझेदारी और आपसी सहयोग बना हुआ है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है, जिसमें इस्लामिक स्टेट (खुरासान प्रांत) यानी ISKP के आतंकी शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी भी शामिल है.
ISIS-K आतंकवादी शरीफुल्लाह की गिरफ्तारी
शरीफुल्लाह, जिसे जाफर के नाम से भी जाना जाता है वो 2021 के काबुल एयरपोर्ट हमले में शामिल था. इस हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों और लगभग 160 नागरिकों की मौत हुई थी. अमेरिका ने पाकिस्तान सरकार को शरीफुल्लाह को गिरफ्तार करने में मदद करने के लिए तारीफ की. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस्लामिक स्टेट (ISIS-K) से जुड़े इस आतंकी की गिरफ्तारी पर पाकिस्तान की सराहना की और कहा कि यह आतंकवाद के खिलाफ दोनों देशों के सहयोग को दर्शाता है.
तालिबान और पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव
पाकिस्तान ने कहा कि वह अफगानिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते चाहता है, लेकिन तालिबान शासन में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ रही हैं, जो दोनों देशों के बीच बेहतर रिश्तों में बाधा बनी हुई हैं. प्रवक्ता ने कहा कि अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकियों को सुरक्षित पनाहगाहें मिली हुई हैं, जिससे पाकिस्तान में हमले हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को पाकिस्तान ने कई बार तालिबान सरकार के सामने उठाया है.