Pakistan: ऑपरेशन सिंदूर की खतरनाक मार और भारत के कड़े रुख ने पाकिस्तान के तेवर ढीले कर दिए हैं. भारत को गीदड़ भभकी देने वाला पाकिस्तान इन दिनों भारत से बात करवाने की लोगों से गुहार लगा रहा है. हमेशा आंखें तरेरने वाला पाकिस्तान को पता चल गया है कि भारत से अधिक दिनों तक दुश्मनी रखने का मतलब है पाकिस्तान की बर्बादी. मीडिया रिपोर्ट में छपी खबरों के मुताबिक, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान से फोन पर बात कर भारत के साथ सुलह की गुहार लगाई है. शरीफ ने कहा कि उनका देश जम्मू-कश्मीर, जल, व्यापार और आतंकवाद जैसे सभी मुद्दों पर भारत से 'सार्थक बातचीत' के लिए तैयार है.
पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुई बात
ये बातचीत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए खौफनाक आतंकी हमले के बाद बढ़े तनाव के दो महीने बाद हुई है. इस हमले में भारत के बेगुनाह 26 लोग मारे गए थे. जिसके बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए ऐसा कोहराम मचाया जिसके बाद पूरी दुनिया सन्न रह गई. पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों के साथ कई एयरबेस नेस्तनाबूद हो गए. जिसके बाद पाकिस्तान बैकफुट पर आया.
औकात में आया पाकिस्तान
भारत ने सीजफायर के बाद भी 1960 की सिंधु जल संधि को रद्द कर रखा और और पाकिस्तान के साथ सारे व्यापारिक रिश्ते तोड़ लिए. कुछ दिनों तक पाकिस्तान अपनी गरमी दिखाता रहा, लेकिन उसके बाद अब पाकिस्तान अपनी औकात में आ गया है और लोगों से गुहार लगा रहा है.
शहबाज की सऊदी प्रिंस से गुहार
'रेडियो पाकिस्तान' के हवाले से शहबाज शरीफ ने सऊदी युवराज से कहा, "पाकिस्तान भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत को तैयार है." दोनों नेताओं ने पश्चिम एशिया के हालात पर भी चर्चा की. माना जा रहा है कि सऊदी अरब इस तनाव को कम करने में मध्यस्थता कर सकते हैं. लेकिन भारत का रुख एकदम साफ है- आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते.
भारत का सख्त तेवर
पहलगाम हमले के बाद भारत ने दुनिया को बता दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा. 'ऑपरेशन सिंदूर' और सिंधु जल संधि को रद्द करने जैसे फैसलों ने पाकिस्तान को सोचने पर मजबूर कर दिया. भारत ने साफ कहा है कि जब तक पाकिस्तान आतंकियों को पनाह देना बंद नहीं करता, बातचीत की कोई उम्मीद नहीं है.
क्या बदलेगा पाकिस्तान?
पाकिस्तान का ये नया रुख भारत की सैन्य और कूटनीतिक ताकत का नतीजा है. लेकिन सवाल ये है कि क्या पाकिस्तान अपनी पुरानी हरकतों से बाज आएगा? भारत पहले भी कई बार कह चुका है कि आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं होगा. अब देखना ये है कि सऊदी अरब की मध्यस्थता से दोनों देशों के बीच कोई रास्ता निकलता है या नहीं.