Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने सनसनीखेज दावा किया है कि पाकिस्तान की मर्सनरी सेना (Mercenary Army) यानी पेड आर्मी यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ रही है. मुनीर ने अपनी गला-काट ब्रिगेड को यूक्रेन भेज रखा है, हालांकि दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि पाकिस्तान के साथ-साथ चीन भी रूस का साथ दे रहा है. जेलेंस्की के इसी दावे ने इस्लामाबाद से वाशिंगटन तक हड़कंप मचा है.
पाकिस्तान की मर्सनरी सेना रूस की तरफ से युद्ध लड़ रही?
क्या पाकिस्तान का मर्सनरी ग्रुप रूस-यूक्रेन जंग में शामिल हो चुका है. क्या पैसों की खातिर मुनीर ने अपनी 'गला-काट' ब्रिगेड को युद्ध में भेज दिया है. क्या PAK फौज के भाड़े वाले 'टट्ट' यूक्रेनी सैनिकों को धोखे से मार रहे हैं. ये बात किसी से छिपी नहीं कि पैसों की खातिर पाकिस्तान कुछ भी कर सकता है. ऐसा कुछ रूस-यूक्रेन जंग में देखने को मिल रहा है. दरअसल, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के एक दावे ने सनसनी मचा दी है.
'कीव इंडिपेंडेंट की रिपोर्ट के मुताबिक-
खारकीव में यूक्रेनी सैनिकों का सामना मर्सनरी ग्रुप से हो रहा है.
मर्सनरी ग्रुप यानी पेड आर्मी या भाड़े के लड़ाकों को कहा जाता है.
दावा ये मर्सनरी ग्रुप रूसी सेना के साथ मिलकर जंग लड़ रहे हैं.
इन मर्सनरी ग्रुप का ताल्लुक पाकिस्तान-चीन और अफ्रीकी देशों से है.
ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के भी मर्सनरी ग्रुप जंग में शामिल है.
पाकिस्तान ने किया अमेरिका को डबल क्रॉस?
जेलेंस्की के दावे ने ना सिर्फ इस्लामाबाद बल्कि वॉशिंगटन तक सनसनी मचा दी है. क्योंकि एक तरफ पाकिस्तान जहां अमेरिका की गोद में बैठकर उसका दुलारा बना हुआ है. वहीं दूसरी तरह ट्रंप की आंखों में धूल झोंककर मुनीर अपनी फौज को यूक्रेन के खिलाफ जंग में उतार रहा है.
हांलाकि हैरानी इस बात की भी है कि क्या वाकई पाकिस्तानी फौज में इतना दम है कि वो आर-पार की जंग लड़ सके. बम-गोला-बारूद से धधकते वॉर जोन में दुश्मन सेना का मुकाबला कर सके. वाकई ये मुमकिन नहीं है. मगर बात पापी पेट की है जनाब, इसलिए चंद रुपयों की खातिर पाकिस्तान के फील्ड मार्शल ने भाड़े के टट्टूओं को जंग में झोंक दिया होगा.
लेकिन जेलेंस्की के इस दावे के बाद पाकिस्तान के पसीने भी छूटने लगे. मुनीर को डर सताने लगा कि कहीं इस खुलासे के बाद ट्रंप मुनीर-शहबाज की पीठ पर कोड़े ना बरसाने लगे. लिहाजा पाकिस्तानी मीडिया ने जेलेंस्की के दावे से ठीक उलट एक झूठा प्रोपेगेंडा चलाना शुरू कर दिया.
भारत के खिलाफ PAK मीडिया का प्रोपेगेंडा!
पाकिस्तानी मीडिया में कहा जाने लगा -'भारत की रूस से तेल की तिजारत की आड़ में डबल गेम हुआ. मोदी सरकार रूस को असलहा फरोख्त करती रही. गैर-मुल्की खबरों की एजेंसी के मुताबिक यूक्रेन पर रूसी ड्रोन के हमलों में भारत के कलपुर्जों का इस्तेमाल हो रहा है.'
लेकिन जैसे ही यूक्रेनी राष्टपति ने दावा किया कि पाकिस्तान-चीन की मर्सिया फौज यूक्रेन के खिलाफ लड़ रही है, पाकिस्तानी मीडिया और फेल्ड मार्शल आसिम मुनीर का भारत विरोधी दांव फेल हो गया.
जो पैसा देता है उसके साथ पाकिस्तान
ये पाकिस्तान की बौखलाहट है, तभी जेलेंस्की के दावे के बाद आसिम मुनीर के हाथ-पांव फूले हैं. शहबाज शरीफ तक की जान हलक में अटकी है. तभी पाकिस्तानी मीडिया के जरिए भारत के खिलाफ डर्टी साजिश वाला प्रोपेगेंडा चलाया जा रहा है.
जेलेंस्की के दावा पाकिस्तान ने नकारा
'डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक इस्लामाबाद ने जेलेंस्की के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि दावा झूठा है.
आसिम मुनीर को जेलेंस्की की तरह डांटेगे ट्रंप?
अमेरिका फिलहाल यूक्रेन के पक्ष में दिख रहा है. ऐसे में जब यूक्रेनी प्रेसिडेंट ने खुद खुलासा किया है कि पाकिस्तानी फौज खारकीव के आस-पास उनके सैनिकों को मार रही है तो जरूर जेलेंस्की के पास पाकिस्तान के डबल क्रॉस करने के पक्के सबूत होंगे. मतलब ये कि ट्रंप की आंखों का तारा बना आसिम मुनीर अब किसी भी वक्त ट्रंप के प्रकोप का शिकार बन सकता है. अभी खबरें आ रही हैं कि मुनीर तीन महीने में दूसरी अमेरिकी यात्रा पर जा रहे हैं तो इस बात की पूरी संभावना है कि मुनीर को इस बार ट्रंप वैसे ही मीडिया के कैमरों के सामने बिठाकर वैसा बुरा बरताव करें जैसा कि उन्होंने व्हाइट हाउस में जेलेंस्की के साथ किया था.
FAQ
सवाल- मर्सनरी क्या होते हैं?
जवाब- मर्सनरी (भाड़े के सैनिक) होते हैं. कई देश अपने कामों के लिए इन प्रॉक्सी लड़ाकों और कथित सैनिकों का इस्तेमाल करते हैं. इनके पास भी उस देश की असली सेना जैसे हथियार और रसद होती है, लेकिन इन्हें जंग में उतारने की बात कोई नहीं कबूलता. कुछ संगठन आर्थिक रूप से पिछड़े और राजनीतिक उथल-पुथल वाले इलाकों के लोगों को जंग में लड़ाने के लिए बतौर फाइटर भर्ती करते हैं. यूक्रेन का दावा है कि विदेशी लड़ाके रूस की तरफ से यूक्रेन से जंग लड़ रहे हैं.
सवाल- जो पैसा देता है उसके साथ क्यों खड़ा होता पाकिस्तान?
जवाब- पाकिस्तान गले के तक कर्ज में डूबा देश है, इसलिए जहां कहीं से भी उसकी लड़खड़ाती और खस्ताहाल इकॉनमी को सहारा देने के लिए फंड आता है उसे वो डूबते को तिनके का सहारा मानकर उसके पीछे खड़ा होकर अपनी वफादारी दिखाने की कोशिश करने लगता है.