2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान को लेकर एक बड़ा सवाल किया था. पीएम मोदी ने पाकिस्तान के साथ रिश्तों को लेकर कहा था कि सबसे बड़ी समस्या यह निर्धारित करना है कि पाकिस्तान को 'वास्तव में कौन चला रहा है'. प्रधानमंत्री मोदी ने एक इंटरव्यू में कहा था, 'आप किससे बात करेंगे. सेना से, आईएसआई से? या किसी निर्वाचित निकाय से? नेताओं ने मुझसे कहा, 'हम खुद नहीं जानते कि उस देश को कौन चलाता है.'
दरअसल, पीएम मोदी उस दुविधा को रेखांकित कर रहे थे, जो लंबे वक्त से इंटरनेशनल कम्युनिटी के साथ स्टेबल डिप्लोमेटिक रिलेशंस बनाए रखने में पाकिस्तान की क्षमता में बाधा बन रही है. क्या पाकिस्तान को 'निर्वाचित' सरकार चला रही है या सेना और आईएसआई से जुड़ी कोई सरकार? अपने स्वतंत्र इतिहास के लगभग आधे वक्त तक सेना द्वारा शासित देश होने के कारण, इसकी लोकतांत्रिक पहचान को शक की नज़र से देखा जाना स्वाभाविक है. हालांकि, पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर, जो अब फील्ड मार्शल भी हैं. वे इस भ्रम दूर करने के मिशन पर हैं कि पाकिस्तान को खिर कौन चला रहा है?
पाकिस्तान के साथ भारत के सैन्य तनाव के बाद से फील्ड मार्शल मुनीर देश के पोस्टर बॉय बन गए हैं. यहां तक कि इस्लामाबाद में ज़ोरदार चर्चा है कि मुनीर खुद प्रेसिडेंट पद संभाल सकते हैं. पाकिस्तान के उतार-चढ़ाव भरे अतीत को देखते हुए यह एक बहुत ही वास्तविक संभावना है.
हालांकि, मुनीर के हालिया कार्यों से पता चलता है कि देश पर शासन करने के लिए उन्हें किसी मौजूदा प्रेसिडेंट को हटाने की ज़रूरत नहीं है. पाकिस्तानी आर्मी चीफ ने सत्ता का एक नया सिद्धांत शुरू किया है, जिसने मौजूदा सरकार को प्रभावी ढंग से उखाड़ फेंका है. खासकर सेना ने मुनीर को देश का असली शासक बना दिया है.
हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के बाद करारी मार झेलने के कुछ ही हफ़्ते बाद मुनीर ने सैन्य जनरलों के साथ वाशिंगटन में अमेरिकी प्रेसिडेंट से डोनाल्ड ट्रंप से मुलाक़ात की, तो दुनिया के लिए मैसेज साफ़ था. पाकिस्तान के लिए सबसे अहम मुलाक़ातों में से एक में देश के हितों का प्रतिनिधित्व सरकार नहीं, बल्कि आर्मी चीफ कर रहे थे. इससे यह साफ़ हो गया कि प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ इस्लामाबाद में बस एक सहारा हैं.
मुनीर ने व्हाइट हाउस में लंच करने के बाद वाशिंगटन में प्रवासी पाकिस्तानियों से भी मुलाकात की और उनसे आर्थिक सहयोग की अपील की. साथ ही, उन्होंने इस दौरान सेना को विकास का प्रत्यक्ष सूत्रधार बताया. मैसेज साफ था- नए पाकिस्तान में, बिजनेस और कूटनीति का प्रवाह जनरल हेडक्वार्टर (GHQ) के माध्यम से होता है.
मुनीर के ट्रंप से मुलाक़ात के बाद वो पाकिस्तान के असली मुखिया के रूप में उभरे हैं. हालांकि, हाल के महीनों में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं, जो दर्शाते हैं कि सेना अब बिना किसी निर्वाचित पद के शासन के हर पहलू पर- आर्थिक, औद्योगिक और कूटनीतिक पर सीधे नियंत्रण रखती है.
पाकिस्तान के व्यापारिक हलकों में मुनीर का बढ़ता दबदबा किसी से छिपा नहीं है. हाल के महीनों में उन्होंने टॉप उद्योगपतियों और बिजनेस लीडर्स से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की है और उन्हें इकोनॉमी को जिंदा करनेीके कोशिशों में सेना के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया है. वहीं, गौहर एजाज और एफपीसीसीआई अध्यक्ष आतिफ इकराम शेख के नेतृत्व में एक डेलीगेशन ने जनरल मुख्यालय में मुनीर से मुलाकात की. बैठक के बाद जारी एक बयान में जनरल की जमकर तारीफ की गई. 'फील्ड मार्शल असीम मुनीर के गाइडेंस में हमें यकीन है कि पाकिस्तान अपनी पूरी क्षमता का दोहन कर सकता है, निवेशकों का विश्वास बहाल कर सकता है और समावेशी आर्थिक विकास हासिल कर सकता है.' जबकि, आर्मी चीफ मुनीर को पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में हाल ही में हुई वृद्धि के लिए भी श्रेय दिया गया, जो कि अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया.
इसके अलावा 2024 और 2025 के बीच मुनीर के कयादत में पाकिस्तानी सेना ने डॉलर की तस्करी, बिजली चोरी और बाज़ार में जमाखोरी के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई की. ये कार्रवाइयां साफ तौर से राजनीतिक एकजुटता और सार्वजनिक रूप से अपनी छवि बनाने का एक साधन थीं. जिससे कमजोर और खंडित नागरिक नेतृत्व के बीच एकमात्र कार्यशील संस्था के रूप में सेना की इमेज को मजबूती मिली.
इस विकसित होती पावर स्ट्रक्चर में एक प्रमुख साधन स्पेशल इन्वेस्टमेंट काउंसिल (एसआईएफसी) है, जिसका मुनीर सीधे निरीक्षण करते हैं. काउंसिल ने इंटरनेशनल इन्वेस्टर्स के साथ बातचीत से लेकर संरचनात्मक सुधारों की देखरेख तक, हर काम का जिम्मा अपने हाथ में ले लिया है, जो नाममात्र के समन्वय निकाय के लिए एक बहुत बड़ी भूमिका है. इस तरह, ऐसे देश में जहां निर्वाचित वित्त मंत्री अक्सर रावलपिंडी की इच्छा के मुताबिक काम करते हैं, आर्थिक नियोजन पर मुनीर के डाइरेक्ट कंट्रोल को कई लोग सैन्य नेतृत्व वाले शासन के एक नए फेज के रूप में देख रहे हैं. सबसे खास बात यह है कि इस बार नागरिक कवर का दिखावा भी नहीं किया गया है.
FAQs
सवाल: पाकिस्तान के मौजूदा राष्ट्रपति कौन हैं?
जवाब: पाकिस्तान के मौजूदा राष्ट्रपति आसिफ ज़रदारी हैं. उन्होंने 10 मार्च 2024 को पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली.
सवाल: असीम मुनीर कौन हैं?
जवाब: असीम मुनीर का पूरा नाम सैयद असीम मुनीर अहमद शाह है. उनका जन्म 1968 में रावलपिंडी में हुआ था. वो 2022 से पाकिस्तानी सेना के 11वें सेनाध्यक्ष के तैनात हैं.