Why Pakistanis Happy Shooting Down American F-35 Plane: मिडिल-ईस्ट के दो मुल्क अपने-अपने वजूद के लिए जंग लड़ रहे हैं. ईरान मिसाइलों से तो इजरायली फाइटर जेट के साथ जंग लड़ रहे हैं मगर पाकिस्तान की एक अलग ही कहानी चल रही है. वो मिडिल-ईस्ट की इस जंग में अपने चाइनीज चाचा की मार्केटिंग में लगा है. वो दुनिया को चीन के घटिया हथियार चिपकाने में लगा है. मतलब चीन के कबाड़ हथियार खरीदकर पाकिस्तान को डूबा ही है. वो चाहता है कि पूरी दुनिया को ले डूबे.
F-35 फाइटर जेट मार गिराने का ईरानी दावा
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को एक नया रोग लग गया है. जानते हैं जो पाकिस्तानी कल तक राफेल-राफेल चिल्ला रहे थे. अब F-35, F-35 की रट लगा रहे हैं. ये कभी अमेरिकी फाइटर जेट को गिराने की कहानी बना रहे हैं. तो कभी इसे गिराने की वजह इस्लामिक पावर को बता रहे हैं. दरअसल ईरान ने सोमवार को इजरायल का एक और F-35 फाइटर जेट मार गिराने का दावा किया था. बस ये ख़बर जैसे ही पाकिस्तान में पहुंची. पाकिस्तानी खुशी से झूम उठे और बेगानी शादी में अब्दुल्ला हो गए.
बता दें कि F-35 को गिराने के ईरानी दावे पर पाकिस्तानी सिर्फ इसलिए यकीन कर रहे हैं क्योंकि ईरान एक इस्लामिक मुल्क है. अगर कोई और देश F-35 को गिराता तो इन पाकिस्तानियों को सांप सूंघ जाता है मगर अभी देखिए कैसे चेहरे खिले हुए हैं.
आका चीन को खुश करने की कोशिश!
वैसे बता दें कि जिस F-35 को गिराने का ईरान दावा कर रहा है और जिसके कथित गिरने पर पाकिस्तान खुशियां मना रहा है. वो F-35 स्टील्थ फाइटर जेट है और तूफानी रफ़्तार से उड़ान भरता है. ईरान-पाकिस्तान तो छोड़िए अमेरिका दावा करता है कि रूस तक उसके इस फाइटर जेट को नहीं गिरा सकता है.
पाकिस्तान F-35 को ईरान में मार गिराने पर माहौल क्यों बना रहा है. क्यों इस ख़बर को दुनिया में ट्रेंड करा रहा है. असल में चीन का पिछलगू पाकिस्तान दुनियाभर में चीन के घटिया हथियारों की हवा बनाना चाहता है। राफेल के मामले में भी उसने ऐसा ही किया. चाइनीज J-10C को फ्रांस के राफेल से बेहतर बता दिया. अब चीन के J-35 को अमेरिका के F-35 से ताकतवर दिखाने की कोशिश की जा रही है.
ग्लोबल टाइम्स ने भी बढ़ाया प्रोपेगैंडा
मजे की बात ये है कि चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भी इसे एक बहुत बड़ी खबर बना दिया है. चीन के इशारे पर पाकिस्तान पूरी कोशिश कर रहा है कि पश्चिमी देशों के जो फाइटर जेट्स हैं, उन्हें बदनाम किया जाए, उन्हें कमजोर साबित किया जाए. दुनिया को यह बताया जाए कि उन्हें अब चीन से हथियार लेने चाहिए. जबकि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने चाइनीज हथियारों का क्या हाल किया है, वो दुनिया से वो भी छिपा नहीं है.