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25 करोड़ पाकिस्तानी क्यों एटम बम...एटम बम चिल्लाए? मामला है गंभीर

Pakistan News: बड़ी ख़बर ये है कि आज पूरा पाकिस्तान अपने एटम बम को तलाशने लगा. इजरायल ने जैसे ही ईरान की तरफ मिसाइलें दागी. पाकिस्तान में हड़कंप मच गया. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का एक इंटरव्यू पाकिस्तान में वायरल होने लगा.

25 करोड़ पाकिस्तानी क्यों एटम बम...एटम बम चिल्लाए? मामला है गंभीर
Shwetank Ratnamber|Updated: Jun 16, 2025, 02:10 AM IST
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Israel Attack on Iran: आज पूरा पाकिस्तान अपने एटम बम को तलाशने लगा. इजरायल ने जैसे ही ईरान की तरफ मिसाइलें दागी. पाकिस्तान में हड़कंप मच गया. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का एक इंटरव्यू पाकिस्तान में वायरल होने लगा. जिस भी पाकिस्तानी ने इस  इंटरव्यू को देखा उसका दिल बैठ गया. जानते हैं इसकी वजह क्या थी. दरअसल इजरायली प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान का नाम लिया. साफ-साफ कहा कि पाकिस्तान जैसे मुल्क के पास एटम बम नहीं होना चाहिए. जिसके बाद पाकिस्तान की 25 करोड़ अवाम पूछने लगी क्या ईरान के बाद इजरायल पाकिस्तान पर हमला करने वाला है?

130 एटॉमिक हमारे पास वेपन पर उड़ाएंगे पैसे 

पाकिस्तानी मातमपुर्सी करते हुए कह रहे हैं कि खुदा न खास्ता हम लोग सुबह सोकर उठें और ये सुनने को मिले कि पाकिस्तान के अजीमतर मफाद में वो एटमी धमाके किए. अरे हमने बड़ी मुश्किल से एटम बम हासिल किया है. ये जो 130 एटॉमिक हमारे पास वेपन हैं. हम सिर्फ इसलिए बचे हुए हैं क्योंकि हम एक न्यूक्लियर पावर है. ये न्यूक्लियर हथियार किराए के हथियार नहीं है. इजरायल को किसी भी मुसलमान मुल्क का एटमी ताकत होना कबूल नहीं था.

खुदा ना खास्ता अगर ऐसी सिचुएशन बन जाए तो हमारा कौन साथ देगा.
पाकिस्तान का मंत्री बोल रहा है.
पाकिस्तान का संत्री बोल रहा है.
पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बोल रहा है.
और पाकिस्तान की अवाम बोल रही है.

जब से इजरायल ने ईरान पर विध्वंसक हमला किया है. पाकिस्तान की ये पूरी जमामत बस एक ही बात बोल रही है....एटम बम....एटम बम....

मगर सवाल है कि ईरान-इजरायल युद्ध में पाकिस्तानियों को एटम बम क्यों याद रहा है? तो इसकी वजह है इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्यायू का एक इंटरव्यू. जो जंगल की आग की तरह पाकिस्तान में वायरल हो रहा है.नेतन्यायू ने ये इंटरव्यू कब दिया, क्यों दिया चर्चा इस बात की नहीं हो रही है बल्कि पाकिस्तान में खौफ इस बात का है कि इजरायल के प्रधानमंत्री ने ईरान के साथ-साथ पाकिस्तान का भी नाम लिया.

बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, 'हमारा मिशन है कि आतंकवादी इस्लामिक शक्तियों के हाथों में परमाणु हथियार जाने से रोकें. पहला ईरान है और दूसरा पाकिस्तान. इनके पास अगर ये हथियार आए तो ये पहले से चले आ रहे नियमों को नहीं मानेंगे. नेतन्याहू का ये इंटरव्यू जो भी पाकिस्तानी सुन रहा है. उसका दिल बैठा जा रहा है. डर सता रहा है कि कहीं ईरान के बाद इजरायल पाकिस्तान पर तो हमला नहीं करने वाला है. 

मजे की बात ये है कि खौफ सिर्फ पाकिस्तान की अवाम में ही नहीं बल्कि पाकिस्तान की फौज के भी हाथ-पांव कांप रहे हैं. मारे डर के पाकिस्तान तो ईरानी बॉर्डर के करीब लगातार उड़ान भर रही हैं. पाकिस्तानियों को ये डर भी है कि कहीं ईरान के चक्कर में इजरायल की मिसाइल पाकिस्तान को ही ना निपटा दे.

पाकिस्तान के डिफेंस एक्सपर्ट जैद हामिद ने कहा, 'इजरायली, अमेरिकन और इंडियन्स ये सब एक रास्ते पर हैं कि पाकिस्तान को तबाह करना जरूरी है. पिछले ही हफ्ते ट्रंप ने बयान दिया है कि हम ईरान पर हमला करने जा रहे हैं. क्योंकि ईरान एटमी हथियार बना रहा है. मगर उसके अलावा भी और मुसलमान मुल्क है जिनके पास एटमी हथियार हैं लेकिन उनके पास नहीं होने चाहिए. वो कौन से मुसलमान मुल्क है?  जाहिर है. सिर्फ आप हैं वो. पाकिस्तान के अलावा तो किसी और मुल्क के पास नहीं है.'

पाकिस्तान के इस फर्जी डिफेंस एक्सपर्ट जैद हामिद को पूरा पाकिस्तान 'लाल टोपी' वाले के नाम से जानता है. ये पाकिस्तानियों को पाकिस्तानी फौज की बहादुरी के किस्से सुनाता है. सोचिए अगर ये भी इजरायल के हमले से डरा हुआ है तो आम पाकिस्तानियों का क्या हाल होगा. क्योंकि बहुत से पाकिस्तानी तो ये मानकर बैठे हैं कि अगर इजरायल ने ईरान की तरफ पाकिस्तान पर हमला कर दिया तो पाकिस्तान इस हमले को 24 घंटे भी नहीं झेल पाएगा.

पाकिस्तानी  पत्रकार समीना पाशा ने कहा, 'बदमाशी इस इलाके में बढ़ती जा रही है. इजरायल में गाजा में जो कुछ सूरत-ए-हाल बरपा की वो सबको मालूम है, इसपर भी अगर मुस्लिम मुल्क और ख़ासकर पाकिस्तान जिसके पास एटम बम है और जिसकी बहुत बड़ी फौज है. ताकतवर मुस्लिम देश होने के नाते अगर वो कोई स्ट्रॉग रिएक्शन ना दे और हर मौके खुद को अलग रखकर न्यूट्रल होकर बैठ जाए तो इससे क्या मैसेज जाएगा. कल को फिर ये भी हो सकता है कि बात बढ़ते-बढ़ते पाकिस्तान की तरफ भी हो जाए. खुदा ना खास्ता अगर ऐसी सिचुएशन बन जाए तो हमारा कौन साथ देगा.'

मोहतरमा समीना पाशा की चिंता वाजिब है क्योंकि चीन-तुर्किए जैसे मुल्क इस कंगाल पाकिस्तान का तभी तक साथ देंगे. जब विवाद भारत के साथ हो. क्योंकि इतना तो पाकिस्तान के ये मुंह लगे दोस्त भी जानते हैं कि इजरायल के सिर पर सीधा अमेरिका का हाथ है. यानी इजरायल को छेड़ना मतलब सीधा अमेरिका को चुनौती देना होगा. अब कौन इस भिखमंगे पाकिस्तान के लिए अमेरिका से पंगा मोल लेना चाहेगा.

ईरान के बाद पाकिस्तान का नंबर?

कुछ जानकार ज्ञानपांडे कह रहे हैं कि अमेरिका जो है, इजरायल क्या है, इजरायल उसका नाजायज बच्चा है. अमेरिका और इजरायल एक ही हैं, हम अमेरिका और इजरायल को अलग नहीं रख सकते हैं. अमेरिका हो गया इजरायल, इजरायल हो गया इंडिया. अमेरिका का ये सीन है, वो खुलेआम उनकी मदद नहीं करता है, ये दिखाता नहीं है. वो ऐसे बयान देता है कि जैसे उसका इन सब से कोई ताल्लुख नहीं है, लेकिन होता वही है जो अमेरिका कहता है. ठीक है अमेरिका भी आ जाए, इजरायल, इजरायल को तो हम देश ही नहीं मानते हैं

इजरायल को किसी भी मुसलमान मुल्क का एटमी ताकत होना कबूल नहीं था. उसने इराक की न्यूक्लियर फैसिलिटी भी तबाह की और अब जब ईरान के साथ एक समझौता होने जा रहा था अमेरिका का और ईरान जो है वो बातचीत कर रहे थे. अभी रविवार के दिन भी उनकी बातचीत होनी थी तो इजरायल पहले से कह रहा था कि वो हमला करेगा. अमेरिका ने उसे मना भी किया, मगर इजरायल इसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं था कि किसी मुसलमान मुल्क का न्यूक्लियर प्रोग्राम जारी रहे.

अब सवाल ये है कि आखिर पाकिस्तान को क्यों लग रहा है कि ईरान को निपटाने के बाद इजरायल पाकिस्तान को निपटेगा तो डिफेंस एक्सपर्ट इसके पीछे की 4 वजह मानते हैं.

पहली वजह पाकिस्तान हमेशा इजरायल के वजूद को नकारता रहा है.
दूसरी वजह हमास ने जब इजरायल पर हमला किया था, तो पाकिस्तान ने हमास का खुला समर्थन किया था.
तीसरी वजह पाकिस्तान, इजरायल के पक्के दोस्त भारत का कट्टर दुश्मन है.
और चौथी वजह इजरायल नहीं चाहता कि किसी भी मुस्लिम मुल्क के पास परमाणु बम हो.

सिपरी की 2024 की रिपोर्ट कहती है कि पाकिस्तान के पास मौजूदा वक्त में 170 के करीब परमाणु बम हैं, जबकि इजरायल के पास 90 परमाणु बम होने का दावा किया जाता है. बावजूद इसके पाकिस्तान, इजरायल के संभावित हमले से कांप रहा है. ईरान के अंदर से इजरायली हमले की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं. उन्हें देखकर पाकिस्तानी ना दिन में चैन ले पा रहे हैं, ना रात में नींद. मजे की बात ये कि जो पाकिस्तानी कल तक ये दावा करते थे कि पाकिस्तान का एटम बम पूरी इस्लामिक कौम के लिए है वो ईरान पर इजरायल का हमला होते ही पलट गए और दलील दे रहे हैं कि पाकिस्तान का एटम बम कोई किराए का नहीं जो ईरान को बचाने के लिए चला दें.

पाकिस्तानी राजनीतिक विशेषज्ञ कमर चीमा ने कहा, 'कोई कह रहा है कि पाकिस्तान के पास न्यूक्लियर बम है. कोई कहता है कि इस्लामिक बम है. कोई कहता है कि कोई बम है. हम आलमे इस्लाम के लिए बम लेकर बैठे हुए हैं. हम किसी के लिए कोई बम लेकर नहीं बैठे हैं. पाकिस्तान का जो बम है वो पाकिस्तान के लिए है. ना तो पाकिस्तान कोई हथियार भेजेगा, ना मिसाइल भेजेगा और ना ही ये न्यूक्लियर वेपन किराए के वेपन हैं. ये थोड़ी सी बात का लोगों को पता होनी चाहिए. ये न्यूक्लियर हथियार किराए के हथियार नहीं है. ये हथियार हमारी सुरक्षा के लिए हैं.

कमर चीमा साहब इतना घुमा-फिराकर क्यों बोल रहे हो, सीधा-सीधा कबूल क्यों नहीं कर लेते हो कि पाकिस्तान का जो एटम बम है ना.वो पाकिस्तान का नहीं रहा. क्योंकि पाकिस्तान ने वर्ळ्ड बैंक और IMF से इतना कर्ज ले लिया है कि एटम बम तक गिरवी रखना पड़ गया है. बिना IMF मतलब अमेरिका की मंजूरी के पाकिस्तानी एटम बम के पास फटक भी नहीं सकते हैं। सुन लीजिए 

अफगानिस्तान पठान भाई, यू-ट्यूबर
लोग बोलते हैं ना कि पाकिस्तान एटम बम रखता है, चला देगा, पाकिस्तानी भी बोलते हैं, भैया मैंने पहले भी बोला है, आज भी बोल रहा हूं, आगे भी बोलूंगा. पाकिस्तान ने एटम बम रखा तो होगा, लेकिन चाबी उसकी USA के पास है,  अमेरिका बहादुर के पास है, पाकिस्तान की हिम्मत नहीं है कि भाई वो न्यूक्लियर वेपन के पास भी जाए. आज आप देखिए अफगानिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल किया पाकिस्तान को, अब ईरान के खिलाफ यूज करेगा पाकिस्तान को.

जानते हैं कि भारत से चार दिन की जंग में पाकिस्तान को ये समझ आ गया है कि इजरायल से उलझना उसके बसकी बात नहीं है. तभी इन खुराफाती पाकिस्तानियों की टोन चेंज हो गई है. क्योंकि पहले गाजा का हाल और अब ईरान में तबाही की तस्वीरें देखकर पाकिस्तानी ये समझ चुके हैं कि अगर इजरायल बिगड़ गया तो उसे संभालना नामुमकिन हो जाएगा. क्योंकि इजरायल जब मिसाइलें मारता है तो भारत की तरह सिर्फ 24-25 मिसाइलें नहीं दागता है. बल्कि 100 मिसाइलों से तो उसकी गिनती शुरू होती है. जो 1000 तक कब पहुंच जाती है, खुद इजरायल नहीं जानता है कि अब इतनी मिसाइलों को रोक पाने की हिम्मत पाकिस्तान में कहा हैं. उसका डिफेंस सिस्टम तो भारत की 24 मिसाइलों के आगे ही ढेर हो गया था.

कुल मिलाकर पाकिस्तान की भलाई इसी में है कि ज़्यादा चूं-चपड़ ना करे और खामोशी से ईरान की तबाही देखता रहे. क्योंकि अगर उसने अपने इस्लामिक बम को टटोलने की कोशिश की तो यकीन मानिए इजरायल का सारा गुस्सा पाकिस्तान पर ही उतरने वाला है. उम्मीद है कि पाकिस्तानी भी इस बात को भली-भांति जानते होंगे.

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