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Pakistan F 16 Jet: PAK के लिए गले की हड्डी कैसे बन गए F-16 जेट? किनारा किया तो US कर देगा तबाह

Pakistan F 16 Jet News: एक जमाना था, जब पाकिस्तान अपने यूएस से मिले एफ-16 फाइटर जेट के बल पर बहुत इतराता था. लेकिन अब वही जेट उसके लिए बोझ बनकर रह गए हैं. इसके बावजूद वह उन्हें इग्नोर करने की स्थिति में भी नहीं है.

Pakistan F 16 Jet: PAK के लिए गले की हड्डी कैसे बन गए F-16 जेट? किनारा किया तो US कर देगा तबाह
Devinder Kumar|Updated: Aug 04, 2025, 06:08 AM IST
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Why F 16 jets became a burden for Pakistan: पाकिस्तान और उसकी एयरफोर्स के लिए अमेरिकी फाइटर जेट एफ 16 को लेकर एक कहावत बिल्कुल फिट बैठती है. हाथ तो आया लेकिन मुंह ना लगा. अमेरिका के जिस फाइटर जेट को खरीदकर पाकिस्तान कभी सातवें आसमान में छेद कर देने का दम भरता था.अब वही एफ 16 पाकिस्तान के गले की हड्डी बन चुका है.

पाकिस्तान के लिए अमेरिकी जेट का खर्चा उठाना मुश्किल

खबर आई है कि पाकिस्तान की एयरफोर्स F-16 लड़ाकू विमानों पर अपनी निर्भरता कम कर रही है. रखरखाव में आ रही मुश्किलों की वजह से पाक आर्मी इन लड़ाकू विमानों को धीरे-धीरे अपने बेड़े से हटा देगी. कबाड़ हो चुके अमेरिकी F-16 के इंजन और पुर्जे अब किसी काम के नहीं रह गए हैं और तंगहाल कंगाल पाकिस्तान के लिए इस अमेरिकी जेट का खर्चा उठाना भी मुश्किल हो रहा है. 

कुछ दिनों पहले दुनिया ने देखा था कि नए लड़ाकू विमानों के लिए मुनीर ट्रंप की चरण वंदना करने अमेरिका पहुंच गए थे. लेकिन जब ट्रंप ने अपने लड़ाकू विमानों की कीमत बताई तो खुद मुनीर की सारी प्लानिंग हवा हो गई. अब तो खुद पाकिस्तानी कह रहे हैं कि भइया रहने दो. खाने को रोटी दे दो और शांति से जीने दो.

PAK ने F-16 जेट से दूरी बनाई तो क्या होगा?

अब ऐसे में सवाल ये भी है कि अगर असीम मुनीर की अगुआई वाली पाक आर्मी F-16 जेट से दूरी बनाती है तो ये डोनाल्ड ट्रंप के लिए बड़ा झटका होगा और ट्रंप मुनीर से खफा भी हो सकते हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति इस लड़ाकू विमान को भारत समेत कई देशों को बेचने की कोशिश में हैं. पाक आर्मी के फैसले से इस जेट को लेकर दुनिया में शंका बढ़ेगी और अमेरिका के लिए इसे बेचना मुश्किल हो जाएगा. लेकिन भारत पहले ही अमेरिकी F-16 को खारिज कर चुका है. ट्रंप को भारत की ना ने पाकिस्तानियों को हैरान परेशान कर रखा है.

वैसे F-16 से किनारा करने के अलावा पाकिस्तानियों के पास और कोई चारा भी नहीं है. कहने को तो दुनिया का पुराना मगर बेहतरीन लड़ाकू विमान पाकिस्तान के पास है. लेकिन लगाम आज भी अमेरिका के हाथों में है. वैसे पाकिस्तान की अवाम इंडियन राफेल का नाम सुनते ही अमेरिकी F-16 पर सवार हो जाती है. लेकिन उस F-16 की असल औकात अमेरिका ने क्या तय कर रखी है. 

भारत के खिलाफ इस्तेमाल नहीं कर सकता PAK!

दरअसल, अमेरिका ने पाकिस्तान को F-16 बेचते वक्त ही शर्त रखी थी कि इसका इस्तेमाल सिर्फ आतंकवाद विरोधी अभियानों में ही किया जाएगा. पाकिस्तान अपने F-16 का इस्तेमाल किसी भी जंग में भारत के खिलाफ नहीं कर पाएगा. पाकिस्तान पर थोपी गई इसी शर्त की निगरानी के लिए ट्रंप प्रशासन ने 397 मिलियन डॉलर का भारी-भरकम बजट जारी किया है.

अब ऐसे में पाकिस्तान के पास एक ही चारा है. ट्रंप से आंखें चुराना और चीनी कबाड़ पर आंख बंद करके भरोसा और दोनों की हालात पाकिस्तान की तबाही की कहानी लिखेंगे. क्योंकि अमेरिका नाराज़ हुआ तो फंड बंद यानी अवाम भूखी मरेगी. वहीं चीनी माल पर भरोसा किया तो सांस बंद. दूसरे शब्दों में कहें तो अवाम तब भी मरेगी. इसका मतलब पाकिस्तान के लिए हर हाल में मौत तय है. 

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