Pakistan Lahore to Karachi Train: चंद रोज पहले अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालेद बिन मोहम्मद पाकिस्तान पहुंचे. मिडिल ईस्ट से आए मेहमान की अगुवानी के लिए खुद शहबाज शरीफ एयरपोर्ट पहुंचे. हाथ में छाता लेकर किसी दरबान की तरह शेख साहब के पीछे चलते दिखाई दिए. दरअसल, शेख खालेद बिन मोहम्मद की आवभगत इसलिए भी जरूरी थी क्योंकि शहबाज शरीफ को तो मेहमान के आगे झोली फैलानी थी. पाकिस्तान की तरक्की के लिए भीख मांगनी थी. लिहाजा जैसे ही मौका मिला, शहबाज ने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालेद बिन मोहम्मद के आगे मुरादों की पूरी फेहरिस्त ही रख दी.
अबू धाबी के क्राउन प्रिंस को दिया तमगा
पहले तो अबू धाबी के प्रिंस को निशान-ए-पाकिस्तान से नवाजा और इसके बाद शहबाज ने कौमी खजाने भरने का मास्टर प्लान पेश कर दिया. जानते हैं इस बार शहबाज की अबू धाबी के क्राउन प्रिंस से क्या डिमांड थी. पाकिस्तान में रेलवे का कायाकल्प करना. पाकिस्तान में तेज रफ्तार वाली बुलेट ट्रेन चलाना. पाकिस्तान के हर शहर में मेट्रो लाइन का जाल बिछाना. हू-ब-हू हिंदुस्तान की तरह.
करप्शन, इस बीमारी से तो पाकिस्तान दशकों पहले ग्रसित हो चुका है. ये करप्शन की देन है, जिसने पाकिस्तान को आज की तारीख में कंगाल-बेहाल-खस्ताहाल बना दिया है. उसका ताजा नमूना आपको देखना हो तो फिर आप वहां की लग्जरी ट्रेन के बारे में जान लीजिए.
पाकिस्तान की सबसे लग्जरी ट्रेन
यकीन मानिए पाकिस्तान की सबसे महंगी और सबसे लग्जरी. तमाम सुख-सुविधाओं से लैस ट्रेन को देखकर आप चौंक जाएंगे. या तो आपकी आंखों से आंसू छलक जाएंगे या फिर आप हंसते-हंसते जमीन पर लोटपोट हो जाएंगे. सच में ये सुनकर आपका सब्र भी टूट रहा होगा.आप भी पाकिस्तान की लग्जरी ट्रेन को देखने के लिए बेताब हो रहे होंगे.
वो कहते हैं ना सब्र का फल मीठा होता है. लेकिन यहां तो सब्र की सारी सीमाएं ही पार हो रही है. आपको पाकिस्तान की सबसे लग्जरी ट्रेन यानी पैलेस ऑन व्हील्स का दीदार आपको करवा ही देते हैं लेकिन उससे पहले शर्त है. वो ये कि हंसना मना है. यह ट्रेन लाहौर से कराची के बीच चलती है और इसका एसी स्लीपर का किराया 10 हजार रुपये है. लेकिन इतने महंगे किराये के बावजूद इस लग्जरी ट्रेन की खराब सीटें पाकिस्तान की बदहाली की कहानी कहती हैं. टूटे बिजली स्विच, खराब तकिया, कंबल देखकर आपको सोमालिया याद आ जाएगा.
पाकिस्तानी यूट्यूबर ने खोल दी मुल्क की सच्चाई
जैसे पाकिस्तान के हालात...ठीक वैसे ही पाकिस्तानी रेलवे की फर्स्ट एसी का कोच. जिसमें एक ही किराए में आप दो फायदे उठा सकते हैं...पहला फर्स्ट क्लास का यानी एसी का और दूसरा जनरल क्लॉस का. यानी सीधे फ्रेश एयर और सुरक्षा का तो क्या ही कहना. अरे जब पूरा मुल्क की सेफ नहीं है तो इस तथाकथित लग्जरी ट्रेन का कोच खाक सेफ होगा. खैर, अब बारी है लग्जरी कोच के लग्जरी कैबिन यानी कमरे की...जिसमें यात्री सोते-बैठते हैं.
हमें कुछ बोलने कहने की जरूरत है नहीं...पाकिस्तान की लग्जरी ट्रेन का सच क्या है. आप पाकिस्तान में ट्रेन से सफर करना तो छोड़िए. पाकिस्तान जाने के लिए भी सौ बार सोचेंगे...वो भी गलती से. चमचमाता टॉयलेट, कलरफुल लाइट और बेहतरीन डिजाइन का लौटा. क्या खाक किसी फाइव स्टार होटल में होगा. नहीं होगा, दावे के साथ नहीं होगा जनाब. मजाक में ही सही लेकिन ये पाकिस्तानी शख्स पूरे पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेआबरू कर रहा है. भिगो-भिगो कर पाकिस्तानी अवाम और हुक्मरानों को जूते मार रहा है क्योंकि इसके पैसे लगे हैं. इसकी गाढ़ी कमाई को लग्जरी के नाम पर लूटा गया है.
तरक्की में भारत से बहुत पीछे छूटा पाकिस्तान
सच में ऐसा निजाम हमें नसीब ना हो. तभी अच्छा है. आप भी समझ गए होंगे कि आज चंद हुक्मरानों और कट्टरपंथियों ने पाकिस्तान का बेड़ा गर्क कर दिया है. जिस हिंदुस्तान से पाकिस्तान बराबरी की बात करता है, वो उससे कई गुना आगे है. आज भारत में वंदे भारत जैसी ट्रेने चलती है. अंडर वाटर मेट्रो चलती है और जल्द ही भारत में बुलेट ट्रेन भी रफ्तार भरेगी और पाकिस्तान के पास क्या है. लग्जरी के नाम पर ये कंगाल एक्सप्रेस जिसमें सफर करना सबसे बड़ा गुनाह है.
आज की तारीख में पाकिस्तानी बोल रहे हैं कि...शहबाज शरीफ रेलवे के नाम पर MoU साइन करने से नए-नए प्रोजेक्ट की फाइल तैयार करने से बुलेट ट्रेन की बात करने से कुछ नहीं होगा. पहले जो ट्रेनें पाकिस्तान में चल रही है. उन्हें ठीक करो. उनके हालात बदलो. पाकिस्तानी रेलवे के सिस्टम को बदलो और फिर बुलेट ट्रेन की बात करना. मौजूदा वक्त में हिंदुस्तान से बराबरी करने की कुव्वत पाकिस्तान में ना थी, ना है और ना रहेगी.