Ram Navami 2025 Festival in Pakistan: पश्चिम बंगाल 'दीदी' राज में रामनवमी से पहले आयोजनों पर रोक-टोक लगाई जा रही है. कहीं पूजा पंडाल में तोड़फोड़ के साथ आगजनी की घटनाएं भी सामने आ रही है. मतलब ये कि हिंदुस्तान के एक ही राज्य में हिंदुओं के धार्मिक पर्व पर ही पाबंदी लगाने की कोशिश की जारी है.
मगर पश्चिम बंगाल से करीब 2100 किलोमीटर दूर मौजूद एक कट्टरपंथी मुस्लिम मुल्क, जहां सिर्फ और सिर्फ राम नाम की गूंज है. हर किसी की जुबान पर सिर्फ एक ही नाम है, वो नाम प्रभु राम का है. जानते हैं, उस मुस्लिम मुल्क का नाम पाकिस्तान है. जहां का बूढ़ा-जवान ही नहीं बल्कि बच्चा-बच्चा भी जय श्रीराम बोल रहा है.
रामनवमी पर पाकिस्तान क्यों हुआ राममय?
अगर आपके जेहन में किसी भी तरह का सवाल या फिर शक ओ सुबहा हो तो हम बता देते हैं कि आपने जय श्री राम बोल रहे बच्चे-जवान और उम्रदराज लोगों का ताल्लुक पाकिस्तान से है. ये सभी पाकिस्तान के बांशिदे हैं. पाकिस्तान में ही अपना गुजर बसर करते हैं. आप भी सोच रहे होंगे कि आखिर पाकिस्तान जैसे कट्टरपंथी मुल्क में बैठकर ये कैसे बेखौफ तरीके से जय श्री राम बोल रहे हैं. क्यों राम नाम का जप कर रहे हैं तो उसकी वजह है रामनवमी का पर्व.
दरअसल, पाकिस्तान में रामनवमी की तैयारियां शुरू हो चुकी है. वो भी पूरे धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ. बता दें कि, पाकिस्तान के कराची शहर में स्वामी नारायण मंदिर मौजूद है. वह कराची का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है. इसी मंदिर में पाकिस्तानी हिंदू रामनवमी का भव्य-दिव्य आयोजन करने की तैयारी कर रहे हैं.
कराची में हुआ रामकथा का आयोजन
कराची के स्वामी नारायण मंदिर को बहुत ही सुंदर तरीके से सजाया गया है. मंदिर का हर कोना-कोना रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा है. मंदिर के मुख्य गुंबद पर भगवा पताका भी लहरा रही है. रामनवमी से पहले स्वामी नारायण मंत्री में नवरात्र का भी आयोजन हुआ था. इस दौरान कराची के स्वामी नारायण मंदिर ट्रस्ट ने 7 दिनों तक रामकथा का भी आयोजन किया.
दिलचस्प बात ये है कि पाकिस्तान में रामकथा सुनने के लिए रामकथा आयोजन में शामिल होने के लिए पाकिस्तान के कई शहरों से सनातनी पहुंचे.
रामनवमी से ठीक पहले पाकिस्तान से जो तस्वीरें सामने आई हैं, वे काफी दुर्लभ हैं. पाकिस्तान में ऐसा कतई देखने को नहीं मिलता. असल में वह एक ऐसा मुल्क है, जहां हर शहर-हर मोहल्ले-हर गली. यहां तक की हर घर में कट्टरपंथी मिल जाएंगे. वे हिंदू और सनातन धर्म से नफरत करते हैं, उनके खिलाफ जहर उगलते हैं. लिहाजा उसी पाकिस्तान से इस तरह की भव्य-दिव्य-विहंगम तस्वीर आना भावुक कर देने वाला है.
स्वामी नारायण मंदिर में भंडारे का आयोजन
ये संभव हुआ है तो पाकिस्तान में मौजूद सनातनियों की वजह से. जो इतने मुश्किल हालात में भी सनातन को बचाए हुए हैं. राम नाम का जप लगाए हुए है. श्री राम के चरणों में पलक पावड़े बिछाए हुए हैं.
कराची के स्वामी नारायण मंदिर में एक तरफ रामकथा का आयोजन चल रहा था और पंडाल राम-भक्तों से पटा पड़ा था. इस मौके पर भंडारे का आयोजन भी किया गया था, जिससे पाकिस्तान के अलग-अलग शहरों से आए सनातनी प्रसाद पा सकें.
कुछ लोग रामकथा सुन रहे थे. कुछ श्रद्धालु श्री राम का दर्शन कर रहे थे तो कुछ रामभक्त, कराची के स्वामी नारायण मंदिर की साज-सज्जा और खुबसूरती को निहार रहे थे. मतलब ये कि पाकिस्तान का कराची शहर पूरी तरह से रामनाम की गूंज और भक्ति से सराबोर हुआ दिखायी दे रहा था.
सनातन है तो मुमकिन है!
जिस तरह पाकिस्तान से राम नाम की गूंज की सुनायी दे रही है. जिस तरह पाकिस्तान का बच्चा-बच्चा जय श्री राम बोल रहा है. जिस तरह पाकिस्तान में रामनवमी की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. वो बेहद ही हैरान करने वाला है क्योंकि पाकिस्तान में ऐसे सनातनी माहौल की कल्पना करना भी मुश्किल है मगर सनातन है तो सब कुछ मुमकिन है.
यकीनन पाकिस्तान में बैठकर सनातन के खिलाफ जहर उगलने वाले इसे देख बिलबिला सकते हैं क्योंकि पाकिस्तान में हिंदू होना गुनाह है. पाकिस्तानी कठमुल्ले हिंदुओं पर अत्याचार करते हैं. मंदिरों को तोड़ते हैं और जबरन धर्मांतरण करवाते है. लिहाजा ऐसे मुल्क में सनातनी रामनवमी को अगर भव्य तरीके से मनाएं. मंदिरों में पूजा-पाठ करें, भजन-कीर्तन करें तो ये देख हर सनातनी प्रेम भावुक हो सकता है.