India Pakistan Conflict: पाकिस्तान की ओर से ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय आसमान में कुछ घटिया क्वालिटी के ड्रोन भेजे गए थे, जिसमें कुछ अटैकिंग ड्रोन और सर्विलेंस ड्रोन भी छुपाए गए थे. पाकिस्तान इसके जरिए इंडियन मिलिट्री इंस्टॉलेशन को मैप करके खूफिया जानकारी जुटाने, सीमित हमले करने और भारत की हवाई सुरक्षा को कमजोर करना चाहता था.
सीमा के लोकेशन पर भेजें ड्रोन
'इंडियन एक्सप्रेस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत के ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के आतंकवादी ढांचे को नुकसान पहुंचाने के बाद पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमा पार बारामूला से बाड़मेर तक भारत की कई लोकेशन में ड्रोनों के झुंड भेजने शुरू कर दिए. पाकिस्तान की ओर से यह सिलसिला 4 दिनों तक जारी रहा, जिसमें दोनों देशों के बीच सीजफायर के 2 दिन बाद भी शामिल हैं. पाकिस्तान ने 8 मई 2025 की रात कुछ हथियारबंद ड्रोन भेजे थे. वहीं उसकी अगली रात अधिक मात्रा में ड्रोन थे. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान लगातार 300-400 की झुंड में ड्रोन भेज रहा था.
भारत पर निगरानी करने के लिए लगाए ड्रोन
रिपोर्ट के मुताबिक इसके बाद अगली 2 रातों में भी ड्रोनों की घुसपैठ देखी गई थी, लेकिन पाकिस्तान ने इसपर हाथ होने से बिल्कुल मना कर दिया. खासतौर से उनपर जो सीजफायर के बाद देखे गए थे. इनमें से कुछ ऐसे ड्रोन थे, जिनमें कोई कैमरा या निगरानी के लिए कोई उपकरण नहीं थे. इनका मकसद भारतीय वायु रक्षा से जुड़ी कोई खूफिया जानकारी इकट्ठा करना था और भविष्य के लिए इंडियन एयर डिफेंस नेटवर्क में खामियां पता करना था.
पाक ने लगाए तुर्किये के ड्रोन
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक इन पाकिस्तानी ड्रोनों का एक और मकसद था. वह ये कि भारतीय मिसाइलों और गोला-बारूदों को खत्म करना. इसके अलावा इंडियन एयर डिफेंस सिस्टम की जगहों को रिकॉर्ड करना और उन्हें दबाना. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने लाइट डिटेक्शन और रेंजिंग टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल किया ताकी इंडियन मिलिट्री इंस्टॉलेशंस और दूसरी क्रिटिकल लोकेशंस का पता लगाया जा सके. भारत का कहना है कि ये ड्रोन मुख्य रूप से टर्किश निर्मित थे. इन ड्रोनों को भारतीय मिसाइलों ने हवा में मार गिरा दिया था.