India Pakistan War Latest News in Hindi: भारत की सैन्य तैयारियों से पाकिस्तान में इस कदर घबराहट थी कि वो हर दरवाजा खटखटा रहा था. वो भारत के दोस्तों से भी गुहार लगा रहा था कि वो उसे हमला न करने को लेकर मनाए. तुर्की-ईरान, अमेरिका के बाद पाक ने रूस से भी मदद मांगी थी. हालांकि इन सभी के साथ अमेरिका ने पाकिस्तान को ठेंगा दिखा दिया. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेंडी वेंस ने साफतौर पर कहा था कि आतंकवाद के अड्डे खत्म करने में पाकिस्तान भारत के साथ सहयोग करे. पहलगाम हमले के 15 दिन बाद भारत ने पाकिस्तान में बहावलपुर, मुजफ्फराबाद समेत नौ आतंकी अड्डों पर हवाई हमला कर बदला लिया
रूस में पाकिस्तानी राजदूत खालिद जमाली ने ऐसी ही गुहार पुतिन सरकार से लगाई थी. जमाली ने कहा कि रूस तो भारत का रणनीतिक साझेदार है और पाकिस्तान का भी दोस्त है. ऐसे में वो अपनी हैसियत का इस्तेमाल कर तनाव घटाने में मदद कर सकता है. जमाली ने कहा कि ताशकंद समझौते 1966 में रूस ने इसी तरह मदद की थी. तत्कालीन सोवियत संघ ने तब सैन्य संघर्ष को खत्म करने में मदद की थी.
ईरान से भी लगाई गुहार
भारत से ज्यादा करीबी रखने वाले देश ईरान से भी पाकिस्तान मदद की उम्मीद लगाए बैठा था. ईरान के विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अराक्ची इस्लामाबाद पहुंचे हैं. वहां से वो नई दिल्ली दौरे पर भी आने वाले थे. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार से उनकी मुलाकात होगी.
तुर्किये से मिल रही मदद
पाकिस्तान एक ओर शांति की अपील करते हुए दुनिया भर के ताकतवर मुल्कों से मदद मांग रहा था. दूसरी ओर गोला-बारूद और हथियारों के संकट को देखते हुए तुर्किये जैसे देशों से सैन्य मदद भी ले रहा था. तुर्किये का युद्धपोत कराची पोत पहुंचा है. इससे पहले भी पहलगाम हमले के बाद तुर्किये के बड़े परिवहन विमान पाकिस्तान पहुंचे थे.
1971 की जंग भूल गया पाकिस्तान? 300 महिलाओं के हौसले के आगे हार गया था दुश्मन
पहलगाम हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है. भारत कई बार दोहरा चुका है कि वो पाकिस्तान को उसकी हिमाकत का करारा जवाब देगा. भारतीय वायुसेना, सेना और नौसेना के युद्धाभ्यासों से पाकिस्तान सेना और सरकार की रातों की नींद उड़ी है.
कंगाल पाकिस्तान में मंत्रियों की मौज, सैलरी में बंपर बढ़ोतरी, आटा-दाल को तरस रही 25 करोड़ की जनता