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अब नहीं कह सकेंगे- I will not give you a single penny, वजह जानकर कहेंगे- एक युग का अंत

Paisa News: यहां हम आपको ये भी बताना चाहेंगे कि भारत में साल 1957 में एक आना को बंद किया गया था. 5 पैसे के सिक्के को 1994 में बंद किया गया. 30 जून 20211 को 25 पैसे से कम मूल्य के सिक्कों को बंद कर दिया गया.

अब नहीं कह सकेंगे- I will not give you a single penny, वजह जानकर कहेंगे- एक युग का अंत
Shwetank Ratnamber|Updated: May 25, 2025, 02:27 AM IST
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Penny News: आई विल नॉट गिव यू ए सिंगल पेनी (I will not give you a single penny). अंग्रेजी में इस वाक्यांश का प्रयोग आपने कई बार सुना होगा. लेकिन अब इस सेंटेंस यानी कथित मुहावरे को बदलने का समय आ गया है. आपको इस वाक्य को बदलना होगा, हालांकि इसकी वजह दिलचस्प है. अमेरिकी सरकार ने पेनी यानी सेंट (Cent) की ढलाई बंद करने का फैसला किया है.

क्या होती है पेनी?

जैसे हमारे यहां एक पैसा होता है वैसे ही डॉलर का 100वां हिस्सा पेनी कहा जाता है. एक पेनी की ढलाई में 4 पेनी का खर्च आ रहा था. यानी आमदनी चवन्नी और खर्च रुपया. इसलिए अमेरिकी सरकार ने इसे बंद करने का फैसला किया है.

अमेरिकी वित्त विभाग के मुताबिक पेनी बंद करने के फैसले से सरकार को हर साल करीब 5.6 करोड़ डॉलर बचत होगी. पहला सेंट यानी पेनी 1787 में बनाया गया था.  अमेरिका में अभी करीब 114 अरब सेंट प्रचलन में हैं. लेकिन बढ़ती महंगाई और डिजिटल  इनका वास्तविक उपयोग बहुत कम हो गया है.

भारत में भी हो चुका है ऐसा

यहां हम आपको ये भी बताना चाहेंगे कि भारत में साल 1957 में एक आना को बंद किया गया था.

5 पैसे के सिक्के को 1994 में बंद किया गया.

30 जून 20211 को 25 पैसे से कम मूल्य के सिक्कों को बंद कर दिया गया.

यहां हम आपको ये भी बताना चाहेंगे की 19 अगस्त 1757 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत में 1 रुपया का चांदी का सिक्का जारी किया था. साढ़े 11 ग्राम का ये चांदी का सिक्का वर्ष 1917 तक चलन में था. पहले विश्वयुद्ध के दौरान जब चांदी की मांग बढ़ गई तो ब्रिटिश सरकार ने चांदी का सिक्का बंद कर एक रुपए का नोट जारी किया था.

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