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तीखे सवाल पूछती थी मैगजीन, किसी ने ऑफिस भेजा सुअर का सिर, प्रेसिडेंट ऑफिस बोला- पकाकर खा लो

इंडोनेशिया की मशहूर मैगजीन के दफ्तर में कुछ लोगों ने सुअर का कटा हुआ सिर और कुछ मरे हुए चूहे भेजे हैं. बताया जा रहा है कि यह सब तब हुआ जब इस मैगजीन ने सरकार से तीखे सवाल पूछना शुरू किए थे. 

तीखे सवाल पूछती थी मैगजीन, किसी ने ऑफिस भेजा सुअर का सिर, प्रेसिडेंट ऑफिस बोला- पकाकर खा लो
Tahir Kamran|Updated: Mar 23, 2025, 12:43 PM IST
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दफ्तरों में कई तरह के पत्र भेजे जाते हैं, खास तौर पर अगर दफ्तर मैगजीन, अखबार या फिर मीडिया से जुड़ा हुआ हो तो वहां आम लोगों के पत्रों का आना बेहद आम है. पत्रकारों के नाम पर उनके दफ्तर में चिट्ठी आना भी बहुत नॉर्मल सी बात है लेकिन इंडोनेशिया की एक मशहूर मैगजीन की दफ्तर में एक पत्रकार के नाम पर ऐसी चीज आई है जो काफी हैरान कर देने वाली है. जी हां, यहां एक रिपोर्टर के नाम पर सुअर का कटा हुआ सिर और चूहों की कटी हुई लाशें डिलीवर हुई हैं.

टेम्पो पत्रिका का इतिहास

इंडोनेशिया में प्रेस की आजादी को लेकर आवाज तेज होती जा रही है. ये आवाज तब और मुखर हो गई जब देश की सबसे मशहूर पत्रिकाओं में से एक 'टेम्पो' को धमकाने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं. 'टेम्पो' 1970 के दशक से इंडोनेशिया चंद सबसे बड़ी साप्ताहिक पत्रिकाओं में से एक रही है. 

6 चूहों की लाशें और सुअर का सिर

शनिवार को टेम्पो के दफ्तर में सफाईकर्मियों को एक डिब्बे में 6 कटी हुई चूहों की लाशें मिलीं. इससे पहले गुरुवार को वहां एक सुअर का सिर भी मिला, जिसके कान कटे हुए थे. यह सिर पत्रिका के एक रिपोर्टर के नाम पर भेजा गया था. यह उसके बाद हुआ जब यह पत्रिका देश के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो की नीतियों की आलोचना कर रही थी. प्रबोवो एक पूर्व जनरल हैं, जिन पर मानवाधिकार संगठनों ने तानाशाह सुहार्तो के शासनकाल में अत्याचार करने के आरोप लगाए हैं.

राष्ट्रपति प्रबोवो की नीतियों पर उठाए थे सवाल

टेम्पो के प्रधान संपादक सेत्री यसरा ने इस घटना को उनकी पत्रिका की निष्पक्ष पत्रकारिता को कमजोर करने की कोशिश बताया. उन्होंने कहा कि अगर इस धमकी का मकसद डराना है, तो वे इससे डरने वाले नहीं हैं, लेकिन इस तरह की कायरतापूर्ण हरकतों को रोका जाना चाहिए. टेम्पो ने प्रबोवो सरकार की नीतियों, खासकर बजट में कटौती पर कई आलोचनात्मक आर्टिकल छापे थे, जिसकी वजह से देशभर में विरोध प्रदर्शन भी हुए थे. 

राष्ट्रपति दफ्तर ने कहा 'पका लेना चाहिए' सुअर का सिर

फिलहाल, अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि यह हरकत किसने की है. हालांकि राष्ट्रपति कार्यालय के प्रवक्ता हसन नासबी ने पहले इस मामले को हल्के में लिया और कहा कि पत्रिका को सुअर का सिर 'पका लेना चाहिए' लेकिन बाद में उन्होंने अपने बयान में बदलाव करते हुए कहा कि प्रेस की आजादी को बनाए रखना जरूरी है और इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

दो बार बंद हो चुकी है पत्रिका

यहां यह भी जिक्र के लायक है कि यह वही पत्रिका है जिसे ताना शाह सुहार्ता की तानाशाही के दौरान भी दो बार प्रतिबंधित कर दिया गया था. इस पत्रिका पर आखिरी बार 1994 में पाबंदी लगी थी. सुहार्तो के सत्ता से हटने के बाद से मैगजीन फिर से छपनी शुरू हुई थी. राष्ट्रपति प्रबोवो कभी सुहार्तो की बेटी के पति भी रह चुके हैं और उन पर सुहार्तो के शासन के अंतिम दिनों में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को गायब करवाने के आरोप लगे थे, जिन्हें उन्होंने हमेशा खारिज किया है.

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