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भारत के पूरब में पनप रहा बड़ा खतरा, बांग्लादेश में इस खूंखार आतंकी संगठन की हुई वापसी; बड़े प्लान में है ISI

India Bangladesh News in Hindi: उत्तर और पश्चिम से लगातार खतरे का सामना कर रहे भारत के लिए अब पूरब में बड़ा खतरा पैदा हो रहा है. शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद बांग्लादेश में भारत विरोधी खूंखार संगठन की वापसी हो गई है. उसे पाकिस्तान की भी शह मिल रही है. 

भारत के पूरब में पनप रहा बड़ा खतरा, बांग्लादेश में इस खूंखार आतंकी संगठन की हुई वापसी; बड़े प्लान में है ISI
Devinder Kumar|Updated: Aug 07, 2025, 02:54 AM IST
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Jamaat-ul-Mujahideen Bangladesh News: बांग्लादेश में पिछले साल शेख हसीना सरकार के पतन के बाद से परिस्थितियां लगातार खराब हो रही हैं. वहां पर कट्टरपंथी मुसलमानों का बोलबाला हो रहा है और हिंदुओं समेत बाकी अल्पसंख्यकों को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है. इन हालात में जिहादी आतंकी संगठनों को भी फिर से अपना सिर उठाने का मौका मिल रहा है. अब जो ताजा जानकारी सामने आई है, उससे भारत के लिए भी बड़ा खतरा उभरता नजर आ रहा है. 

दोबारा सिर उठा रहा जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश

रिपोर्ट के मुताबिक, बांग्लादेश स्थित प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) एक बार फिर सक्रिय होता नजर आ रहा है. बीते आठ वर्षों से निष्क्रिय हो चुके इस संगठन की फिर से वापसी से भारत की पूर्वोत्तर सीमाओं और पश्चिम बंगाल पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है.

भारतीय खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि जेएमबी बड़ी तेजी से अपनी जड़ें मजबूत कर रहा है. यह सीधे तौर पर भारत की सुरक्षा के लिए चुनौती बन सकता है. अवैध घुसपैठियों और शरणार्थियों का इस्तेमाल जेएमबी अपने 'फुट सोल्जर' के तौर पर कर रहा है. ऐसा करके भारत में अस्थिरता फैलाने की साजिशें रची जा रही हैं.

शेख हसीना की विदाई के बाद तेजी से बिगड़ रहे हालात

रिपोर्ट में कहा गया है कि शेख हसीना की सत्ता से विदाई के बाद कट्टरपंथी समूहों को खुली छूट मिल गई है. इसी के चलते न केवल जेएमबी, बल्कि कई अन्य आतंकी संगठनों को भी फिर से संगठित किया जा रहा है. आईएसआई और जमात-ए-इस्लामी की शह पर ये संगठन बांग्लादेश से भारत में घुसपैठ को बढ़ावा दे रहे हैं.

जेएमबी अब अपनी ताकत बढ़ाने के लिए अल-कायदा का भी साथ मांग रहा है, ताकि उसकी विचारधारा का तेजी से प्रसार हो सके. जहां अल-कायदा रणनीतिक दृष्टिकोण से प्रभावी है, वहीं जेएमबी जमीनी स्तर पर काम करने में माहिर है.

रोहिंग्याओं की भर्ती कर रहा आतंकी संगठन

मोहम्मद यूनुस के अंतरिम सरकार के प्रमुख बनने के बाद, आईएसआई के कई अधिकारी बांग्लादेश पहुंचे और कट्टरपंथी संगठनों के नेताओं से मुलाकात की. रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईएसआई चाहता है कि जेएमबी, अल-कायदा और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) मिलकर भारत को निशाना बनाएं और एक-दूसरे के काम में बाधा न डालें.

भारत के खिलाफ जेएमबी की योजना बेहद खतरनाक मानी जा रही है. ये संगठन रोहिंग्या और अवैध प्रवासियों की भर्ती कर रहा है और उन्हें भारत के मुस्लिम बहुल इलाकों में भेजकर वहां छोटे-मोटे उद्योगों में काम करने को कह रहा है, ताकि वे संदेह से बचे रहें. साथ ही, समय-समय पर गुप्त बैठकों के जरिए योजना बनाई जा रही है.

रिश्तों में ठंडापन बना कड़वाहट की वजह

गौरतलब है कि 2014 में पश्चिम बंगाल के बर्दवान में हुए विस्फोट में भी जेएमबी का हाथ था, जिसमें एक बम बनाने की फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ था. तब भी इसमें शामिल अधिकतर लोग अवैध प्रवासी थे. वर्तमान में जेएमबी भारत-बांग्लादेश की पश्चिम बंगाल और असम सीमा की कमजोरी का फायदा उठा रहा है. मौजूदा परिस्थितियों में बांग्लादेश की अस्थिरता और भारत से ठंडी पड़ी कूटनीतिक रिश्तों के कारण, भारत के लिए यह खतरा और भी गंभीर हो गया है.

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस चुनौती से निपटने के लिए बांग्लादेश सरकार के सहयोग की जरूरत है, जैसा कि शेख हसीना के कार्यकाल में देखने को मिला था. लेकिन अब यूनुस सरकार का झुकाव पाकिस्तान की ओर अधिक है, जिससे भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में तनाव बना हुआ है.

(एजेंसी आईएएनएस)

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