Russia's reaction on US tariff: रूस ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से विभिन्न देशों पर लगाए जा रहे टैरिफ कड़ी प्रतिक्रिया जताई है. ट्रंप पर भड़कते हुए रूस ने इसे नव-उपनिवेशवादी एजेंडा बताया और कहा कि ये सब तरीके दुनिया को आगे बढ़ने से नहीं रोक सकते. रूस के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कि इन नव-उपनिवेशवादी एजेंडा से स्वतंत्र रास्ता चुनने वालों देशों पर राजनीति से प्रेरित आर्थिक दबाव डाला जा रहा है, जिसे विश्व सहन नहीं करेगा.
'अमेरिका अपने प्रभुत्व में कमी सहन नहीं कर पा रहा'
ट्रंप के टैरिफ बम के बारे में पूछे जाने पर मारिया ज़खारोवा ने कहा, 'ये प्रतिबंध दुर्भाग्य से वर्तमान ऐतिहासिक काल की एक परिभाषित विशेषता बन गए हैं, जिसका असर दुनिया भर के देशों पर पड़ रहा है. अमेरिका उभरती हुई बहुध्रुवीय अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में अपने प्रभुत्व के क्षरण को स्वीकार नहीं कर पा रहा है. इसीलिए वाशिंगटन एक नव-उपनिवेशवादी एजेंडे पर आगे बढ़ रहा है. वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर स्वतंत्र रास्ता चुनने वालों पर राजनीति से प्रेरित आर्थिक दबाव डाल रहा है.'
विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने आगे कहा, "यह दृष्टिकोण पश्चिमी देशों द्वारा कभी अपनाए गए मुक्त व्यापार के सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत है. अब हम राजनीतिक रूप से प्रेरित संरक्षणवाद और टैरिफ बाधाओं के मनमाने थोपे जाने को देख रहे हैं. लैटिन अमेरिका और कैरिबियन में हमारा रणनीतिक साझेदार, ब्राज़ील, इस नीति का एक प्रमुख शिकार है. संयुक्त राज्य अमेरिका की ऐसी कार्रवाइयां अन्य देशों की संप्रभुता का सीधा उल्लंघन और उनके आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का प्रयास हैं. इन चिंताओं के अलावा, इस नीति से वैश्विक आर्थिक विकास धीमा होने, आपूर्ति श्रृंखलाओं में व्यवधान आने और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक प्रणाली के विखंडन को गहरा करने का जोखिम है."
अमेरिका को रूस ने सुनाई खरी-खरी
उन्होंने यह भी कहा, "हमारा दृढ़ विश्वास है कि कोई भी टैरिफ युद्ध या प्रतिबंध इतिहास के स्वाभाविक क्रम को नहीं रोक सकते. हमें बड़ी संख्या में साझेदारों, समान विचारधारा वाले देशों और सहयोगियों का समर्थन प्राप्त है, विशेष रूप से वैश्विक दक्षिण के देशों और सबसे बढ़कर ब्रिक्स के भीतर, जो इस दृष्टिकोण को साझा करते हैं."
अमेरिका को चेतावनी देते हुए ज़खारोवा ने कहा कि रूस दूसरे देशों से सहयोग को गहरा करने और अवैध एकतरफा प्रतिबंधों का विरोध करने के लिए तैयार है, ताकि एक बहुध्रुवीय, न्यायसंगत और समतापूर्ण अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने में मदद मिल सके.
ट्रंप ने भारत को दी थी टैरिफ की धमकी
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को अपने एक ताज़ा बयान में कहा कि भारत की ओर से भारी मात्रा में रूसी तेल खरीदने पर अमेरिका उसके खिलाफ टैरिफ़ में काफी वृद्धि" करेगा. उन्होंने कहा कि मॉस्को से ख़रीदा जाने वाला ज़्यादातर तेल "बड़े मुनाफ़े" के लिए खुले बाज़ार में बेचा जा रहा है.
ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "भारत न सिर्फ़ भारी मात्रा में रूसी तेल ख़रीद रहा है, बल्कि ख़रीदे गए ज़्यादातर तेल को खुले बाज़ार में बड़े मुनाफ़े पर बेच भी रहा है. उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं है कि यूक्रेन में रूसी युद्ध मशीन कितने लोगों को मार रही है. इसी वजह से, मैं भारत द्वारा अमेरिका को दिए जाने वाले टैरिफ़ में काफ़ी वृद्धि करूँगा. इस मामले पर ध्यान देने के लिए धन्यवाद!!
भारत ने दिखाया यूएस को आइना
वहीं भारत ने राष्ट्रीय हित के आधार पर ऊर्जा नीति बनाने के अपने संप्रभु अधिकार का बचाव किया है. विदेश मंत्रालय के अनुसार, रूस से भारत का आयात आवश्यकता से प्रेरित है और इसका उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं के लिए अनुमानित और किफायती ऊर्जा लागत सुनिश्चित करना है. विदेश मंत्रालय ने भारत की व्यापार नीति की आलोचना को "अनुचित और अनुचित" बताया और कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा.