trendingNow12768752
Hindi News >>दुनिया
Advertisement

जासूसों का कारखाना... 11 हजार किमी दूर इस गरीब मुल्क में रूस ने बना रखा था अड्डा, यूक्रेन युद्ध के बीच खुलासा

रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच जासूसों के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ हुआ है. रूस ने 11500 किलोमीटर दूर अपना जासूसों का ये अड्डा बना रखा था, ताकि किसी को भी इसकी भनक न लगे. 

Russia Spy
Russia Spy
Amrish Kumar Trivedi|Updated: May 22, 2025, 02:44 PM IST
Share

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जंग के मैदान में तो लड़ा ही जा रहा है,लेकिन पर्दे के पीछे एक और लड़ाई लड़ी जा रही है. इसमें रूस ने यूक्रेन ही नहीं, बल्कि दूसरे देशों को भी अपने लपेटे में ले लिया. दरअसल, ये खुलासा हुआ है कि रूस ने ब्राजील को अपने जासूसों का कारखाना बना रखा था, जिसका अब भंडाफोड़ हुआ है. 

रूस यहां से अपने जासूसों को सोवियत संघ के पूर्व देशों, अमेरिका, मध्य पूर्व और यूरोपीय देशों में भेज रहा था. यूक्रेन युद्ध के दौरान जासूसी के इस नेटवर्क को तोड़ने में यूरोपीय देशों की एजेंसियां जुटीं तो तार खुलते खुलते ब्राजील तक पहुंच गए. इसमें इजरायल, अमेरिका, नीदरलैंड, उरुग्वे समेत तमाम देशों की खुफिया एजेंसियां शामिल हैं. 

दरअसल, ब्राजील में जन्म प्रमाणपत्र और उसके आधार पर पहचान पत्र और अन्य दस्तावेज बनवाना मुश्किल काम नहीं है. इसके लिए अस्पताल, नगर निगम या अन्य एजेंसियों के दस्तावेज दिखाने नहीं पड़ते. बस दो गवाह हों तो आपका बर्थ सर्टिफिकेट मिनटों में बन जाता है. 

ब्राजील कैसे बना रूसी जासूसों का अड्डा
रूस ने ब्राजील में जासूसों के लिए ट्रेनिंग सेंटर और लांच पैड तैयार किया. जासूसों को यहां स्कूल-अस्पताल, ज्वेलरी या दूसरे देश धंधों में लगाया गया. कुछ छात्र तो कुछ कारोबारी बन गए. 

नेटवर्क का भेद कैसे खुला
ब्राजील पुलिस ने जब ऑपरेशन ईस्ट छेड़ा और लाखों संदिग्धों के बर्थ सर्टिफिकेट, पासपोर्ट, डीएल और अन्य सोशल सिक्योरिटी नंबर की जांच की तो ये सामने आया कि इसमें बड़े पैमाने पर फर्जी नाम थे. उदाहरण के तौर पर विक्टर म्यूलर की पहचान की गई तो उसका असला सर्गेई चेरेस्कोव था, जो रूस का रहने वाला था. 

ब्राजील ने इंटरपोल की मदद ली
रूस के जासूसों की पहचान के लिए ब्राजील ने इंटरपोल की मदद ली. संदिग्धों की तस्वीरें, फिंगरप्रिंट और अन्य पहचान संबंधी चीजें 196 देशों को भेजी गईं तो राज खुलते चले गए. पहचान जाहिर होते ही तमाम जासूस भाग खड़े हुए तो कुछ धरे गए. ब्राजील सरकार ने ऐसे जासूसों को कड़ी सजा के तहत जेल में डालना शुरू किया है.उन्हें पांच से 15 साल तक की जेल की सजा सुनाई है.

Read More
{}{}