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शर्मिंदगी की हद, यूक्रेन हमले में धधकते तेल डिपो के सामने वीडियो बना रही थीं रूसी लड़कियां, अब पड़ेगा पछताना

Russia Ukraine War: रूस में दो टिकटॉक इंफ्लुएंसर्स को हमले की जगह वीडियो बनाना भारी पड़ गया. पुलिस ने दोनों महिलाओं को एक अज्ञात पुरुष के साथ गिरफ्तार कर लिया है. रूस ने सोशल मीडिया सामग्री पर सख्त नियम लागू किए हैं.  

शर्मिंदगी की हद, यूक्रेन हमले में धधकते तेल डिपो के सामने वीडियो बना रही थीं रूसी लड़कियां, अब पड़ेगा पछताना
Md Amjad Shoab|Updated: Aug 05, 2025, 05:24 PM IST
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Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच पिछले तीन साल से ज्यादा वक्त से जंग जारी है. दोनों तरफ से लगातार विध्वंसक हवाई हमले जारी हैं. इसी क्रम में यूक्रेन ने रूस के सोची इलाकों में कई बड़े हमले किए. यूक्रेन के इस ताजा हमले में के बाद रूस को भारी नुकसान पहुंचा.  जिसमें एक तेल डिपो पूरी तरह बर्बाद हो गया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. लेकिन सोची में जलते हुए इस तेल डिपो के सामने रैप करते हुए जिन दो टिकटॉक इंफ्लुएंसर्स ने वीडियो बनाकर पोस्ट किया था, उन्हें  गिरफ्तार कर लिया गया है.

इन इंफ्लुएंसर्स की पहचान 21 साल की दशा व्लादिमीरोवना लोस्कुटोवा और 19 साल की करीना एवगेनयेवना ओशुरकोवा के रूप में हुई है. उन्होंने एक नामालूम शख्स के साथ रूस के क्रास्नोडार क्षेत्र में एक जलते हुए तेल डिपो के पास खुद का वीडियो बनाया था. डेली मेल के मुताबिक, यह डिपो सरकारी स्वामित्व वाली एनर्जी कंपनी रोसनेफ्ट से जुड़ा है, जो रूसी सेना को फ्यूल की आपूर्ति करती है.

रूस ने क्या कहा?

नीचे वीडियो में देख सकते हैं कि तीनों एक रूसी रैप गाने पर थिरकते हुए वीडियो बना रहे हैं, जबकि उनके पीछे काले धुएं के गुबार दिखाई दे रहे हैं. रूसी अधिकारियों ने नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ी एक घटना के बाद इस वीडियो की आलोचना करते हुए इसे असंवेदनशील और अनुचित बताया. क्रेमलिन की संरक्षक व रूस की सेफ इंटरनेट लीग की चीफ 40 साल की येकातेरिना मिज़ुलिना ने कहा, 'युवा लोग रात में सोची में उड़ते ड्रोन के नीचे में वीडियो बना रहे हैं. मुझे हैरानी है कि सेल्फ जिफेंस की उनकी प्रवृत्ति में क्या गड़बड़ है? क्या वे यह नहीं समझते कि यह बेहद खतरनाक है?'

रूसी नेशनल गार्ड की मदद से तलाश

इंटरनेट पर वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस और रूसी नेशनल गार्ड की मदद से एक तलाशी अभियान शुरू किया गया. जबकि इनकी पहचान होने से पहले पुलिस के एक बयान में कहा गया, 'इंटरनेट निगरानी के दौरान, एक वीडियो मिला, जिसमें दो लड़कियों को सोची में लगी आग का एक वीडियो बनाते हुए दिखाया गया था.'

इंफ्लुएंसर्स ने जुर्म कबूल किया

दोनों इंफ्लुएंसर्स लोगों को ड्रोन हमले वाली जगह के पास सोची इलाके में अरेस्ट किया गया. पूछताछ के दौरान महिलाओं ने कथित तौर पर अपने किए पर पछतावा जताया और अपना जुर्म कबूल किया. इसके बाद दोनों को एक रूसी अदालत में पेश किया गया और बाद में उन्होंने माफ़ी मांगी. द सन के मुताबिक, टिकटॉकर्स ने कहा, 'तेल डिपो पर वीडियो बनाने और उसे सोशल नेटवर्क पर पोस्ट करने के लिए हम ईमानदारी से माफ़ी मांगते हैं. हमने किसी का अपमान करने या उसे ठेस पहुंचाने के इरादे से वीडियो पोस्ट नहीं किया. हम ऐसी गलतियां दोबारा न करने का संकल्प लेते हैं. हम रूसी कानून के तहत सज़ा पाने के लिए तैयार हैं.

रूस में सोशल मीडिया पर सख्त नियम 

दरअसल, हाल ही में रूस ने सोशल मीडिया सामग्री पर सख्त नियम लागू किए हैं, खासतौर से यूक्रेन की सफलताओं को उजागर करने वाली पोस्टों पर.

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