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DNA: 74 साल पहले नशे में मुस्लिम शहजादे ने मार दी थी ब्रिटिश डिप्लोमैट को गोली; अब फिर बिकेगी सऊदी अरब में शराब

Why Alcohol was banned in Saudi: कुरान के सूरह-ए-बकरा की आयत संख्या 219 में शराब को हराम बताया गया है. मक्का और मदीना जैसे पवित्र शहरों वाला सऊदी अरब इस्लामिक रीति-रिवाजों और सख्त शरीयत कानूनों के लिए जाना जाता है. 

DNA: 74 साल पहले नशे में मुस्लिम शहजादे ने मार दी थी ब्रिटिश डिप्लोमैट को गोली; अब फिर बिकेगी सऊदी अरब में शराब
Rachit Kumar|Updated: May 26, 2025, 11:29 PM IST
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Saudi Arabia Alcohol Ban: ऐसा नहीं है कि सलाफी फिरके को मानने वाले सभी लोग कट्टरपंथी हों. ऐसे कट्टरपंथी कुछ ही हैं. लेकिन इनका असर पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ता जा रहा है और ये पाकिस्तान से इराक तक भी देखा जा रहा है. तो एक तरफ सलाफी फिरके को मानने वाले कट्टरपंथी. सूफी संगीत को गैर इस्लामी बता रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ खुद को कट्टरपंथी सलाफी फिरके का चैंपियन मानने वाले सऊदी अरब ने, चंद डॉलर के लिए शराब बेचने पर मुहर लगा दी है, वो भी तब जब इस्लाम में शराब के इस्तेमाल की किसी भी सूरत में इजाजत नहीं है.

इस्लाम में हराम है शराब

कुरान के सूरह-ए-बकरा की आयत संख्या 219 में शराब को हराम बताया गया है. मक्का और मदीना जैसे पवित्र शहरों वाला सऊदी अरब इस्लामिक रीति-रिवाजों और सख्त शरीयत कानूनों के लिए जाना जाता है. हालांकि अब ये देश क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के दौर में बड़े बदलाव की ओर बढ़ रहा है. जिस देश में पिछले 73 सालों से शराब पूरी तरह बैन थी, वहां अब साल 2026 से कुछ चुनिंदा जगहों पर शराब की बिक्री और सीमित सेवन की इजाजत दी जाएगी. ये फैसला सऊदी अरब की ‘विजन 2030’ योजना के तहत लिया गया है.

'विजन 2030’ प्लान के तहत सऊदी अरब के 600 जगहों पर शराब बेचने की इजाजत दी गई है. जिन जगहों पर शराब परोसी जाएगी उनमें लग्जरी होटल्स, रिजॉर्ट्स और पर्यटन स्थल शामिल होंगे.

वाइन, बीयर की दी गई इजाजत

 सऊदी अरब में केवल बीयर, वाइन जैसे एल्कोहलिक ड्रिंक्स को बेचने की इजाजत दी गई है. सऊदी अरब में शराब पर पाबंदी 1952 में लगाई गई थी. इस बैन के पीछे की वजह इस्लामी कानून या शरीयत नहीं थी. बल्कि 1951 की एक घटना थी जिसमें एक सऊदी प्रिंस ने शराब पीने के बाद ब्रिटिश डिप्लोमैट की हत्या कर दी थी.

तत्कालीन सऊदी किंग अब्दुल अजीज अल सऊद  के 19 साल के बेटे प्रिंस मिशारी ने जेद्दा में शराब के नशे में  ब्रिटिश डिप्लोमैट सिरिल  उस्मान को गोली मार दी थी. इस घटना के बाद 1952 में सऊदी अरब में पूर्ण रूप से शराब बैन कर दिया गया था.

शरिया नियमों को नरम कर रहा सऊदी

2030 के एक्सपो और 2034 के फीफा वर्ल्ड कप जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी की तैयारी में सऊदी को अपने सख्त शरिया नियमों को नरम करना पड़ रहा है. सऊदी में हो रहे इन बदलाव के पीछे 39 साल के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान हैं. क्राउन प्रिंस पिछले आठ सात सालों से मुल्क का नेतृत्व कर रहे हैं. और इन्हीं 8 सालों में सऊदी अरब में कई बड़े बदलाव हुए है खासकर महिलाओं के लिए.

सऊदी अरब में महिलाओं के driving पर बैन था. जिसकी वजह से महिलाएं पुरूषों पर निर्भर थी. लेकिन सऊदी सरकार ने 2018 में इस प्रतिबंध को हटा दिया. सऊदी अरब में महिलाएं जल्द ही बुलेट ट्रेन चलाती नजर आएंगी. इसके लिए 32 महिलाओं के पहले बैच की ट्रेनिंग पूरी हो गई है.

21 वर्ष या उससे कम उम्र की महिलाओं को उनके पति या पिता की परमिशन के बिना पासपोर्ट बनवाने या विदेश यात्रा की परमिशन नहीं थी. लेकिन वर्ष 2019 में सऊदी सरकार ने इस प्रतिबंध को हटा दिया था.

महिलाओं को दी गई काफी छूट

पहले महिलाओं को Theater में फिल्म देखने और स्टेडियम में फुटबॉल मैच देखने की अनुमति नहीं थी. लेकिन अब महिलाएं Theater में जाकर फिल्म भी देख सकती है और स्टेडियम में जाकर मैच का मज़ा भी ले सकती हैं.  

साल 1970 में सिनेमाघरों पर लगे प्रतिबंध को हटाकर 35 साल बाद दोबारा इसे खोल दिया गया है. क्राउन प्रिंस ने अक्टूबर 2024 में रियाद फैशन वीक का भी आयोजन किया था. इस आयोजन को लेकर खूब विवाद हुआ था. इसे इस्लाम का अपमान तक बताया गया था. लेबनानी डिजाइनर एली साब के इस फैशन शो पर आरोप लगा था कि शो के दौरान स्टेज पर कथित तौर पर काबा  जैसी आकृति दिखाई गई थी. लेकिन इन सब विवादों के बावजूद सऊदी अरब को बदलने का बीड़ा यहां के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने कंधों पर उठा रखा है, जिसमें उन्हें अपने मुल्क की महिलाओं का भी पूरा समर्थन मिल रहा है.

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