Awami League supporters protest at UN: बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग पर लगे प्रतिबंध के खिलाफ इसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि यूएन बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली सुनिश्चित करे और अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाए. यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, "मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जो एक वैध और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है." उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक निष्पक्ष और समावेशी चुनाव कराए जाने हैं, तो अवामी लीग पर से प्रतिबंध हटाना होगा ताकि वह चुनाव में हिस्सा ले सके.
नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस अब तानाशाह बन गए
रहमान ने संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल करने की अपील की. उन्होंने आरोप लगाया कि नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस अब तानाशाह बन गए हैं. रहमान ने कहा, "यूनुस बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक वैध, चुनी हुई सरकार को हटा दिया." प्रदर्शन में शामिल लोगों ने अमेरिका से भी बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली के लिए कदम उठाने की मांग की.
संयुक्त राष्ट्र को दिया गया लेटर, यूनुस को लग सकता है झटका?
विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने बताया कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है. कर ने कहा, "शेख हसीना वैध प्रधानमंत्री हैं, जबकि यूनुस ने जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों की मदद से सत्ता हासिल की है." अब देखना यह है कि इस मामले में संयुक्त राष्ट्र किस प्रकार दखल देता है. अगर यूएन ने इसमें सही से दखल दिया तो यूनुस के लिए बड़ा संकट हो सकता है. वैसे भी बांग्लादेश में जबसे अंतरिम सरकार बनी है, देश का माहौल बहुत खराब हुआ है.
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने अवामी लीग पर लगा रखा है प्रतिबंध
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाया था. पिछले हफ्ते बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिसके चलते वह आगामी चुनावों में हिस्सा लेने के लिए अयोग्य हो गई है. बांग्लादेश में अभी तक आम चुनाव की तारीख तय नहीं की गई है.
यह प्रतिबंध पिछले साल जुलाई में शुरू हुए छात्र आंदोलनों के बाद लगाया गया, जो शेख हसीना की सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध में बदल गया था. अंतरिम सरकार का दावा है कि अवामी लीग की गतिविधियां देश में अस्थिरता पैदा कर सकती हैं, जिसके चलते यह कदम उठाया गया. हालांकि, अवामी लीग समर्थक इसे लोकतंत्र पर हमला बता रहे हैं. ( इनपुट आईएएनएस के साथ)