Thailand-Cambodia dispute: जब पूरी दुनिया इजरायल और गाजा के युद्ध पर नजरें गड़ाए थी, इधर थाईलैंड और कंबोडिया के बॉर्डर पर भयंकर झड़प शुरू हो गई. बुधवार को दोनों देशों की सेनाओं के बीच तड़ातड़ गोलियां चलीं. यह टकराव थाईलैंड के सूरिन प्रांत में प्रसात ता मुएन थॉम मंदिर के पास हुआ. यह मंदिर थाईलैंड में है लेकिन कंबोडिया भी इसे अपना हिस्सा मानता है. इस झगड़े ने दोनों देशों के बीच पहले से चल रही तनातनी को और गहरा कर दिया. इससे पहले झगड़े की जड़ को जानें पहले जानते हैं अभी क्या हुआ है.
थाईलैंड और कंबोडिया के बॉर्डर पर गोलीबारी
सीएनएन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, सैन्य अधिकारियों ने बताया है कि गुरुवार को थाई और कंबोडियाई सेनाओं के बीच सीमा के एक विवादित क्षेत्र में झड़प हुई है. इसमें दोनों तरफ से गोलीबारी हुई है. इसके पहले एक बारूदी सुरंग विस्फोट में एक थाई सैनिक के पैर उड़ गया था. जिसके बाद यह गोलीबारी वाली घटना हुई है. इन ताज़ा घटनाओं ने दोनों दक्षिण-पूर्व एशियाई पड़ोसियों थाईलैंड और कंबोडिया के बीच भयंकर तनाव बढ़ा दिया है.
मंदिर के पास झड़प
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को थाईलैंड की सेना ने कंबोडियाई सैनिकों पर प्राचीन ता मुएन थॉम मंदिर के पास स्थित एक थाई सैन्य अड्डे पर गोलीबारी करने का आरोप लगाया. जो थाईलैंड के सुरिन प्रांत के दक्षिण और कंबोडिया के उत्तर-पश्चिम में विवादित क्षेत्र में स्थित है. सेना ने कहा कि कंबोडिया ने हथियारों के साथ सैनिकों को भेजने से पहले मंदिर के सामने एक मानवरहित ड्रोन तैनात किया था.
थाईलैंड और कंबोडिया में पुरानी दुश्मनी, नई लड़ाई हो रही
थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद कोई नई बात नहीं. प्रीह विहार मंदिर जैसे इलाकों को लेकर दोनों पहले भी कई बार भिड़ चुके हैं. इस बार प्रसात ता मुएन थॉम के पास गोलीबारी हुई है. थाईलैंड की सेना का कहना है कि कंबोडिया के सैनिकों ने पहले गोली चलाई, जिसमें उनके दो सैनिक घायल हो गए. उधर, कंबोडिया की रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता माली सोचेटा ने पलटवार करते हुए कहा, “थाई सेना ने हमारी सीमा में घुसकर हमला किया. यह हमारी जमीन पर हमला है.” दोनों देश एक-दूसरे पर इल्ज़ाम लगा रहे हैं, और सच का पता लगाना मुश्किल है.
बारूदी सुरंग ने बढ़ाया तनाव
इस गोलीबारी की घटना से पहले बारूदी सुरंग के धमाके में पांच थाई सैनिक घायल हुए थे जिसमें एक का पैर उड़ गया था. थाईलैंड का दावा है कि कंबोडिया ने जानबूझकर सुरक्षित रास्तों पर नई सुरंगें बिछाईं, जो दोनों देशों के समझौते के खिलाफ है. कंबोडिया ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि 1970-1988 के गृहयुद्ध की पुरानी सुरंगें अभी भी सीमा पर बिखरी हैं. थाई सेना का कहना है कि ये सुरंगें रूसी बनावट की थीं, जो वे इस्तेमाल नहीं करते. इस विस्फोट ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है.
सीमाएं बंद, राजदूतों की वापसी, दोनों देशों ने दिखाई ताकत
इस झड़प के बाद थाईलैंड ने कंबोडिया से अपने राजदूत को वापस बुला लिया और कंबोडिया के राजदूत को देश से निकाल दिया है. कंबोडिया ने भी जवाब में अपने राजनयिकों को बैंकॉक से बुलाया और थाईलैंड के कर्मचारियों को देश छोड़ने का आदेश दिया है. थाईलैंड ने अपनी उत्तर-पूर्वी सीमा को कंबोडिया के लिए बंद कर दिया, जिससे व्यापार और लोगों का आना-जाना रुक गया. कंबोडिया ने भी थाईलैंड से फल-सब्जियों और बिजली का आयात रोक दिया.
युद्ध की आहट? नेता भी आमने-सामने
थाईलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री पेतोंगतार्न शिनावात्रा को कंबोडिया के पूर्व नेता हुन सेन से फोन पर बात करने की वजह से पद छोड़ना पड़ा. इस कॉल ने थाईलैंड में गुस्सा भड़काया और उनकी सरकार गिर गई.
लोगों का हाल-बेहाल, जीवन हुआ मुश्किल
सीमा बंद होने से दोनों देशों के लोग परेशान हैं. कंबोडिया में काम करने वाले थाई मजदूर बेरोजगार हो गए. सीमा पार का व्यापार ठप है, बाजारों में सामान की किल्लत हो रही है. कंबोडिया ने थाई टीवी शो और फिल्मों पर भी पाबंदी लगा दी. उधर थाईलैंड के कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथम वेचायचाई ने कहा, “हम अपनी जमीन बचाएंगे, लेकिन नियमों का पालन करेंगे.” कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट भी शांति की बात करते हैं, लेकिन सीमा पर सैनिक तैनात हैं. अगर जल्द कोई हल नहीं निकला, तो यह छोटा-सा झगड़ा दुनिया बाद में एक जंग के तौर पर देखेगी जैसे इजरायल और हमास के बीच जंग चल रही है.