South Africa News: साउथ अफ्रीका के एक हाईकोर्ट ने शुक्रवार 8 अगस्त 2025 को आदेश दिया की जाम्बिया के पूर्व राष्ट्रपति एडगर लुंगु का अंतिम संस्कार जाम्बिया में किया जाए, भले ही उनके परिवार ने इसका विरोध किया हो. इस फैसले से जाम्बिया सरकार और लुंगुं के परिवार के बीच पिछल 2 महीने से चल रहा विवाद शांत हो गया है.
राष्ट्रपति को दफनाने का आदेश
लुंगु साल 2015-2021 तक जाम्बिया के राष्ट्रपति रहे हैं. 5 जून 2025 को उनका साउथ अफ्रीका में इलाज के दौरान निधन हो गया था. उनके परिवार ने उन्हें जोहान्सबर्ग में निजी समारोह के तहत दफनाने की योजना बनाई थी, लेकिन 25 जून को अंतिम समय में अदालत ने उस योजना पर रोक लगा दी. जाम्बिया सरकार की ओर से कोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि देश के बाकी सभी राष्ट्रपतियों की तरह लुंगु को भी लुसाका में राजकीय सम्मान के साथ दफनाया जाए
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कोर्ट ने सुनाया फैसला
सरकार का तर्क था कि एक पूर्व राष्ट्रपति की व्यक्तिगत इच्छाएं या उनके परिवार की भावनाएं उस सम्मान से ऊपर नहीं हो सकतीं, जो राज्य उन्हें देना चाहता है. मामले पर अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा,' एक पूर्व राष्ट्रपति की व्यक्तिगत इच्छाएं या उनके परिवार की इच्छाएं उस अधिकार से अधिक नहीं हो सकतीं, जो राज्य को उस व्यक्ति को राज्य सम्मान के साथ विदाई देने का है.'
परिवार हुआ भावुक
अदालत के फैसले के बाद जाम्बिया के अटॉर्नी जनरल मुलिलो कबेशा ने कहा कि सरकार इस फैसले का स्वागत करती है. लुंगु की बहन बर्था लुंगु अदालत में फैसला सुनते समय भावुक हो गईं और उनकी आंखों में आंसू थे. लुंगु की पार्टी पैट्रियॉटिक फ्रंट ने बताया कि परिवार ने इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की है. लुंगु की बेटी तासिला, पत्नी और बेटे पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं, जिन्हें परिवार राजनीतिक प्रतिशोध बता रहा है.
F&Q
अदालत ने क्या आदेश दिया है?
दक्षिण अफ्रीकी अदालत ने जाम्बिया के पूर्व राष्ट्रपति एडगर लुंगु का अंतिम संस्कार जाम्बिया में करने का आदेश दिया है.
लुंगु के परिवार पर क्या आरोप हैं?
लुंगु की बेटी तासिला, पत्नी और बेटे पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे हैं, जिन्हें परिवार राजनीतिक प्रतिशोध बता रहा है.