South Korea Wildfire Update: दक्षिण कोरिया इस वक्त भीषण जंगल की आग से जूझ रहा है. देश के दक्षिण-पूर्वी इलाकों के जंगल में लगी आग की चपेट में आकर अब तक 24 लोगों की जान जा चुकी है. संबंधित अधिकारियों के अनुसार यह दक्षिण कोरिया के इतिहास की अब तक कि सबसे भीषण आग है. बीते सप्ताह के अंत में कई दर्जन जगहों पर आग की घटना सामने आई. आग लगने के बाद करीब 27,000 लोगों को अपना घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा.
आग से व्यवस्था ठप
जंगल में लगी आग इतनी भयावह है कि कई इलाकों में सड़क मार्ग बुरी तरह प्रभावित हुआ है. संचार व्यवस्था भी पूरी तरह ठप पड़ी हुई है. आग पर काबू पाने में बचाव कर्मिर्यों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारियों के मुताबिक मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है.
दमकलकर्मी और हेलीकॉप्टर पायलट की भी मौत
जंगल की आग में सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि तीन बहादुर दमकलकर्मी भी अपनी जान गंवा बैठे हैं. आग बुझाने में लगी एक हेलीकॉप्टर भी पहाड़ी इलाके में हादसे का शिकार हो गई. आग की चपेट में आकर पायलट ने दम तोड़ दिया. दक्षिण कोरिया के गृह मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अब तक 17,398 हेक्टेयर (लगभग 42,991 एकड़) जमीन इस आग की चपेट में आ चुकी है. सबसे अधिक नुकसान उईसियॉन्ग काउंटी में हुआ है. इस जगह 87 प्रतिशत क्षेत्र जलकर खाक हो चुका है. साल 2000 के बाद यग दक्षिण कोरिया की दूसरी सबसे बड़ी आग की घटना है. 2000 में लगी आग में 23,913 हेक्टेयर भूमि जली थी.
आग से बहुत बड़ा नुकसान
दक्षिण कोरिया के कार्यवाहक राष्ट्रपति हान डक-सू ने कहा कि ये आग पांच दिनों से लगातार जल रही है. उन्होंने कहा कि इस भीषण आग से देश को बड़ा नुकसान पहुंच रहा है. आग को लेकर सरकार ने हाई लेवल का अलर्ट जारी किया है. यहां तक कि आग की भयावहता को देखते हुए कुछ जेलों के कैदियों को भी दूसरी जगह शिफ्ट किया गया है.
कई इलाकों में अंधेरा
राष्ट्रपति हान डक-सू ने बताया कि आग के चलते कई इलाकों में रात भर बिजली और संचार सेवाएं ठप रहीं. जगह-जगह सड़कें बंद हो गईं. जिससे राहत टीमों को मौके पर पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने इस जंगल की आग को दक्षिण कोरिया की अब तक की सबसे विनाशकारी आपदा बताया.
यूनेस्को की धरोहर पर मंडराया खतरा
भीषण आग से दक्षिण कोरिया के दो यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज प्लेस पर भी खतरा मंडरा रहा है. इन स्थलों में ब्योन्सान सियोवन और ऐतिहासिक हाहो लोक गांव शामिल हैं. बुधवार तक आग हाहो गांव से केवल 5 किलोमीटर दूर पहुंच चुकी थी. इस गांव में कई पुराने घर हैं जिनकी छतें घास-फूस से बनी हैं. आग को रोकने के लिए फायर ब्रिगेड की टीमें लगातार पानी और एंटी फायर केमिकल्स का छिड़काव कर रही हैं.
सूखा मौसम और जलवायु परिवर्तन जिम्मेदार
अधिकारियों ने इस भीषण आग की बड़ी वजह असामान्य रूप से शुष्क मौसम और कम बारिश को बताया है. एक्सपर्ट्स की मानें क्लाइमेट चेंज और लगातार बढ़ती गर्मी के कारण भी आग की घटनाएं बढ़ रही हैं. सियोल के हानयांग विश्वविद्यालय के जलवायु विज्ञानी प्रोफेसर येह सांग-वूक ने कहा कि हम ये नहीं कह सकते कि यह केवल क्लाइमेट चेंज का नतीजा है. लेकिन क्लाइमेट चेंज प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इन बदलावों को प्रभावित कर रहा है. यह एक सच्चाई है. उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले समय में इस तरह की जंगल की आग अधिक बार देखने को मिल सकती है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)