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नमक को तरस रहा भारत का पड़ोसी देश, हर तरफ मचा हाहाकार, चौंका देगा 1 किलो दाम

Sri Lanka Salt Crisis: श्रीलंका में इन दिनों नमक की भारी कमी हो रही है. यहां सामान्य कीमतों से 4 गुना ज्यादा कीमत में नमक बेचा जा रहा है. यहां लोगों के पास जरूरी इस्तेमाल के लिए भी नमक नहीं है. 

नमक को तरस रहा भारत का पड़ोसी देश, हर तरफ मचा हाहाकार, चौंका देगा 1 किलो दाम
Shruti Kaul |Updated: May 25, 2025, 11:14 AM IST
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Sri Lanka News: भारत का पड़ोसी देश श्रीलंका इन दिनों नमक की भारी कमी से जूझ रहा है. हिंद महासागर में स्थित इस खूबसूरत देश में भारी बारिश के कारण नमक के उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की गई है. बारिश के कारण पहले जो नमक बनाया गया था वह पूरा पानी में बह चुका है. हालात इतने खराब हो गए हैं कि श्रीलंका के पास इस्तेमाल के लिए जरूरी मात्रा में भी नमक नहीं है. 

श्रीलंका में नमक की कीमतों में उछाल 
श्रीलंका में नमक की इतनी भारी कमी है कि कुछ लोगों ने इसका गलत फायदा उठाना भी शुरू कर दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस देश में नमक की कीमतों में काफी उछाल आ गया है. ऐसे में कई लोग इसकी ब्लैकमार्केटिंग करने लगे हैं. देश में सामान्य से 4 गुना अधिक कीमत में नमक बेचा जा रहा है. मौजूदा संकट के कारण श्रीलंका में नमक की कीमत 145 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है. वहीं श्रीलंका जरूरत के हिसाब से सिर्फ 23 प्रतिशत ही नमक का उत्पादन कर पा रहा है. 

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भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ 
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संकट की इस घड़ी में भारत ने श्रीलंका के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है और 3.050 मीट्रिक टन नमक की खेप वहां भेज दी है. कुल शिपमेंट से 2,800 मीट्रिक टन भारत की नेशनल सॉल्ट कंपनी की ओर से भेजा गया है. वहीं बाकी 250 मीट्रिक टन प्राइवेट कंपनियों से आया था. बता दें कि श्रीलंका में लोग सोशल मीडिया पर खाली दुकानों की फोटो शेयर कर रहे हैं. कई लोगों का कहना है कि काफी भटकने के बावजूद उन्हें दुकानों में नमक नहीं मिल पा रहा है.  

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आर्थिक संकट से जूझ रहा श्रीलंका 
बता दें कि श्रीलंका में इससे 2 साल पहले गंभीर आर्थिक संकट आया था. इसके चलते यहां जरूरी सामान काफी महंगे हो गए थे. अभी भी 60 लाख से अधिक लोग आर्थिक संकट के कारण खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं. देश की 28 प्रतिशत से ज्यादा आबादी इस स्थिति से जूझ रही है. बता दें कि गलत कृषि क्षेत्र में नीतियां, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट के कारण यहां आर्थिक समस्या सिर पर है. 

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