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मंत्री जी के खर्चे की सीमा तय, गाड़ियों का तामझाम भी... भारत के पड़ोसी देश के राष्ट्रपति का बड़ा फैसला

Sri Lanka News: श्रीलंका में अब मंत्रियों के खर्चे कम कर दिए गए हैं. हां, अब वे पहले की तरफ गाड़ियों का रेला लेकर सड़क पर नहीं निकल सकेंगे. इसके अलावा सहायक के नाम पर कर्मचारियों की फौज भी अपने साथ नहीं रख पाएंगे.

मंत्री जी के खर्चे की सीमा तय, गाड़ियों का तामझाम भी... भारत के पड़ोसी देश के राष्ट्रपति का बड़ा फैसला
Anurag Mishra|Updated: Jan 23, 2025, 05:14 PM IST
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भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने बड़ा फैसला लिया है. सरकारी खर्चे को कम करने के लिए वहां के मंत्रियों और उप-मंत्रियों को नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. मंत्रियों के कर्मचारियों की संख्या, गाड़ियों के इस्तेमाल और दूसरे खर्चों की सीमा भी तय कर दी गई है. 21 जनवरी को जारी नए निर्देश की दुनियाभर में चर्चा है.

घरवाले सहायक नहीं बनेंगे

राष्ट्रपति के सचिव एन.एस. कुमानायके ने बताया कि अब मंत्रियों को ज्यादा से ज्यादा 15 और उप-मंत्रियों को 12 सहायक कर्मचारियों को रखने की इजाजत दी गई है. इन कर्मचारियों को राज्य सेवा से भर्ती किया जाना चाहिए और इनमें परिवार के सदस्य या करीबी रिश्तेदार शामिल नहीं हो सकते.

राष्ट्रपति सचिवालय ने गाड़ियों के उपयोग, ईंधन और टेलीफोन खर्चों के संबंध में भी स्पष्ट निर्देश दिया है. मंत्रियों और उप-मंत्रियों को अधिकतम दो वाहन रखने की इजाजत दी गई है. अगर वे सरकारी गाड़ियों का उपयोग करते हैं या निजी संस्थाओं से वाहन किराए पर लेते हैं तो मंत्रालय सचिव को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे राष्ट्रपति सचिवालय द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करें.

समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, ये नए नियम इस साल 6 जनवरी से प्रभावी हो गए हैं. दिसानायके ने इस बात पर जोर दिया कि नए नियमों का उद्देश्य सरकारी खर्चों में कटौती करना है.

पिछले साल सत्ता में आने के तुरंत बाद, नई सरकार ने घोषणा की थी कि प्रत्येक श्रीलंकाई सांसद को उपयोग के लिए कम ईंधन खपत वाले वाहन प्रदान किए जाएंगे.  सार्वजनिक सुरक्षा और संसदीय मामलों के मंत्री आनंद विजेपाला ने पिछले साल नवंबर में कहा था कि सांसद अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी वाहनों का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन वे लग्जरी वाहनों के हकदार नहीं होंगे.

उन्होंने कहा, 'हमने यह निर्णय यह सुनिश्चित करने के लिए लिया है कि कर के पैसे का उचित उपयोग किया जाए.' श्रीलंका ने पहले प्रत्येक सांसद को शुल्क का भुगतान किए बिना गाड़ी खरीदने और उसका मालिक बनने का अवसर दिया था. संसदीय चुनाव जीतने वाली नेशनल पीपुल्स पावर ने कहा कि लग्जरी वाहनों का आयात देश के विदेशी मुद्रा भंडार पर बोझ है. (IANS)

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