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Katchatheevu Island: कच्चातिवू द्वीप पर आया श्रीलंका का बयान, भारत को वापस देने के सवाल पर कही ये बात

Kachchatheevu Island Dispute:  पीएम मोदी ने कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) पर 1974 में कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को सौंपने में राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था.

Katchatheevu Island: कच्चातिवू द्वीप पर आया श्रीलंका का बयान, भारत को वापस देने के सवाल पर कही ये बात
Manish Kumar.1|Updated: Apr 05, 2024, 01:15 PM IST
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Kachchatheevu Island News: श्रीलंका के मत्स्य पालन मंत्री डगलस देवानंद ने गुरुवार को कहा है कि कच्चातिवू द्वीप को श्रीलंका से ‘वापस लेने’ संबंधी भारत से आ रहे बयानों का कोई आधार नहीं है. बता दें हाल ही में पीएम मोदी ने कांग्रेस और द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) पर 1974 में कच्चातिवू द्वीप श्रीलंका को सौंपने में राष्ट्रीय हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था.

बीजेपी कच्चातिवू द्वीप के आसपास के जलक्षेत्र में मछली पकड़ने के इच्छुक मछुआरों के अधिकारों को सुनिश्चित नहीं करने के लिए भी दोनों दलों पर हमलावर हो रही है.

मंत्री देवानंद ने क्या कहा?
श्रीलंका के वरिष्ठ तमिल नेता देवानंद ने जाफना में कहा, ‘यह भारत में चुनाव का समय है, कच्चातिवू के बारे में दावों और प्रतिदावे सुनना असामान्य नहीं है.’

देवानंद ने कहा, ‘मुझे लगता है कि भारत अपने हितों को देखते हुए इस जगह को हासिल करने पर काम कर रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि श्रीलंकाई मछुआरों की उस क्षेत्र तक कोई पहुंच न हो और श्रीलंका संसाधन से युक्त इस क्षेत्र पर कोई अधिकार का दावा नहीं करे.’ उन्होंने कहा कि कच्चातिवू को श्रीलंका से ‘वापस लेने’ के बयानों का कोई ‘आधार नहीं है.’

श्रीलंकाई मंत्री ने कहा कि 1974 के समझौते के अनुसार दोनों पक्षों के मछुआरे दोनों देशों के क्षेत्रीय जल में मछली पकड़ सकते हैं लेकिन बाद में इसकी समीक्षा की गई और 1976 में इसमें संशोधन किया गया. इसके बाद से दोनों देशों के मछुआरों को पड़ोसी जलक्षेत्र में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया.

वेस्ट बैंक नामक एक जगह
देवानंद ने जोर देकर कहा, 'वेस्ट बैंक नामक एक जगह होने का दावा किया गया है जो कन्याकुमारी के नीचे स्थित है - यह व्यापक समुद्री संसाधनों के साथ एक बहुत बड़ा क्षेत्र है - यह कच्चातिवु से 80 गुना बड़ा है, भारत ने इसे 1976 के समीक्षा समझौते में सुरक्षित किया था.'

मत्स्य पालन मंत्री के रूप में देवानंद को हाल के महीनों में स्थानीय मछुआरों के दबाव का सामना करना पड़ा है. स्थानीय मछुआरों ने श्रीलंकाई जलक्षेत्र में भारतीय मछुआरों द्वारा कथित तौर पर अवैध रूप से मछली पकड़ने को रोकने के लिए व्यापक विरोध प्रदर्शन किया है. उनका कहना है कि भारतीयों द्वारा तली में मछली पकड़ना श्रीलंकाई मछली पकड़ने वाले समुदाय के हितों के लिए नुकसानदायक है.

देवानंद एक पूर्व-तमिल उग्रवादी हैं, जो अब ईलम पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी का नेतृत्व करते हैं. देवानंद को चेन्नई की एक अदालत ने 1994 में आदतन अपराधी करार दिया था.

भारत ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कच्चातिवू मुद्दे पर विभिन्न सवालों को लेकर इस मामले पर विदेश मंत्री एस जयशंकर की हालिया टिप्पणी का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, 'मैं आपको बताना चाहूंगा कि जो मुद्दे उठाए गए हैं, विदेश मंत्री उन पर यहां दिल्ली में और गुजरात में भी प्रेस वार्ता में बोल चुके हैं.'

जायसवाल ने नई दिल्ली में कहा, ‘मैं कहूंगा कि आप कृपया उनकी प्रेस वार्ता को देखें. आपको अपने जवाब वहां मिल जाएंगे.’

(इनपुट - भाषा)

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