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सीरिया छोड़कर भागे पर नहीं गई अकड़, असद का बयान - मैं लड़ना चाहता था, रूसियों ने बाहर निकाला

Statement by bashar al assad: सीरिया पर विद्रोहियों के कब्‍जा करते ही देश छोड़कर भागे पूर्व राष्‍ट्रपति बशर-अल-असद का पहली बार बयान सामने आया है. असद का कहना है कि वह तब भी देश नहीं छोड़ना चाहते थे.

सीरिया छोड़कर भागे पर नहीं गई अकड़, असद का बयान - मैं लड़ना चाहता था, रूसियों ने बाहर निकाला
Shraddha Jain|Updated: Dec 17, 2024, 11:19 AM IST
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Bashar Al Assad:  सीरिया के अपदस्थ नेता बशर असद रूस में राजनीतिक शरण पर हैं. सीरिया की राजधानी दमिश्‍क पर विद्रोहियों के कब्‍जे के बाद अपने दोस्‍त रूस की मदद से देश छोड़कर भागे असद ने पहली बार कोई बयान जारी किया है. असद ने कहा है कि सरकार के पतन के बाद उनका देश छोड़ने का कोई इरादा नहीं था लेकिन पश्चिमी सीरिया में उनके आधार शिविर पर हमला होने के बाद रूसी सेना ने उन्हें वहां से बाहर निकाल लिया.  

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जारी रखना चाहता था लड़ाई

विद्रोही समूहों द्वारा सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद असद की यह पहली टिप्पणी है. असद ने फेसबुक पर एक बयान में कहा कि 8 दिसंबर की सुबह जब विद्रोहियों ने राजधानी पर हमला किया तब उन्होंने दमिश्क छोड़ दिया. उन्होंने कहा कि वे रूसी सहयोगियों के साथ समन्वय कर तटीय प्रांत लताकिया में रूसी आधार शिविर के लिए रवाना हुए, जहां उन्होंने लड़ाई जारी रखने की योजना बनाई.

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बेस कैंप पर हमले के बाद छोड़ा देश

असद ने कहा कि ड्रोन से रूसी बेस कैंप पर हमला होने के बाद रूसियों ने 8 दिसंबर की रात उन्हें रूस ले जाने का फैसला किया. असद ने कहा, ''मैंने किसी योजना के तहत देश नहीं छोड़ा जैसा कि पूर्व में बताया जा रहा था. इन घटनाओं के दौरान किसी भी समय मैंने पद छोड़ने या शरण लेने के बारे में नहीं सोचा और न ही किसी व्यक्ति या पार्टी द्वारा ऐसा कोई प्रस्ताव रखा गया था. कार्रवाई का एकमात्र तरीका आतंकवादी हमले के खिलाफ लड़ाई जारी रखना था.''

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बता दें कि 8 दिसंबर को सीरिया के विद्रोही गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) ने 11 दिन की घनघारे लड़ाई के बाद देश पर कब्जा कर लिया था. इसी के साथ विद्रोहियों ने 5 दशक पुरानी असद परिवार की सत्ता को उखाड़ फेंका था. बीते डेढ़ दशक से सीरिया गृहयुद्ध झेल रहा था. हालांकि अब तक असद सरकार रूस और ईरान की मदद से विद्रोहियों को खदेड़ने में सफल होते रही, लेकिन इस बार मामला उलट गया और उन्‍हें ही देश छोड़कर भागना पड़ा. (एजेंसी इनपुट के साथ) 

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